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डीयू: 12 अक्टूबर से दाखिला प्रक्रिया शुरू, ECA कोटे में ट्रायल आधारित दाखिले की मांग

कोविड-19 को देखते हुए डीयू प्रशासन ने इस बार ईसीए दाखिला केवल सर्टिफिकेट के आधार पर लेने का फैसला किया है. इस पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. इस पर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रो. राजेश झा ने छात्रों का एडमिशन ट्रायल आधारित लिया जाने का सुझाव दिया.

eca quota in du
डीयू ईसीए कोटा एडमिशन
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Published : Oct 1, 2020, 1:31 PM IST

नई दिल्ली: डीयू में 12 अक्टूबर से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है. वहीं एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (ईसीए) कोटा के तहत होने वाली दाखिला प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इसको लेकर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि दाखिले में पारदर्शिता बनी रहे और वस्तुनिष्ठ तरीके से दाखिले हों. इसके लिए जरूरी है कि ईसीए कोटे के तहत होने वाले दाखिले में सर्टिफिकेट की जगह छात्रों का एडमिशन ट्रायल आधारित लिया जाए.

ECA कोटे में ट्रायल आधारित दाखिले की मांग
'डीयू दाखिला प्रक्रिया का केन्द्रीयकरण छात्रहित में नहीं'बता दें कि डीयू में एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज (ईसीए) कोटा के तहत भी दाखिले लिए जाते हैं, जो पूरी तरह ट्रायल आधारित होते हैं. वहीं कोविड-19 को देखते हुए डीयू प्रशासन ने इस बार ईसीए दाखिला केवल सर्टिफिकेट के आधार पर लेने का फैसला किया है. इस पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. इसको लेकर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रो. राजेश झा ने कहा कि अगर परिस्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेजों को ईसीए के तहत ट्रायल लेने की अनुमति दे दे, तो बिना किसी समस्या के ट्रायल लिए जा सकेंगे.



वस्तुनिष्ठ दाखिला प्रक्रिया के लिए ट्रायल जरूरी

प्रो. झा ने कहा कि ईसीए में छात्रों के हुनर का ट्रायल लेकर दाखिला दिया जाता रहा है पर इस बार डीयू प्रशासन लगातार अपनी मनमानी कर रहा है जिसके चलते ईसीए दाखिला भी ट्रायल के बिना केवल सर्टिफिकेट के आधार पर ही लिए जाने का फैसला किया गया है.

वहीं उन्होंने बताया कि मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना व राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह सहित कला जगत के दिग्गजों ने भी इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें ये संदेह है कि मेरिट छात्र के सही हुनर के आंकलन का आधार नहीं बन सकता है. ऐसे में अगर किसी कारण मेरिट कम होने के चलते कोई भी प्रतिभाशाली छात्र दाखिले से वंचित हो जाता है, तो ये उसके साथ नाइंसाफी होगी.



कोविड-19 में भी ट्रायल लेने के हैं कई विकल्प

वहीं उन्होंने कहा कि कोविड-19 में भी सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए ट्रायल लिया जा सकता है. साथ ही कहा कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले छात्रों के लिए भी स्थिति को देखते हुए ट्रायल के विकल्प निकाले जा सकते हैं. ऐसे में उन्होंने डीयू प्रशासन से मांग की है कि ईसीए कोटे के तहत ट्रायल आधारित दाखिला ही लिया जाए.

बता दें कि ईसीए कोटा के तहत ट्रॉयल आधारित दाखिला प्रक्रिया के समर्थन में सोनल मानसिंह सहित कई कलाकार भी सामने आए थे.

नई दिल्ली: डीयू में 12 अक्टूबर से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है. वहीं एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (ईसीए) कोटा के तहत होने वाली दाखिला प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इसको लेकर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि दाखिले में पारदर्शिता बनी रहे और वस्तुनिष्ठ तरीके से दाखिले हों. इसके लिए जरूरी है कि ईसीए कोटे के तहत होने वाले दाखिले में सर्टिफिकेट की जगह छात्रों का एडमिशन ट्रायल आधारित लिया जाए.

ECA कोटे में ट्रायल आधारित दाखिले की मांग
'डीयू दाखिला प्रक्रिया का केन्द्रीयकरण छात्रहित में नहीं'बता दें कि डीयू में एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज (ईसीए) कोटा के तहत भी दाखिले लिए जाते हैं, जो पूरी तरह ट्रायल आधारित होते हैं. वहीं कोविड-19 को देखते हुए डीयू प्रशासन ने इस बार ईसीए दाखिला केवल सर्टिफिकेट के आधार पर लेने का फैसला किया है. इस पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. इसको लेकर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रो. राजेश झा ने कहा कि अगर परिस्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेजों को ईसीए के तहत ट्रायल लेने की अनुमति दे दे, तो बिना किसी समस्या के ट्रायल लिए जा सकेंगे.



वस्तुनिष्ठ दाखिला प्रक्रिया के लिए ट्रायल जरूरी

प्रो. झा ने कहा कि ईसीए में छात्रों के हुनर का ट्रायल लेकर दाखिला दिया जाता रहा है पर इस बार डीयू प्रशासन लगातार अपनी मनमानी कर रहा है जिसके चलते ईसीए दाखिला भी ट्रायल के बिना केवल सर्टिफिकेट के आधार पर ही लिए जाने का फैसला किया गया है.

वहीं उन्होंने बताया कि मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना व राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह सहित कला जगत के दिग्गजों ने भी इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें ये संदेह है कि मेरिट छात्र के सही हुनर के आंकलन का आधार नहीं बन सकता है. ऐसे में अगर किसी कारण मेरिट कम होने के चलते कोई भी प्रतिभाशाली छात्र दाखिले से वंचित हो जाता है, तो ये उसके साथ नाइंसाफी होगी.



कोविड-19 में भी ट्रायल लेने के हैं कई विकल्प

वहीं उन्होंने कहा कि कोविड-19 में भी सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए ट्रायल लिया जा सकता है. साथ ही कहा कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले छात्रों के लिए भी स्थिति को देखते हुए ट्रायल के विकल्प निकाले जा सकते हैं. ऐसे में उन्होंने डीयू प्रशासन से मांग की है कि ईसीए कोटे के तहत ट्रायल आधारित दाखिला ही लिया जाए.

बता दें कि ईसीए कोटा के तहत ट्रॉयल आधारित दाखिला प्रक्रिया के समर्थन में सोनल मानसिंह सहित कई कलाकार भी सामने आए थे.

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