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दिल्ली में साइबर अपराध को लेकर 61 FIR दर्ज, पीड़ितों के 20 लाख रुपये बचे - दिल्ली में ऑक्सीजन के नाम पर धोखाधड़ी

कोरोना संक्रमण के समय में लोगों के साथ हो रहे साइबर अपराध को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपना एक्शन तेज कर दिया है. ऐसे मामलों को लेकर अभी तक कुल 113 एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें से 61 मामले दवा और ऑक्सीजन के नाम पर ठगी के हैं.

दिल्ली पुलिस मुख्यालय
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Published : May 4, 2021, 9:45 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के समय में लोगों के साथ हो रहे साइबर अपराध को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपना एक्शन तेज कर दिया है. ऐसे मामलों को लेकर अभी तक कुल 113 एफआईआर दर्ज की गई है. जिनमें से 61 मामले दवा और ऑक्सीजन के नाम पर ठगी के हैं. वहीं 52 मामले ब्लैक मार्केटिंग और ओवरचार्जिंग से जुड़े हुए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन के माध्यम से कुल 37 एफआईआर दर्ज हुई हैं और पीड़ितों के 20 लाख रुपये बचाये गए हैं.


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अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नंबर किए चिह्नित

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने गृह मंत्रालय की मदद से साइबर अपराधियों पर नकेल कसने का काम शुरू किया है. बीते 2 दिनों के अंदर दिल्ली पुलिस ने ऐसे 200 मोबाइल नंबर, 95 बैंक खाते और 17 यूपीआई वॉलेट चिन्हित किए हैं जो साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की मदद से दिल्ली पुलिस ने इन खातों में जा रही रकम को रोकना भी शुरू कर दिया है. हाल ही में ऐसे तीन मामलों में दिल्ली पुलिस ने लगभग 1.15 लाख रुपये बचाये हैं जो पीड़ित द्वारा जालसाजों को ट्रांसफर किये गए थे. यह रकम पीड़ितों द्वारा दवा और ऑक्सीजन के नाम पर इन आरोपियों को दिए गए थे. यह बैंक खाते झारखंड, बिहार और बंगाल के थे.

ये भी पढ़ें- दिल्ली ऑक्सीजन बुलेटिन: राघव चड्ढा ने कहा- एक हफ्ते में मिली सिर्फ 40% सप्लाई



ऐसे पेमेंट को रोक रही पुलिस
दिल्ली पुलिस ठगी की शिकायत मिलने पर पुलिस बैंक को इस बारे में जानकारी देकर उस पेमेंट को रुकवा रही है जो पीड़ितों से ठगी जा रही है. जैसे ही बैंक को पुलिस की तरफ से जानकारी मिलती है वह इस रकम को रोक लेते हैं और इसे वापस भेज देते हैं. अगर यह रकम उस बैंक खाते से कहीं और भेजी जाती है तो उस वॉलेट आदि को यह जानकारी दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि यह ठगी की रकम है और उन्हें यह रकम लौटानी होगी. दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें बार-बार रकम लौटाने के लिए कहा जाता है. इसका काफी फायदा देखने को मिल रहा है.


20 लाख रुपये जालसाजों से पीड़ितों को लौटाए
पुलिस के अनुसार इस तरह की ठगी के मामले में बीते 17 अप्रैल को उन्होंने 84 हजार रुपये और 39 हजार एयरटेल पेमेंट से रोके थे. 23 अप्रैल को 11 हजार और 20 हजार रकम को बैंक में रोका गया था. बीते 3 मई को 74 हजार रुपये आईडीबीआई बैंक में रोके गए. पुलिस की मदद से अब तक 20 लाख से ज्यादा रुपए लोगों के बचाए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में उनकी हेल्पलाइन पर शिकायत करें ताकि उनके साथ हुए फ्रॉड को समय रहते रोका जा सके.

यहां कर सकते हैं शिकायत
दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन- 01123469900
साइबर हेल्पलाइन- 155260
दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम- 100, 112
वेबसाइट- www.cybercrime.gov.in
मेल- acp-cybercell1@delhipolice.gov.in

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के समय में लोगों के साथ हो रहे साइबर अपराध को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपना एक्शन तेज कर दिया है. ऐसे मामलों को लेकर अभी तक कुल 113 एफआईआर दर्ज की गई है. जिनमें से 61 मामले दवा और ऑक्सीजन के नाम पर ठगी के हैं. वहीं 52 मामले ब्लैक मार्केटिंग और ओवरचार्जिंग से जुड़े हुए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन के माध्यम से कुल 37 एफआईआर दर्ज हुई हैं और पीड़ितों के 20 लाख रुपये बचाये गए हैं.


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अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नंबर किए चिह्नित

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने गृह मंत्रालय की मदद से साइबर अपराधियों पर नकेल कसने का काम शुरू किया है. बीते 2 दिनों के अंदर दिल्ली पुलिस ने ऐसे 200 मोबाइल नंबर, 95 बैंक खाते और 17 यूपीआई वॉलेट चिन्हित किए हैं जो साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की मदद से दिल्ली पुलिस ने इन खातों में जा रही रकम को रोकना भी शुरू कर दिया है. हाल ही में ऐसे तीन मामलों में दिल्ली पुलिस ने लगभग 1.15 लाख रुपये बचाये हैं जो पीड़ित द्वारा जालसाजों को ट्रांसफर किये गए थे. यह रकम पीड़ितों द्वारा दवा और ऑक्सीजन के नाम पर इन आरोपियों को दिए गए थे. यह बैंक खाते झारखंड, बिहार और बंगाल के थे.

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ऐसे पेमेंट को रोक रही पुलिस
दिल्ली पुलिस ठगी की शिकायत मिलने पर पुलिस बैंक को इस बारे में जानकारी देकर उस पेमेंट को रुकवा रही है जो पीड़ितों से ठगी जा रही है. जैसे ही बैंक को पुलिस की तरफ से जानकारी मिलती है वह इस रकम को रोक लेते हैं और इसे वापस भेज देते हैं. अगर यह रकम उस बैंक खाते से कहीं और भेजी जाती है तो उस वॉलेट आदि को यह जानकारी दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि यह ठगी की रकम है और उन्हें यह रकम लौटानी होगी. दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें बार-बार रकम लौटाने के लिए कहा जाता है. इसका काफी फायदा देखने को मिल रहा है.


20 लाख रुपये जालसाजों से पीड़ितों को लौटाए
पुलिस के अनुसार इस तरह की ठगी के मामले में बीते 17 अप्रैल को उन्होंने 84 हजार रुपये और 39 हजार एयरटेल पेमेंट से रोके थे. 23 अप्रैल को 11 हजार और 20 हजार रकम को बैंक में रोका गया था. बीते 3 मई को 74 हजार रुपये आईडीबीआई बैंक में रोके गए. पुलिस की मदद से अब तक 20 लाख से ज्यादा रुपए लोगों के बचाए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में उनकी हेल्पलाइन पर शिकायत करें ताकि उनके साथ हुए फ्रॉड को समय रहते रोका जा सके.

यहां कर सकते हैं शिकायत
दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन- 01123469900
साइबर हेल्पलाइन- 155260
दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम- 100, 112
वेबसाइट- www.cybercrime.gov.in
मेल- acp-cybercell1@delhipolice.gov.in

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