अहमदाबाद: गुजरात की सूरत साइबर पुलिस की टीम ने साइबर अपराध करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया और उसके तीन सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया है. इतना ही नहीं पुलिस ने 281 बैंक अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया है. इस संबंध में सूरत पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि पुलिस ने 281 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. इन अकाउंट से पैसे दुबई भेजे जा रहे थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गहलोत ने कहा, "बैंक को फ्रीज करने के अलावा, कई पासबुक, डेबिट कार्ड और लैपटॉप भी जब्त किए गए हैं. मामले में देश भर के विभिन्न शहरों में इन सदस्यों के खिलाफ 210 एफआईआर दर्ज की गई हैं." गहलोत ने आगे कहा कि गिरोह के ज्यादातर सदस्यों ने कभी अपना पूरा नाम नहीं उजागर नहीं और उपलब्ध जानकारी की मदद से इनके स्केच बनाए गए.
पुलिस ने तैयार किए स्कैच
उन्होंने कहा, "जांच के दौरान, हमें पता चला कि अधिकांश सदस्यों ने कभी अपना पूरा नाम नहीं बताया, इसलिए हमारे पास जो जानकारी थी, उसके आधार पर सदस्यों के स्केच बनाए गए और उसके आधार पर दुबई से काम करने वाले दो सदस्यों का पता चला. हमने उनके पासपोर्ट की पहचान की और पता चला कि वे दुबई में थे. वे पीड़ितों को 'डिजिटल रूप से गिरफ्तार' करते थे."
पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत का बयान
पुलिस आयुक्त ने अन्य शहरों के पुलिस कर्मचारियों से आरोपियों के स्केच अन्य शिकायतकर्ताओं के साथ भी साझा करने की अपील की, ताकि आरोपियों को अधिक प्रभावी ढंग से पकड़ने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा, "मैं पुलिस से अपील करता हूं कि वे स्केच शिकायतकर्ताओं के साथ साझा करें, ताकि हम आरोपियों को आसानी से ढूंढ सकें." फिलहाल मामले की आगे की जांच चल रही है.
इससे पहले 17 अक्टूबर को गुजरात पुलिस ने सफिया मंजिल बिल्डिंग के मालिक और उसके दो बेटों को गिरफ़्तार किया, जिन पर साइबर अपराध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत के अनुसार, छापेमारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा की गई थी और बिल्डिंग के मालिक की पहचान मकबूल के रूप में हुई, जिसे उसके दो बेटों काशिफ और माज के साथ गिरफ़्तार किया गया.
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