नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर इंटरनेशनल लेवल पर अभियान चलाकर विदेश से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भारत की सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई), अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) और इंटरपोल के साथ मिलकर अभियान चलाया हैं. ये लोग अमेरिकी नागरिकों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में फंसाने की धमकी देकर उनसे लाखों डॉलर वसूलते थे. ये चारों भारत के अलग अलग राज्यों के रहने वाले हैं.
चारों युगांडा, कनाडा और भारत में कॉल सेंटर चलते थे और अमेरिकी नागरिकों को टारगेट करते थे. ये लोग अमेरिका के वॉशिंगटन इंटरपोल के डायरेक्टर और ड्रग इनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) के डॉक्टर उत्तम ढिल्लो के नाम से अमेरिका के अरबपतियों को कॉल करते थे. कॉल करके ये लोग उनसे कहते थे कि बॉर्डर पर जांच के दौरान चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से संबंधित कुछ वीडियो मिली है. इनमें उनका नाम आ रहा है. यह गंभीर अपराध है जिसमें वह बुरी तरह से फंस सकते हैं. इसके बाद यह लोग मामले को रफा-दफा करने के लिए लाखों रुपये की मांग करते थे.
एक लाख डॉलर से कम में नहीं करते थे डीलः पुलिस ने बताया कि उत्तम ढिल्लो नशा तस्करों और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी करने वाले लोगों की धरपकड़ करने के मामले में अमेरिका में बहुत बड़ा नाम है. पीड़ित जब गूगल पर उत्तम ढिल्लो के बारे में सर्च करते थे तो वाकई में उनका नाम आ जाता था. क्योंकि उत्तम ढिल्लो अमेरिकन इंटरपोल के बहुत बड़े अधिकारी है. इसके बाद पीड़ित आरोपियों से मामला रफा-दफा करने को लेकर सौदेबाजी करने लगते थे. वह किसी भी मामले में एक लाख डॉलर से कम की डील नहीं करते थे. डील फाइनल होने के बाद आरोपी पीड़ित से सोना, डॉलर, क्रिप्टो करेंसी या अन्य किसी तरह से पैसे वसूलते थे. ये लोग भारत और युगांडा में कई जगह अपने कॉल सेंटर के जरिए अरबपतियों को कॉल करके उन्हें अपने चंगुल में फंसाने थे. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने अरबों रुपये के ठगी के मामलों को उजागर किया है.
अब तक सामने आ चुके हैं 50 पीड़ितः स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने दिल्ली पुलिस के साथ कुछ सूचना साझा किया. जिसमें कई पीड़तों से 10 मिलियन डॉलर की वसूली की गई थी. एफबीआई ने जो सूचना साझा की थी उसके तहत पार्थ अरमारकर नाम का व्यक्ति खुद को उत्तम ढिल्लो बताते हुए लोगों को कॉल करके उन्हें अपने चंगुल में फंसा था. पुलिस ने इसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया तो पता चला कि वह गुजरात का रहने वाला है और अमेरिका, युगांडा आदि देशों की यात्रा करता रहता है.
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पुलिस ने उसे अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर उसके तीन अन्य साथी भी गिरफ्तार कर लिए गए. जिनकी पहचान अहमदाबाद निवासी वत्सल मेहता, जनकपुरी निवासी दीपक अरोड़ा, डाबड़ी निवासी प्रशांत कुमार के रूप में हुई है. वत्सल मेहता इस गिरोह का सरगना है. एफबीआई ने अभी तक 50 पीड़ितों से पूछताछ की है. पूछताछ के आधार पर पता चला है कि यह लोग पीड़ितों से एक लाख डॉलर की डील करते थे. दिल्ली पुलिस ने भी दो पीड़ितों से वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ की है. धालीवाल ने बताया कि अभी और भी पीड़ितों के सामने आने की उम्मीद है.
शिकार की तलाश के लिए रखी रिसर्च टीमः आरोपियों ने अपने शिकार की तलाश के लिए एक रिसर्च टीम रखी है. यह लोग सोशल मीडिया से लेकर कई अन्य तरीकों से ऐसे लोगों की पहचान करते थे, जो लोग चाइल्ड पोर्नोग्राफी की वेबसाइट पर विजिट करते थे. यह लोग संबंधित व्यक्ति के करीबियों से भी उनके बारे में जानकारी हासिल करते थे और उसके बाद उन्हें टारगेट करते थे.
मैक्सिको से गिरफ्तार हुआ था गैंगस्टर दीपक बॉक्सरः इससे पहले दिल्ली पुलिस अप्रैल में गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को मैक्सिको से गिरफ्तार कर भारत लाई थी. यह इस तरह का दिल्ली पुलिस का पहला अभियान था. सफलता की इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस ने अब चार बड़े ठगों को गिरफ्तार किया है.
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