नई दिल्ली: दिल्ली सरकार इकोटूरिज्म और हरित रोजगार को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है. इससे जीडीपी सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली सरकार का इको टूरिज्म का 10 प्रतिशत और 5 प्रतिशत हरित रोजगार को भी बढ़ाने का लक्ष्य है. यमुना रिवर फ्रंट और बायोडायवर्सिटी पार्क समेत अन्य कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरे होने पर इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. इस दिशा में काम होने से दिल्ली के प्रदूषण में कमी आएगी और हवा की गुणवत्ता भी ठीक होगी.
इकोटूरिज्म पर्यावरण का संरक्षण करती है
जीडीपी में इकोटूरिज्म और हरित रोजगार का वर्तमान योगदान ना के बराबर है. द इंटरनेशनल इकोटूरिज्म सोसाइटी के मुताबिक इकोटूरिज्म पर्यावरण का संरक्षण करती है. यमुना रिवरफ्रंट, असिता और बायोडायवर्सिटी पार्क जैसी कई पर्यावरण-परियोजनाएं चल रही हैं. इनके एक बार पूरी तरह से विकसित हो जाने पर इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के अधिकारियों के मुताबिक हरित नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है. सौर नीति को अंतिम रूप देने की जरूरत है, जिससे अधिक नौकरियां पैदा की जा सकें.
दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में इको टूरिज्म को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाएगा. वर्तमान समय मे राजधानी दिल्ली में का वन क्षेत्र 13.1 प्रतिशत है जो औसत 21.7 प्रतिशत से कम है. वन क्षेत्र वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है और भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. वन विभाग दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में 2.4 हेक्टेयर जमीन पर अपना पहला मियावाकी जंगल बनाने की योजना बना रहा है. ऐसा ही एक और जंगल नजफगढ़ के जैनपुर गांव में भी बनाने की योजना है.
दिल्ली में तेजी से वन क्षेत्र कम हो रहे है -दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि राजधानी दिल्ली में तेजी से वन क्षेत्र कम हो रहे है. हाई कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने के लिए कहा था, जिससे दिल्ली में वन क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके.