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किसान आंदोलन: प्रदर्शनकारियों की बिगड़ रही तबीयत, DMA ने जताई चिंता

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के इलेक्ट प्रेसिडंट डॉ. जीएस ग्रेवाल ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन बीते 12 दिनों से लगातार जारी है, लेकिन सरकार उनके स्वास्थ्य पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वहां फायर और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए.

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Published : Dec 7, 2020, 4:35 PM IST

DMA expresses concern over deteriorating health of protesters
प्रदर्शनकारियों की बिगड़ रही तबीयत, DMA ने जताई चिंता

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. किसानों के इस विरोध प्रदर्शन को 10 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. ऐसे में दिल्ली से सटे अलग-अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं. इस बीच कई किसानों की तबीयत खराब होने की भी खबरें भी आ रही हैं. यहां तक कि कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो चुकी है.

प्रदर्शनकारियों की बिगड़ रही तबीयत, DMA ने जताई चिंता
वैश्विक महामारी के बीच प्रदर्शन स्थल को लेकर जताई चिंता

देश और दुनिया इस समय कोरोना महामारी से लड़ रही है. जिससे बचाव के लिए जरूरी गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंस और मास्क पहनना जरूरी है. जिसको लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने चिंता जाहिर की है. डीएमए के इलेक्ट प्रेसिडेंट डॉ. जीएस ग्रेवाल ने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि किसी भी प्रदर्शन स्थल पर कोरोना से बचाव के लिए जो जरूरी नियम है, उनका पालन नहीं हो रहा है. ये बेहद ही चिंताजनक है. लेकिन इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. ये सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के लिए सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

खुले आसमान के नीचे वायरस फैलने के कम होते हैं चांस

डॉ. ग्रेवाल ने कहा कि जहां एकसाथ 1 से अधिक लोगों की मौजूदगी होती है वहां वायरस फैलने का खतरा बेहद ज्यादा रहता है. लेकिन यह प्रूफ हुआ है कि खुले आसमान के नीचे या खुली जगह पर हवा के चलते वायरस फैलने के कम चांस होते हैं. लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि खुले आसमान के नीचे या मैदान में वायरस फैलने का खतरा बिल्कुल नहीं है.

प्रदर्शन स्थल पर किसानों को नहीं मिल पा रही मेडिकल सुविधा

डॉ. ग्रेवाल ने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में अलग-अलग राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं, ऐसे में माहौल बेहद चिंताजनक है. किसान अपने घरों से निकलकर अलग-अलग जगहों पर अपना विरोध जता रहे हैं. ऐसे में उनकी दैनिक दिनचर्या में भी बदलाव आया है. जो लोग ब्लड प्रेशर, शुगर आदि बीमारियों के मरीज हैं, वह भी अपनी शायद दवाइयां समय पर नहीं ले पा रहे हैं. जिसके चलते कई लोगों की तबीयत खराब हो रही है. ब्लड प्रेशर हाई होने के चलते सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां आ रही है. ऐसे में यह सरकार का दायित्व है कि जब किसी एक जगह पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुट रहे हैं तो वहां फायर और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जिससे किसी भी आपातकालीन समस्या से निपटा जा सके.

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. किसानों के इस विरोध प्रदर्शन को 10 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. ऐसे में दिल्ली से सटे अलग-अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं. इस बीच कई किसानों की तबीयत खराब होने की भी खबरें भी आ रही हैं. यहां तक कि कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो चुकी है.

प्रदर्शनकारियों की बिगड़ रही तबीयत, DMA ने जताई चिंता
वैश्विक महामारी के बीच प्रदर्शन स्थल को लेकर जताई चिंता

देश और दुनिया इस समय कोरोना महामारी से लड़ रही है. जिससे बचाव के लिए जरूरी गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंस और मास्क पहनना जरूरी है. जिसको लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने चिंता जाहिर की है. डीएमए के इलेक्ट प्रेसिडेंट डॉ. जीएस ग्रेवाल ने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि किसी भी प्रदर्शन स्थल पर कोरोना से बचाव के लिए जो जरूरी नियम है, उनका पालन नहीं हो रहा है. ये बेहद ही चिंताजनक है. लेकिन इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. ये सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के लिए सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

खुले आसमान के नीचे वायरस फैलने के कम होते हैं चांस

डॉ. ग्रेवाल ने कहा कि जहां एकसाथ 1 से अधिक लोगों की मौजूदगी होती है वहां वायरस फैलने का खतरा बेहद ज्यादा रहता है. लेकिन यह प्रूफ हुआ है कि खुले आसमान के नीचे या खुली जगह पर हवा के चलते वायरस फैलने के कम चांस होते हैं. लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि खुले आसमान के नीचे या मैदान में वायरस फैलने का खतरा बिल्कुल नहीं है.

प्रदर्शन स्थल पर किसानों को नहीं मिल पा रही मेडिकल सुविधा

डॉ. ग्रेवाल ने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में अलग-अलग राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं, ऐसे में माहौल बेहद चिंताजनक है. किसान अपने घरों से निकलकर अलग-अलग जगहों पर अपना विरोध जता रहे हैं. ऐसे में उनकी दैनिक दिनचर्या में भी बदलाव आया है. जो लोग ब्लड प्रेशर, शुगर आदि बीमारियों के मरीज हैं, वह भी अपनी शायद दवाइयां समय पर नहीं ले पा रहे हैं. जिसके चलते कई लोगों की तबीयत खराब हो रही है. ब्लड प्रेशर हाई होने के चलते सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां आ रही है. ऐसे में यह सरकार का दायित्व है कि जब किसी एक जगह पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुट रहे हैं तो वहां फायर और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जिससे किसी भी आपातकालीन समस्या से निपटा जा सके.

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