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नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर कल फैसला सुनाएगा साकेत कोर्ट

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की बरामदगी के मामले में आरोपी नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज संदीप गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कल यानि 13 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर कल फैसला सुनाएगा साकेत कोर्ट
नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर कल फैसला सुनाएगा साकेत कोर्ट
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Published : May 12, 2021, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की बरामदगी के मामले में आरोपी नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज संदीप गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कल यानि 13 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- NSUI महासचिव ने गृहमंत्री के लापता होने की पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

FIR के आरोप गलत

नवनीत कालरा की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि हमें निष्पक्ष ट्रायल मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजकल कोर्ट में दोषी साबित होने से पहले सोशल मीडिया में आरोपी को दोषी साबित कर दिया जाता है. नवनीत कालरा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि एफआईआर में जो भी आरोप लगाए गए हैं वे पूरी तरह से गलत हैं. उन्होंने कहा कि कालरा के रेस्टोरेंट से जो ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की जब्ती की गई है वहां के मैनेजर और कर्मचारियों को भी बेवजह गिरफ्तार किया गया है.

पूरी की गई सभी कानूनी प्रक्रियाएं

पाहवा ने कहा कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए जीएसटी चुकाया गया और कस्टम से क्लियरेंस भी ली गई. उन्होंने कहा कि आयात भी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ और उसे बेचा भी ऐप के जरिये गया. ऐसे में ये ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर अवैध कैसे हो गए. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर तो पुलिस अफसरों ने भी खरीदा. नेताओं, जजों और कई लोगों ने खरीदा.

तय नहीं की गई ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की कीमत

पाहवा ने कहा कि पुलिस कह रही है कि ये महंगे दामों पर बेचे गए जबकि केंद्र सरकार ने आज तक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को लेकर कोई कीमत तय नहीं की है. उन्होंने कहा कि कालरा के यहां 70 हजार रुपये का ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर था लेकिन बाजार में ये दो लाख तक का बिक रहा है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कंसेट्रेटर की कीमत उसके क्वालिटी और कितने लीटर का है इससे तय होते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कोई वस्तु आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाई जाती है तो उसका रेट तय कर दिया जाता है और अगर कोई भी व्यक्ति सरकार के तय किये गए रेट से ज्यादा वसूलता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है. लेकिन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को इस दायरे में लाया ही नहीं गया.

उन्होंने कहा कि एक तरफ हाई पावर्ड कमेटी कह रही है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को गिरफ्तार नहीं करें. पुलिस इस दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी इसलिए की जा रही है ताकि कोरोना संकट के दौरान बाकी और चीजों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.

अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि कालरा काफी प्रभावशाली है. उन्होंने कहा कि आरोपी की ओर से पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की. श्रीवास्तव ने 1984 के दंगे के हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि 1984 दंगे के फैसले में कहा गया है कि असाधारण परिस्थिति में असाधारण कार्रवाई की जरुरत होती है. उन्होंने कहा कि हम सबने कभी कोरोना का संकट नहीं देखा है. सभी कठिन परिस्थिति में हैं. पुलिस को जांच करने में भी दिक्कत हो रही है.

28 हजार की कीमत बताकर 70 हजार में बेचे

श्रीवास्तव ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के पहले कई चीजों की बाढ़ आ गई थी. आरोपियों ने ब्रोशर के जरिये लोगों को लुभाया और कहा कि प्रीमियम पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स बेच रहे हैं. आरोपियों ने कीमत 27,999 रुपये रखी थी. लेकिन इसे लोगों से 70 हजार रुपये में बेचा गया. ये कंसेंट्रेटर चीन का बना था लेकिन आरोपी इसे जर्मन बता रहे थे. आरोपियों ने लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया. सभी आरोपियों ने लाभ कमाने के लिए साजिश रची.

क्षेत्राधिकार की वजह से दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर

पिछले 11 मई को ये मामला क्षेत्राधिकार के मामले में फंसा रहा. इस मामले पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने सुनवाई की थी. बाद में डिस्ट्रिक्ट जज ने इसे सेशंस कोर्ट में दोबारा सुनवाई करने के लिए ट्रांसफर कर दिया. पिछले 10 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस नवनीत कालरा की तलाश कर रही है.

दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के एक रेस्टोरेंट से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद दिया था. उसके बाद पुलिस ने छतरपुर में छापा मारकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने 387 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के वेयरहाउस से बरामद किया था.

ये भी पढ़ें- मैट्रिक्स सेल्युलर के सीईओ गौरव खन्ना सहित चार आरोपियों को मिली जमानत

चार लोग हुए थे गिरफ्तार

पिछले 6 मई को पुलिस ने लोधी कालोनी के एक रेस्टोरेंट से 419 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जब्त किया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गौरव, सतीश सेठी, विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार किया था. इन चारों ने मैट्रिक्स सेलुलर के छतरपुर स्थित वेयरहाउस का खुलासा किया था.

