नई दिल्ली: दिल्ली की उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी रविवार को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, द्वारका के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं. इस मौके पर उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पांच साल के कोर्स में छात्रों को अपनी क्षमता को जानने, भविष्य में आगे बढ़ने और देश की सेवा करने के लिए कानूनी विशेषज्ञता हासिल करने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दुनिया के शीर्ष संस्थानों में से एक है. यहां भारत के भविष्य के वकील, जस्टिस, चीफ-जस्टिस तैयार हो रहे हैं.
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपनों का प्रतीक है. इसलिए कानून के हर छात्र के लिए देश के संविधान के महत्व को ध्यान में रखना बेहद जरुरी है. इस विश्वविद्यालय से पढ़ रहे हर छात्र का सिर्फ एक मकसद होना चाहिए कि वो देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने में अपना योगदान दे. आने वाले पांच साल, आपकी जिन्दगी के सबसे अहम पलों में से एक होंगे. यही आपको अपनी बौद्धिक क्षमता का पता लगाने, भविष्य की राह बनाने, क्रिटिकल थिंकिंग विकसित करने का मौका देंगे. इन पांच सालों में छात्र खुद को एक जिम्मेदार लॉ प्रोफेशनल के रूप में विकसित होता देखेंगे. इसलिए सभी छात्र अपने इस समय का सदुपयोग करते हुए पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई करें.
उन्होंने आगे कहा, आप सभी यहां कानून की पढ़ाई करने आए है और आप जो कानून पढ़ेंगे उसकी बुनियाद भारतीय संविधान है. इसलिए मेरा मानना है कि इस लॉ डिग्री के पांच वर्षों के दौरान, आप सभी को हमारे देश के संविधान को ध्यान में रखना बेहद महत्वपूर्ण है. भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की और इसकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक 18 वर्ष की आयु में व्यक्तियों को वोट देने का अधिकार प्रदान करना था. भारत के बाद कई देशों ने भी महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया. हमारा संविधान दुनियाभर के कई देशों के लिए प्रेरणा रहा है.
उन्होंने कहा कि बाबसाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब से कहीं अधिक है. यह आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के लोगों के लिए एक सपने का प्रतीक है, चाहे उनकी जाति, धर्म, क्षेत्र या भाषा कुछ भी हो. यह देश के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करता है. छात्रों को याद रखना चाहिए कि आज उन्हें जिस शानदार संस्थान में पढ़ने का मौका मिल रहा है, वो देश के टैक्सपेयर्स के पैसों से बना है. ये देश के लोगों की मेहनत से बनी संस्था है. ऐसे में आपकी भी जिम्मेदारी बनती है कि जिन लोगों के कारण आप सभी को इतने बेहतरीन संस्था में पढ़ने का मौका मिल रहा है, आप उनके, समाज के और देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं.
इस मौके पर दिल्ली सरकार के समर्थन की सराहना करते हुए, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के उपकुलपति जी.एस. बाजपेयी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार इस यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के विश्वविद्यालय के प्रयासों का बहुत समर्थन कर रही हैं. गौरतलब है कि शैक्षणिक वर्ष 2023 के लिए, 20,000 से अधिक छात्र प्रतियोगी परीक्षा ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (AILET) में शमिल हुए और 123 विद्यार्थी मेरिट में चुने गए थे. इसमें भारत के 18 राज्यों के छात्र और साथ अमेरिका, कनाडा सहित कई विदेशी छात्र शामिल हैं.
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