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कोरोना की तीसरी लहर से सावधानी की जरूरत : एक्सपर्ट - need to be careful for third corona wave

दिल्ली में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन लगाया था, जिसके बाद दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आने लगी. वहीं एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के चलते ही संक्रमण दर में कमी आई है.

dma president say that  need to be careful about third corona wave
डॉक्टर जीएस ग्रेवाल
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Published : May 27, 2021, 9:37 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी आ रही है. लगातार चौथे दिन कोरोना के मामले 2000 के नीचे दर्ज किए गए हैं. पिछले 24 घंटे में 1500 से भी कम मामले आए हैं, जिसके साथ संक्रमण दर और रोजाना संक्रमण के चलते होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आई है. जहां पिछले दिनों 400 से ज्यादा मरीजों की जान जा रही थी, वहीं वह अब गिरकर 200 के नीचे आ गई है और पिछले 24 घंटों में 130 मरीजों की जान गई है.

तीसरी लहर को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता



नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी

वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि राजधानी दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के चलते ही संक्रमण दर में कमी आई है और अब ओपीडी में भी मरीजों की संख्या कम आ रही है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जीएस ग्रेवाल ने बताया कि मौजूदा समय में भले ही मामलों में कमी आई है, लेकिन आने वाले समय में तीसरी लहर आ सकती है या नहीं? यह लोगों के ऊपर निर्भर करता है.

लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग कोरोना के बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन करते हैं, कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हैं, तभी तीसरी लहर को रोका जा सकता है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग फिर से घूमने लगेंगे, पार्टी करने लगेंगे, सोशल गैदरिंग होगी, तो फिर से मामले बढ़ सकते हैं और तीसरी लहर आ सकती है.

ये भी पढ़ें:-कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित होने पर शरीर में हो रही ऑक्सीजन की कमी


कोविड केअर सेंटर में किया जाए आइसोलेट

डॉक्टर ग्रेवाल ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों में कमी के साथ-साथ मृत्यु दर में भी कमी आई है. इसके पीछे का कारण यही है कि लोगों को सही समय पर सही इलाज मिल पा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी है कि कोई संक्रमित होता है, तो उसे होम आइसोलेशन की जगह, अस्पताल में आइसोलेट किया जाए, क्योंकि होम आइसोलेशन के दौरान कई बार एक या दो ही कमरे होने पर संक्रमण पूरे घर में और आसपास के इलाकों में फैल जाता है.

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया जब महाराष्ट्र के गांवो में संक्रमण फैला, तो उन्होंने होम आइसोलेशन को बढ़ावा नहीं दिया, जिससे कि संक्रमण को गांव में फैलने से रोका जा सका. डॉ अग्रवाल ने कहा कि घर पर जगह न हो, तो मरीजों को कोविड केयर सेंटर्स में आइसोलेट किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी आ रही है. लगातार चौथे दिन कोरोना के मामले 2000 के नीचे दर्ज किए गए हैं. पिछले 24 घंटे में 1500 से भी कम मामले आए हैं, जिसके साथ संक्रमण दर और रोजाना संक्रमण के चलते होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आई है. जहां पिछले दिनों 400 से ज्यादा मरीजों की जान जा रही थी, वहीं वह अब गिरकर 200 के नीचे आ गई है और पिछले 24 घंटों में 130 मरीजों की जान गई है.

तीसरी लहर को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता



नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी

वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि राजधानी दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के चलते ही संक्रमण दर में कमी आई है और अब ओपीडी में भी मरीजों की संख्या कम आ रही है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जीएस ग्रेवाल ने बताया कि मौजूदा समय में भले ही मामलों में कमी आई है, लेकिन आने वाले समय में तीसरी लहर आ सकती है या नहीं? यह लोगों के ऊपर निर्भर करता है.

लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग कोरोना के बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन करते हैं, कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हैं, तभी तीसरी लहर को रोका जा सकता है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग फिर से घूमने लगेंगे, पार्टी करने लगेंगे, सोशल गैदरिंग होगी, तो फिर से मामले बढ़ सकते हैं और तीसरी लहर आ सकती है.

ये भी पढ़ें:-कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित होने पर शरीर में हो रही ऑक्सीजन की कमी


कोविड केअर सेंटर में किया जाए आइसोलेट

डॉक्टर ग्रेवाल ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों में कमी के साथ-साथ मृत्यु दर में भी कमी आई है. इसके पीछे का कारण यही है कि लोगों को सही समय पर सही इलाज मिल पा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी है कि कोई संक्रमित होता है, तो उसे होम आइसोलेशन की जगह, अस्पताल में आइसोलेट किया जाए, क्योंकि होम आइसोलेशन के दौरान कई बार एक या दो ही कमरे होने पर संक्रमण पूरे घर में और आसपास के इलाकों में फैल जाता है.

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया जब महाराष्ट्र के गांवो में संक्रमण फैला, तो उन्होंने होम आइसोलेशन को बढ़ावा नहीं दिया, जिससे कि संक्रमण को गांव में फैलने से रोका जा सका. डॉ अग्रवाल ने कहा कि घर पर जगह न हो, तो मरीजों को कोविड केयर सेंटर्स में आइसोलेट किया जाना चाहिए.

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