पिछले 7 मई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने रेस्टोरेंट से 105 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद किए हैं. इसके अलावा टाऊन हॉल नामक एक दूसरे रेस्टोरेंट से 96 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जब्त किया गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की बरामदगी के मामले में आरोपी नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज संदीप गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कल यानि 13 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- NSUI महासचिव ने गृहमंत्री के लापता होने की पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

FIR के आरोप गलत

नवनीत कालरा की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि हमें निष्पक्ष ट्रायल मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजकल कोर्ट में दोषी साबित होने से पहले सोशल मीडिया में आरोपी को दोषी साबित कर दिया जाता है. नवनीत कालरा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि एफआईआर में जो भी आरोप लगाए गए हैं वे पूरी तरह से गलत हैं. उन्होंने कहा कि कालरा के रेस्टोरेंट से जो ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की जब्ती की गई है वहां के मैनेजर और कर्मचारियों को भी बेवजह गिरफ्तार किया गया है.

पूरी की गई सभी कानूनी प्रक्रियाएं

पाहवा ने कहा कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए जीएसटी चुकाया गया और कस्टम से क्लियरेंस भी ली गई. उन्होंने कहा कि आयात भी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ और उसे बेचा भी ऐप के जरिये गया. ऐसे में ये ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर अवैध कैसे हो गए. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर तो पुलिस अफसरों ने भी खरीदा. नेताओं, जजों और कई लोगों ने खरीदा.

तय नहीं की गई ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की कीमत

पाहवा ने कहा कि पुलिस कह रही है कि ये महंगे दामों पर बेचे गए जबकि केंद्र सरकार ने आज तक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को लेकर कोई कीमत तय नहीं की है. उन्होंने कहा कि कालरा के यहां 70 हजार रुपये का ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर था लेकिन बाजार में ये दो लाख तक का बिक रहा है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कंसेट्रेटर की कीमत उसके क्वालिटी और कितने लीटर का है इससे तय होते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर कोई वस्तु आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाई जाती है तो उसका रेट तय कर दिया जाता है और अगर कोई भी व्यक्ति सरकार के तय किये गए रेट से ज्यादा वसूलता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है. लेकिन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को इस दायरे में लाया ही नहीं गया.

उन्होंने कहा कि एक तरफ हाई पावर्ड कमेटी कह रही है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को गिरफ्तार नहीं करें. पुलिस इस दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी इसलिए की जा रही है ताकि कोरोना संकट के दौरान बाकी और चीजों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.

अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि कालरा काफी प्रभावशाली है. उन्होंने कहा कि आरोपी की ओर से पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की. श्रीवास्तव ने 1984 के दंगे के हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि 1984 दंगे के फैसले में कहा गया है कि असाधारण परिस्थिति में असाधारण कार्रवाई की जरुरत होती है. उन्होंने कहा कि हम सबने कभी कोरोना का संकट नहीं देखा है. सभी कठिन परिस्थिति में हैं. पुलिस को जांच करने में भी दिक्कत हो रही है.

28 हजार की कीमत बताकर 70 हजार में बेचे

श्रीवास्तव ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के पहले कई चीजों की बाढ़ आ गई थी. आरोपियों ने ब्रोशर के जरिये लोगों को लुभाया और कहा कि प्रीमियम पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स बेच रहे हैं. आरोपियों ने कीमत 27,999 रुपये रखी थी. लेकिन इसे लोगों से 70 हजार रुपये में बेचा गया. ये कंसेंट्रेटर चीन का बना था लेकिन आरोपी इसे जर्मन बता रहे थे. आरोपियों ने लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया. सभी आरोपियों ने लाभ कमाने के लिए साजिश रची.

क्षेत्राधिकार की वजह से दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर

पिछले 11 मई को ये मामला क्षेत्राधिकार के मामले में फंसा रहा. इस मामले पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने सुनवाई की थी. बाद में डिस्ट्रिक्ट जज ने इसे सेशंस कोर्ट में दोबारा सुनवाई करने के लिए ट्रांसफर कर दिया. पिछले 10 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस नवनीत कालरा की तलाश कर रही है.

दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के एक रेस्टोरेंट से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद दिया था. उसके बाद पुलिस ने छतरपुर में छापा मारकर एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने 387 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के वेयरहाउस से बरामद किया था.

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चार लोग हुए थे गिरफ्तार

पिछले 6 मई को पुलिस ने लोधी कालोनी के एक रेस्टोरेंट से 419 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जब्त किया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गौरव, सतीश सेठी, विक्रांत और हितेश को गिरफ्तार किया था. इन चारों ने मैट्रिक्स सेलुलर के छतरपुर स्थित वेयरहाउस का खुलासा किया था.

पिछले 7 मई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने रेस्टोरेंट से 105 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बरामद किए हैं. इसके अलावा टाऊन हॉल नामक एक दूसरे रेस्टोरेंट से 96 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जब्त किया गया था.

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