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सामान्य रहेगा दिल्ली का मौसम, कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना

Indian Meteorological Department के पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली में बादल छाए रहने के साथ ही कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. हालांकि आज दिल्ली का मौसम सामान्य रहेगा और शाम को तेज हवा चलने का अनुमान है.

Delhi Weather Update Today
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Published : Aug 24, 2022, 10:45 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से उमस भरी गर्मी जेल रहे लोगों को मौसम में बदलाव से राहत मिली है. आज दिल्ली में बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर हल्की बरसात का अनुमान है. हालांकि दिल्ली में मौसम आज सामान्य रहेगा. लेकिन हल्के बादल छाए रहेंगे और शाम को तेज हवा चलने का अनुमान भी जताया गया है. Indian Meteorological Department Forecast

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (Indian Meteorological Department) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में आज सुबह 8:30 बजे राजधानी दिल्ली का न्यूनतम तापमान सफदरजंग के क्षेत्र में 25.7, पालम 26, लोधी रोड 25.2, रिज 23.8 और आया नगर में 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया गया है.

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (Indian Meteorological Department) कैसे मौसम की जानकारी के साथ ही मौसम का पूर्वानुमान भी लगाता है. जानें-

मौसम तथा उससे निर्धारित होने वाली जलवायु के लिए कुछ मूल तत्व हैं, जिनमें तापमान, आर्द्रता, वायु का दबाव या वायुभार, पवन और उसके बहाव की दिशा, बादल, वर्षा आदि प्रमुख हैं. किसी क्षेत्र के लिए मौसम की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के यंत्रों को बनाया है. जिसकी सहायता से केवल मौसम की जानकारी ही नहीं मिलती है बल्कि मौसम का पूर्वानुमान भी लगाया जता है.

किसी भी मौसम के लिए तापमान सबसे महत्वपूर्ण अवयव है. वातावरण में ताप की स्थिति को मापने वाले यंत्र को तापमापी या थर्मामीटर कहते हैं. तापमापी यंत्र का निर्माण इस मौलिक सिद्धांत के अनुसार किया गया है कि विभिन्न पदार्थों पर तापमान के परिवर्तन की भिन्न प्रक्रिया होती है. तापमापी की नली में जिस पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, वह पारा होता है. शीशे की नली में रखा हुआ यह पदार्थ गर्म होने पर तेजी से फैलता है और ऊपर की ओर चढ़ता है. इसके विपरीत ठंडक होने पर अधिक सिकुड़ता है. इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कांच की नली में यह द्रव ताप अधिक होने पर ऊंचा उठकर अधिक तापमान की सूचना देता है. ताप कम होने पर यह द्रव सिकुड़ता है और नीचे की ओर उतरकर कम तापमान का संकेत देता है. द्रव की इस नली पर अंशों में (डिग्री) अंक बने रहते हैं, जिन्हें पढ़कर तापमान का पता चलता है.

मुख्यतः तापमान को 'सेल्सियस' या 'फॉरेनहाइट' के अंशों (डिग्री) में अभिव्यक्त किया जाता है. भारत में दशमलव प्रणाली के अनुसार बने सेल्सियस तापमापी का उपयोग अधिक किया जाता है. तापमान में पानी जमने (हिमांक) तथा पानी उबलने (क्वथनांक) की स्थिति को विशेष महत्व दिया जाता है. सेल्सियस के अनुसार, सागर तल पर बर्फ या हिमबिंदु को 0 डिग्री (शून्य अंश) तथा पानी उबलने की स्थिति को 100 डिग्री (एक सौ अंश) की मान्यता दी गई है, जबकि मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री से 0 डिग्री माना जाता है.

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से उमस भरी गर्मी जेल रहे लोगों को मौसम में बदलाव से राहत मिली है. आज दिल्ली में बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर हल्की बरसात का अनुमान है. हालांकि दिल्ली में मौसम आज सामान्य रहेगा. लेकिन हल्के बादल छाए रहेंगे और शाम को तेज हवा चलने का अनुमान भी जताया गया है. Indian Meteorological Department Forecast

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (Indian Meteorological Department) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में आज सुबह 8:30 बजे राजधानी दिल्ली का न्यूनतम तापमान सफदरजंग के क्षेत्र में 25.7, पालम 26, लोधी रोड 25.2, रिज 23.8 और आया नगर में 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. वहीं आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया गया है.

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (Indian Meteorological Department) कैसे मौसम की जानकारी के साथ ही मौसम का पूर्वानुमान भी लगाता है. जानें-

मौसम तथा उससे निर्धारित होने वाली जलवायु के लिए कुछ मूल तत्व हैं, जिनमें तापमान, आर्द्रता, वायु का दबाव या वायुभार, पवन और उसके बहाव की दिशा, बादल, वर्षा आदि प्रमुख हैं. किसी क्षेत्र के लिए मौसम की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के यंत्रों को बनाया है. जिसकी सहायता से केवल मौसम की जानकारी ही नहीं मिलती है बल्कि मौसम का पूर्वानुमान भी लगाया जता है.

किसी भी मौसम के लिए तापमान सबसे महत्वपूर्ण अवयव है. वातावरण में ताप की स्थिति को मापने वाले यंत्र को तापमापी या थर्मामीटर कहते हैं. तापमापी यंत्र का निर्माण इस मौलिक सिद्धांत के अनुसार किया गया है कि विभिन्न पदार्थों पर तापमान के परिवर्तन की भिन्न प्रक्रिया होती है. तापमापी की नली में जिस पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, वह पारा होता है. शीशे की नली में रखा हुआ यह पदार्थ गर्म होने पर तेजी से फैलता है और ऊपर की ओर चढ़ता है. इसके विपरीत ठंडक होने पर अधिक सिकुड़ता है. इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कांच की नली में यह द्रव ताप अधिक होने पर ऊंचा उठकर अधिक तापमान की सूचना देता है. ताप कम होने पर यह द्रव सिकुड़ता है और नीचे की ओर उतरकर कम तापमान का संकेत देता है. द्रव की इस नली पर अंशों में (डिग्री) अंक बने रहते हैं, जिन्हें पढ़कर तापमान का पता चलता है.

मुख्यतः तापमान को 'सेल्सियस' या 'फॉरेनहाइट' के अंशों (डिग्री) में अभिव्यक्त किया जाता है. भारत में दशमलव प्रणाली के अनुसार बने सेल्सियस तापमापी का उपयोग अधिक किया जाता है. तापमान में पानी जमने (हिमांक) तथा पानी उबलने (क्वथनांक) की स्थिति को विशेष महत्व दिया जाता है. सेल्सियस के अनुसार, सागर तल पर बर्फ या हिमबिंदु को 0 डिग्री (शून्य अंश) तथा पानी उबलने की स्थिति को 100 डिग्री (एक सौ अंश) की मान्यता दी गई है, जबकि मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री से 0 डिग्री माना जाता है.

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