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दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की चेतावनी, 19 फरवरी को करेंगे प्रदर्शन - दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन प्रदर्शन न्यूज

केंद्र और दिल्ली सरकार की नीतियों से परेशान होकर दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि वे 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. एसोसिएशन का कहना है कि दिल्ली के टैक्सी और बस चालक लंबे समय से आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं.

Delhi Taxi Tourist Transport Association warns
दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की चेतावनी
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Published : Feb 17, 2021, 5:31 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने एलान किया है कि 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर केंद्र और दिल्ली सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि काफी लंबे समय से दिल्ली के टैक्सी, बस चालक आर्थिक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र या दिल्ली सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, बल्कि लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर लाखों रुपये के चालान काटे जा रहे हैं. वहीं लोक अदालत के नाम पर सुबह से लेकर शाम तक लाइनों में खड़े चालक परेशान हो रहे हैं.

दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की चेतावनी

पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे
एसोसिएशन का कहना है कि इतना ही नहीं, बल्कि रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में चालकों पर दोहरी मार पड़ रही है. उसके साथ ही अलग-अलग तरीके के नियम, जिसमें दिल्ली में 40 किलोमीटर की लिमिट और हाईवे पर 80 किलोमीटर की लिमिट चालकों को जंजीरों में बांध रही है, लेकिन प्राइवेट वाहनों पर किसी तरीके की कोई बंदिश नहीं है, जबकि 95 फ़ीसदी दुर्घटना प्राइवेट वाहनों से होती है.

चालकों से वसूला जा रहा लाखों का जुर्माना
इसके साथ ही एसोसिएशन ने अन्य समस्याएं बताते हुए कहा कि पैनिक बटन के नाम पर चालकों से 9 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. वहीं स्पीड गवर्नर की हर साल जांच के नाम पर 2500 रुपये देने पड़ रहे हैं. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग टैक्सी और बसों की फिटनेस नहीं कर रहा है, जबकि ओला-उबर जैसी कंपनियों को सरकार पूरा समर्थन दे रही है. साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ही लगातार टैक्सी और बस मालिकों को परेशान किया जा रहा है. आड़े-टेढ़े नियमों का हवाला देकर गाड़ियों को बंद कर उनका रोजगार छीना जा रहा है.

ये भी पढ़ें:-केजरीवाल 3.0 के एक साल पूरा होने बोले सोमनाथ भारती- हमारे काम की चर्चा पूरे देश में

सरकार के सामने चालकों ने रखी अपनी मांगें
दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग है कि ओला-उबर जैसी कंपनियों का किराया सरकार खुद तय करे. साथ ही अब तक के सभी स्पीड के चालान माफ किए जाएं. ऑल इंडिया टूरिस्ट टैक्सी बसों को 9 साल तक का परमिट दिया जाए. दिल्ली एनसीआर समेत पूरे भारत में 2 साल के लिए सभी कॉमर्शियल टैक्सी और बस और ऑटो का परमिट बढ़ाया जाए. वाहनों से एमसीडी टोल हटाया जाए. वहीं लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतें तुरंत कम की जाएं.

ये भी पढ़ें:-पकड़ा गया लाल किला पर तलवार लहराने वाला मनिंदर, वीडियो देख रैली में हुआ था शामिल

जंतर-मंतर पर इकट्ठा होंगे चालक
एसोसिएशन का कहना है कि यह हमारी निम्नलिखित मांगें हैं. अगर यह पूरी नहीं की जाती हैं, तो हम 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर तमाम टैक्सी, बस और ऑटो चालकों के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने एलान किया है कि 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर केंद्र और दिल्ली सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि काफी लंबे समय से दिल्ली के टैक्सी, बस चालक आर्थिक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र या दिल्ली सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, बल्कि लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर लाखों रुपये के चालान काटे जा रहे हैं. वहीं लोक अदालत के नाम पर सुबह से लेकर शाम तक लाइनों में खड़े चालक परेशान हो रहे हैं.

दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की चेतावनी

पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे
एसोसिएशन का कहना है कि इतना ही नहीं, बल्कि रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में चालकों पर दोहरी मार पड़ रही है. उसके साथ ही अलग-अलग तरीके के नियम, जिसमें दिल्ली में 40 किलोमीटर की लिमिट और हाईवे पर 80 किलोमीटर की लिमिट चालकों को जंजीरों में बांध रही है, लेकिन प्राइवेट वाहनों पर किसी तरीके की कोई बंदिश नहीं है, जबकि 95 फ़ीसदी दुर्घटना प्राइवेट वाहनों से होती है.

चालकों से वसूला जा रहा लाखों का जुर्माना
इसके साथ ही एसोसिएशन ने अन्य समस्याएं बताते हुए कहा कि पैनिक बटन के नाम पर चालकों से 9 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. वहीं स्पीड गवर्नर की हर साल जांच के नाम पर 2500 रुपये देने पड़ रहे हैं. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग टैक्सी और बसों की फिटनेस नहीं कर रहा है, जबकि ओला-उबर जैसी कंपनियों को सरकार पूरा समर्थन दे रही है. साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ही लगातार टैक्सी और बस मालिकों को परेशान किया जा रहा है. आड़े-टेढ़े नियमों का हवाला देकर गाड़ियों को बंद कर उनका रोजगार छीना जा रहा है.

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सरकार के सामने चालकों ने रखी अपनी मांगें
दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग है कि ओला-उबर जैसी कंपनियों का किराया सरकार खुद तय करे. साथ ही अब तक के सभी स्पीड के चालान माफ किए जाएं. ऑल इंडिया टूरिस्ट टैक्सी बसों को 9 साल तक का परमिट दिया जाए. दिल्ली एनसीआर समेत पूरे भारत में 2 साल के लिए सभी कॉमर्शियल टैक्सी और बस और ऑटो का परमिट बढ़ाया जाए. वाहनों से एमसीडी टोल हटाया जाए. वहीं लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतें तुरंत कम की जाएं.

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जंतर-मंतर पर इकट्ठा होंगे चालक
एसोसिएशन का कहना है कि यह हमारी निम्नलिखित मांगें हैं. अगर यह पूरी नहीं की जाती हैं, तो हम 19 फरवरी को जंतर-मंतर पर तमाम टैक्सी, बस और ऑटो चालकों के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे.

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