नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय पहली बार कॉलेजों में प्रोफेसरों की नियुक्ति करने जा रहा है. जिसके लिए 15 नवंबर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अभी तक केवल डीयू विभागों में ही प्रोफेसर नियुक्त होते थे, जबकि कॉलेजों में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के ही पद थे. डीयू की इस पहल का दिल्ली टीचर एसोसिएशन ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस पहल से शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा.
15 नवंबर से शुरू होगी नियुक्ति
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डीयू के कॉलेजों में प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की पहल की गई है. इसके लिए विशेष कमेटी का भी गठन किया गया है, जो तय समय में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कराएगी. यह नियुक्ति प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होगी. इसको लेकर डीन ऑफ कॉलेज डॉ. बलराम पाणि ने बताया कि अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों में ही प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाती थी, जिनके नेतृत्व में छात्र शोध कार्य करते थे. जबकि कॉलेजों में केवल एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर ही नियुक्त किए जाते थे. उन्होंने बताया एसोसिएट प्रोफेसर का प्रमोशन कर उन्हें प्रोफ़ेसर बना दिया जाएगा. वहीं नवंबर माह के अंत तक बड़े पैमाने पर कॉलेज में प्रोफेसर की नियुक्ति कर ली जाएगी.
शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
वहीं डॉ. बलराम पाणि ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की इस पहल से कॉलेजों में शोध कार्य को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कॉलेज के प्रोफेसर के अंतर्गत ही छात्र शोध कार्य करेंगे और कॉलेजों की लैबोरेटरी की भी स्थिति बेहतर होगी.
टीचर एसोसिएशन ने किया स्वागत
दिल्ली टीचर एसोसिएशन प्रभारी प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि 20 साल पहले भी इस तरह की कोशिश की गई थी, जब रामजस कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर नियुक्त किया गया था. लेकिन कुछ कारणों के चलते बाद में उसे वापस ले लिया गया. उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सभी कॉलेजों में प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है, जोकि सराहनीय पहल है. उन्होंने कहा कि इस कदम से कॉलेज में प्रोफेसर अपने अंतर्गत पीएचडी कर रहे छात्रों से शोध कार्य भी करा सकेंगे. साथ ही उन कॉलेजों में भी अब एमएससी, एमकॉम और एमए पाठ्यक्रम शुरू होने की उम्मीद जगी है, जिनमें अभी तक पोस्ट ग्रेजुएशन के कोई भी कोर्स नहीं थे.