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जामिया हिंसा केस: ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सोमवार को होगी सुनवाई

जामिया हिंसा मामले में भड़काऊ भाषण देने और सभा करने के केस में आरोपी शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा समेत कुल 11 लोगों को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका को लेकर शुक्रवार को याचिका की पैरवी के लिए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के सामने याचिका की प्रस्तुति दी.

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Published : Feb 10, 2023, 1:07 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 1:17 PM IST

नई दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में भड़काऊ भाषण देने और सभा करने के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा, शरजील इमाम समेत कुल 11 लोगों को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसको लेकर शुक्रवार को याचिका की पैरवी के लिए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के सामने याचिका की प्रस्तुति दी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की याचिका की अर्जेंट हियरिंग की मांग को स्वीकार करते हुए मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. वही सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को अवगत कराया कि आरोप पत्र के हिंदी में होने की वजह से कोर्ट रजिस्ट्री इस मामले में ऑब्जेक्शन उठा रहा था. कोर्ट ने इन सभी मामलों पर सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. बीते शनिवार को साकेत कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल अग्रवाल की अदालत ने 2019 जामिया हिंसा केस मामले में शरजील इमाम को आरोप मुक्त किया था. वहीं, इससे पहले वर्ष 2021 में इमाम को इस मामले में जमानत मिल गई थी. प्राथमिकी में दंगे और गैरकानूनी सभा लगाने की धारा के तहत अपराध शामिल थे. आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120बी और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. साथ ही आसिफ इकबाल तन्हा सफूरा जरगर को भी इसी मामले में आरोप मुक्त किया गया है. कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय किए हैं और भड़काऊ भाषण और असंवैधानिक तौर पर सभा करने के मामले में आरोपी बनाया है.
यह था मामला
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएए और एनआरसी के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी है. इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को सरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था. जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया.जिसके बाद सरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.

नई दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में भड़काऊ भाषण देने और सभा करने के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा, शरजील इमाम समेत कुल 11 लोगों को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसको लेकर शुक्रवार को याचिका की पैरवी के लिए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के सामने याचिका की प्रस्तुति दी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की याचिका की अर्जेंट हियरिंग की मांग को स्वीकार करते हुए मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. वही सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को अवगत कराया कि आरोप पत्र के हिंदी में होने की वजह से कोर्ट रजिस्ट्री इस मामले में ऑब्जेक्शन उठा रहा था. कोर्ट ने इन सभी मामलों पर सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. बीते शनिवार को साकेत कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल अग्रवाल की अदालत ने 2019 जामिया हिंसा केस मामले में शरजील इमाम को आरोप मुक्त किया था. वहीं, इससे पहले वर्ष 2021 में इमाम को इस मामले में जमानत मिल गई थी. प्राथमिकी में दंगे और गैरकानूनी सभा लगाने की धारा के तहत अपराध शामिल थे. आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120बी और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. साथ ही आसिफ इकबाल तन्हा सफूरा जरगर को भी इसी मामले में आरोप मुक्त किया गया है. कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय किए हैं और भड़काऊ भाषण और असंवैधानिक तौर पर सभा करने के मामले में आरोपी बनाया है.
यह था मामला
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएए और एनआरसी के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी है. इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को सरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था. जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया.जिसके बाद सरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.

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Last Updated : Feb 10, 2023, 1:17 PM IST
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