नई दिल्ली: फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन ने बताया हाल ही में फेमा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया कि 1 जुलाई राष्ट्रीय डॉक्टर डे (National Doctors Day) के मौके पर सभी डॉक्टर स्वास्थ्य सत्याग्रह करेंगे. इस दिन फेमा FAIMA) डॉक्टर एसोसिएशन समेत अलग-अलग डॉक्टर एसोसिएशन उपवास रखेंगे साथ ही 3 घंटे एक्स्ट्रा काम किया जाएगा.
3 घंटे अतिरिक्त काम करेंगे डॉक्टर
डॉक्टर रोहन ने बताया कि बैठक में डॉक्टर एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी और अलग-अलग राज्यों से रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और सभी डॉक्टर एसोसिएशन शामिल हुई. जिसमें डॉक्टरों के अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अलग-अलग राज्यों में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसात्मक घटनाओं के विरोध में 1 जुलाई को डॉक्टर अपना विरोध जताएंगे. लेकिन इसके लिए किसी भी प्रकार से विरोध-प्रदर्शन या नारेबाजी नहीं की जाएगी, ना ही हड़ताल होगी. डॉक्टर इस दिन 3 घंटे अतिरिक्त काम करने के साथ ही उपवास रखेंगे.
डॉ. रोहन ने कहा कि जिस प्रकार से डॉक्टरों के खिलाफ हिंसात्मक घटनाएं बढ़ रही हैं, यह बेहद गंभीर विषय है. सरकार को इस पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है. क्योंकि डॉक्टर हमेशा अपने मरीज की जान बचाने के बारे में सोचता है. इस प्रकार वह हर संभव कोशिश करता है, लेकिन कई बार कोशिश नाकाम हो जाती है. जिसको लेकर डॉक्टरों को इस प्रकार की हिंसात्मक घटनाओं का सामना करना पड़ता है.
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ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाएंगे
डॉक्टर रोहन ने बताया कि 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस (National Doctors Day) के मौके पर अलग-अलग राज्यों में कई कार्यक्रम किए जाएंगे. डॉक्टर इस दौरान ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाएंगे वही कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. इसके साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को लेकर जागरूकता भी फैलाई जाएगी.
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने शुरू किया कैंपेन
डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ रही हिंसात्मक घटनाओं को लेकर दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने "'मेरा रक्तदान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के नाम' के नाम से कैंपेन की शुरुआत की है. यह कैंपेन 1 जुलाई राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे (National Doctors Day) तक चलाया जाएगा. जिसमें डॉक्टरर्स लोगों को जागरूक करेंगे.
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अमित मालवीय ने बताया हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर विधान चंद्र रॉय के जन्मदिवस को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन डॉक्टरों के बलिदान और समाज में उनके द्वारा किए गए कामों को याद किया जाता है. लेकिन जिस प्रकार से मौजूदा समय में लगातार डॉक्टरों के खिलाफ हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिल रही हैं, उसके विरोध में हम 1 जुलाई को 'हैप्पी डॉक्टर्स डे' की जगह 'रेड डॉक्टर्स डे' मनाएंगे और इस दिन ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाएगा. सभी डॉक्टर अपना रक्तदान कर डॉक्टरों के प्रति हिंसात्मक घटनाओं को लेकर विरोध व्यक्त करेंगे.
नारेबाजी और प्रदर्शन नहीं करेंगे डॉक्टर
डॉक्टर मालवीय ने कहा कि 1 जुलाई को कोई भी डॉक्टर नारेबाजी और प्रदर्शन नहीं करेगा. शांतिपूर्ण तरीके से हम अपना रक्तदान कर विरोध जताएंगे, जिससे कि लोगों की भलाई भी हो सके और हमारा विरोध भी सामने आए. इसीलिए इस दिन 'मेरा रक्तदान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के नाम' से कैंपेन शुरू किया गया है.
डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग
डॉक्टर मालवीय ने बताया कि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर एक केंद्रीय कानून लाया जाए और इसी मांग को लेकर हम 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) को रेड डॉक्टर डे के रूप में मनाएंगे.
इसलिए मनाया जाता है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
बता दें कि हर साल 1 जुलाई को भारतीय चिकित्सक डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय के जन्मदिवस और पुण्यतिथि को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत सरकार द्वारा 1991 से की गई, जिसके बाद से हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. इस दिन समाज में डॉक्टरों के बलिदान को याद कर उन्हें सम्मानित किया जाता है.
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