नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया इन दिनों सरकारी स्कूलों में चल रही सेमी ऑनलाइन क्लास की समीक्षा कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने एसकेवी शंकर नगर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया. इस संवाद के दौरान उन्होंने इस ऑनलाइन शिक्षा को लेकर अभिभावकों का फीडबैक लिया. साथ ही इसे बेहतर करने के सुझाव भी मांगे.
रखनी है आगे बढ़ने की सोच
वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस बार 98 फ़ीसदी रिजल्ट लाकर इतिहास रचा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अपनी कामयाबी पर खुशी मनाते हुए आराम से बैठ जाएं. उन्होंने कहा कि अपनी इस उपलब्धि पर आत्ममुग्ध होने के बजाय और आगे बढ़ने की सोच रखनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इस सफलता का श्रेय अभिभावको और शिक्षकों को देते हुए कहा कि सरकार ने तो केवल सुविधा बढ़ाई है लेकिन मेहनत शिक्षकों और अभिभावकों की है.
पढ़ाई के नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से संभव नहीं
वहीं उन्होंने कहा कि कोरोना माहामारी मानव जाति के लिए सबसे बड़ा संकट है. इस समय जब सारी चीजें बंद है ऐसे में भी हमें बच्चों की पढ़ाई जारी रखनी है क्योंकि कोरोना वायरस की वैक्सीन तो एक दिन बन जाएगी लेकिन शिक्षा में नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती. ऐसे में उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़े तो हमें अपने अन्य खर्चों में कटौती करनी होगी लेकिन बच्चों की पढ़ाई जारी रखनी है. वहीं उन्होंने अभिभावकों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद कहा और कहा कि आपने अपने घर को स्कूल बना दिया यह बड़ी बात है.
अभिभावकों और छात्रों से मिला भरपूर सहयोग
वहीं इस संवाद के दौरान शिक्षा मंत्री ने बच्चों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की चर्चा की. साथ ही बताया कि जो छात्र तकनीकी रूप से सशक्त नहीं है उनके अभिभावकों को स्कूल बुलाकर उन्हें वर्कशीट दी गई. इस तरह सभी बच्चों के साथ जुड़ने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण पद्धति का प्रयोग परिस्थिति को देखते हुए अचानक से करना पड़ा जिसके लिए कोई योजना तैयार नहीं थी. इसके बाद भी यह प्रयोग सफल रहा और इस प्रयोग से अभिभावकों का जुड़ना ब्लेसिंग इन डिसगाइज है.
वही संवाद के दौरान अभिभावकों ने भी ऑनलाइन शिक्षा को लेकर अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने दिल्ली सरकार की इस पहल की सराहना की. साथ ही कहा कि स्कूल के शिक्षक बच्चों पर काफी मेहनत कर रहे हैं और बच्चों को भी सीखने का अच्छा अवसर मिल रहा है.