नई दिल्ली: स्पेशल सेल द्वारा मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए अताउर रहमान उर्फ अतवा ने पुलिस के समक्ष महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. उसने पुलिस को बताया है कि वह खुद प्रिंस तेवतिया गैंग का सदस्य है और रवि गंगवाल की हत्या करना उसके जीवन का मकसद है. रवि गंगवाल ने साल 2015 में उसके भाई की हत्या करवाई थी. इसका बदला लेने के लिए वह तब से मौका तलाश रहा है.
अपराधी पर दर्ज पहले से 11 मामले
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार, छतरपुर पहाड़ी के पास से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया अताउर रहमान उर्फ अतवा बेहद शातिर अपराधी है. वह प्रिंस तेवतिया गैंग का सदस्य है और उसके गैंग की रंजिश रवि गंगवाल से चल रही है. उसके खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. संगम विहार इलाके में जून 2018 में हत्या करने के बाद वह गिरफ्तार हुआ था. इस मामले में जनवरी 2020 में वह 10 दिन के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से निकला था. लेकिन अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर उसने आत्मसमर्पण नहीं किया. इसके बाद से वह फरार चल रहा था.
प्रॉपर्टी डीलर से मांगी 20 लाख की रंगदारी
करोल बाग के प्रॉपर्टी डीलर से उसने 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. रकम नहीं मिलने पर उसने अपने चार साथियों से प्रॉपर्टी डीलर के घर पर गोली चलवाई थी. इस मामले में उसके दो साथी राहुल और हरी कृष्ण को करोल बाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जब उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया तो वह चोरी की बाइक पर सवार था. आरोपी पास मौजूद बाइक यूपी के कौशांबी से चोरी की गई थी. इस मामले में भी पुलिस को उसकी तलाश थी.
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भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था
आरोपी अताउर रहमान प्रिंस तेवतिया गैंग का शार्प शूटर है. इस गैंग के सदस्य 100 से ज्यादा वारदात दिल्ली-एनसीआर में कर चुके हैं. दक्षिणी दिल्ली में ही रहने वाले रवि गंगवाल से उनकी रंजिश है. रवि गंगवाल ने अताउर रहमान के भाई की हत्या अपने साथी अमित मद्रासी के जरिए नवंबर 2015 में करवा दी थी. बदला लेने के लिए 2 अप्रैल 2016 को अताउर रहमान ने अमित मद्रासी पर गोली चलाई थी. अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए वह रवि गंगवाल की हत्या करना चाहता था. पुलिस को पूछताछ में उसने बताया है कि वह बीते एक साल से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, भाटी माइंस, छतरपुर और खानपुर इलाके में बीते छिप रहा था.