नई दिल्ली: दिसंबर महीने में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में आयोजित धर्म संसद को लेकर आखिरकार दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. इस मामले में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि धर्म संसद में कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी. दिल्ली पुलिस द्वारा अब सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि उन्होंने 4 मई को इस मामले में FRI दर्ज कर ली है.
जानकारी के अनुसार बीते दिसंबर महीने में दक्षिण-पूर्वी जिला के भीतर एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इसमें कई वक्ताओं ने एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं. लेकिन इसे लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया था. इस पूरे प्रकरण को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी. वहां बताया गया कि किस तरीके से धर्म संसद का आयोजन कर एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. उनके खिलाफ लोगों को भड़काया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस देकर जवाब मांगा था.
दिल्ली पुलिस की तरफ से दिए गए पहले जवाब में कहा गया कि वहां पर किसी प्रकार की हेट स्पीच नहीं दी गई है. वहां पर वक्ताओं ने जिस तरह का भाषण दिया उससे किसी संप्रदाय के खिलाफ भावनाएं आहत होने की बात सामने नहीं आई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी. उन्होंने दिल्ली पुलिस को अच्छे से पूरे मामले की छानबीन करने के निर्देश दिए थे. हाल ही में दक्षिण-पूर्वी जिला की डीसीपी ईशा पांडे द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए एफिडेविट में बताया गया है कि उन्होंने इस धर्म संसद को लेकर ओखला औद्योगिक थाने में आईपीसी की धारा 153a, 295a, 298 और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली है.
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