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डीटीसी के महिला बस डिपो कर्मचारियों के समर्थन में उतरे अन्य डिपो के चालक, प्रदर्शन हुआ तेज

-महिला बस डिपो कर्मचारियों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी. -बसों का संचालन हुआ प्रभावित.

महिला बस डिपो कर्मचारियों के समर्थन में अन्य डिपो के कर्मचारियों
महिला बस डिपो कर्मचारियों के समर्थन में अन्य डिपो के कर्मचारियों (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) द्वारा शनिवार को देश के पहले ऑल-वुमन बस डिपो की शुरुआत की गई, लेकिन पहले ही दिन महिला कर्मचारियों ने इसे लेकर विरोध कर दिया. उन्होंने कहा कि डिपो में काम करने की शर्तें उचित नहीं हैं और पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से 'समान कार्य समान वेतन' की मांग की जो कि, जिसे लेकर रविवार को भी प्रदर्शन जारी है. इतना ही नहीं, उनके समर्थन में दिल्ली के अन्य डिपो के चालक-परिचालक भी उतर आए हैं. रविवार को करीब एक दर्जन डिपो में कर्मचारियों का प्रदर्शन किया गया, जिससे दिल्ली में बसों का संचालन प्रभावित हुआ है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने बताया कि महिलाओं के समर्थन में दिल्ली के अंबेडकर नगर डिपो, ओखला डिपो, टेकन डिपो, कालकाजी डिपो, नारायणा डिपो, शादीपुर डिपो, केशवपुर डिपो व अन्य डिपो में कर्मचारी बसों को न चला कर 'समान कार्य समान वेतन' समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के चलते करीब एक हजार बसें रविवार को दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा.

कई मुद्दों को लेकर विरोध: गौरतलब है कि शनिवार को प्रदर्शन के सरोजिनी नगर में महिला बस डिपो के उद्घाटन बाद महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था. महिला बस डिपो पर बसों के संचालन से संबंधित सभी कार्यों को केवल महिला कर्मचारी ही संभालेंगी. शनिवार को प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कहा था कि वे सभी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. साथ ही डीटीसी के निजीकरण व अन्य मुद्दों को लेकर भी उन्होंने जमकर विरोध किया था. आरोप है कि पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कर्मचारियों को कोई खास आश्वासन नहीं दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) द्वारा शनिवार को देश के पहले ऑल-वुमन बस डिपो की शुरुआत की गई, लेकिन पहले ही दिन महिला कर्मचारियों ने इसे लेकर विरोध कर दिया. उन्होंने कहा कि डिपो में काम करने की शर्तें उचित नहीं हैं और पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से 'समान कार्य समान वेतन' की मांग की जो कि, जिसे लेकर रविवार को भी प्रदर्शन जारी है. इतना ही नहीं, उनके समर्थन में दिल्ली के अन्य डिपो के चालक-परिचालक भी उतर आए हैं. रविवार को करीब एक दर्जन डिपो में कर्मचारियों का प्रदर्शन किया गया, जिससे दिल्ली में बसों का संचालन प्रभावित हुआ है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने बताया कि महिलाओं के समर्थन में दिल्ली के अंबेडकर नगर डिपो, ओखला डिपो, टेकन डिपो, कालकाजी डिपो, नारायणा डिपो, शादीपुर डिपो, केशवपुर डिपो व अन्य डिपो में कर्मचारी बसों को न चला कर 'समान कार्य समान वेतन' समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के चलते करीब एक हजार बसें रविवार को दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतरी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा.

कई मुद्दों को लेकर विरोध: गौरतलब है कि शनिवार को प्रदर्शन के सरोजिनी नगर में महिला बस डिपो के उद्घाटन बाद महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था. महिला बस डिपो पर बसों के संचालन से संबंधित सभी कार्यों को केवल महिला कर्मचारी ही संभालेंगी. शनिवार को प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कहा था कि वे सभी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. साथ ही डीटीसी के निजीकरण व अन्य मुद्दों को लेकर भी उन्होंने जमकर विरोध किया था. आरोप है कि पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कर्मचारियों को कोई खास आश्वासन नहीं दिया था.

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