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कभी नहीं देखा-सुना होगा ड्रग्स तस्करी का ऐसा तरीका, पुलिस भी रह गई हैरान - दिल्ली पुलिस

स्पेशल सेल ने ड्रग तस्करी के हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा किया. आरोपी अफगानिस्तान से मसाले की बोरियों के रूप में आने वाली ड्रग्स को सप्लाई करने का काम कर रहे थे.

स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार
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Published : Jul 19, 2019, 9:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुछ ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इन आरोपियों ने तस्करी की ऐसी तरकीब का खुलासा किया है, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान है.

ड्रग तस्करी के हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अफगानिस्तान से आने वाले मसाले की बोरी में इस तरह से ड्रग्स मौजूद रहता है कि कोई भी उसे पकड़ नहीं सकता. भारत आने पर इस बोरी से ड्रग्स को निकालने का काम ये आरोपी ही कर रहे थे.

'पहली बार देखा ऐसा केस'

डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि आमतौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर के रास्ते, तो कभी विमान में बैठकर तस्करों द्वारा ड्रग्स लाने के मामले सामने आते हैं. कुछ तस्कर तो शरीर के अंदर भी छिपाकर ड्रग्स ले आते हैं, लेकिन इस गैंग ने जो तरीका अपनाया उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई.

मनीषी चंद्रा ने बताया कि तस्करी का ऐसा तरीका पहली बार पुलिस के संज्ञान में आया है. अभी तक इस तरीके से तस्करी करने वाला कोई गैंग नहीं पकड़ा गया है.

ऐसे कर रहे थे तस्करी

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अफगानिस्तान में हेरोइन का केमिकल में घोल तैयार कर लिया जाता है. इस घोल में जूट की बोरी को डुबोया जाता है ताकि वो पूरे केमिकल को सोख ले. भारत अफगानिस्तान से मसाले लेता है, इसलिए इस बोरी में मसाले भरकर भारत भेजे जाते हैं.

इन मसालों को बाजार में दे दिया जाता है और खाली होने पर बोरी को ये तस्कर ले लेते हैं. इस बोरी को लाकर केमिकल की मदद से एक बार फिर उसमें से हेरोइन को निकाल लिया जाता है. फिर इस हेरोइन को वो न केवल भारत बल्कि आसपास के देशों में भी सप्लाई करते हैं.

'किसी बड़े नेटवर्क का है हाथ'

डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि इन तस्करों के पीछे एक बहुत बड़ा नेटवर्क शामिल है. इस नेटवर्क में अफगानिस्तान से लेकर भारत तक कई कड़ियां जुड़ी हुई हैं. इन सबके बारे में स्पेशल सेल की टीम आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

'कराई जाएगी फॉरेंसिक जांच'

डीसीपी के अनुसार जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में केमिकल और अन्य सामान बरामद हुआ है, जिसका इस्तेमाल तैयार की जाने वाली हेरोइन में होता था. स्पेशल सेल की टीम पूरे मौके की एफएसएल से जांच करवाएगी, ताकि ये साफ हो सके कि वारदात को किस तरह से अंजाम दिया जाता था.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुछ ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इन आरोपियों ने तस्करी की ऐसी तरकीब का खुलासा किया है, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान है.

ड्रग तस्करी के हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अफगानिस्तान से आने वाले मसाले की बोरी में इस तरह से ड्रग्स मौजूद रहता है कि कोई भी उसे पकड़ नहीं सकता. भारत आने पर इस बोरी से ड्रग्स को निकालने का काम ये आरोपी ही कर रहे थे.

'पहली बार देखा ऐसा केस'

डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि आमतौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर के रास्ते, तो कभी विमान में बैठकर तस्करों द्वारा ड्रग्स लाने के मामले सामने आते हैं. कुछ तस्कर तो शरीर के अंदर भी छिपाकर ड्रग्स ले आते हैं, लेकिन इस गैंग ने जो तरीका अपनाया उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई.

मनीषी चंद्रा ने बताया कि तस्करी का ऐसा तरीका पहली बार पुलिस के संज्ञान में आया है. अभी तक इस तरीके से तस्करी करने वाला कोई गैंग नहीं पकड़ा गया है.

ऐसे कर रहे थे तस्करी

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अफगानिस्तान में हेरोइन का केमिकल में घोल तैयार कर लिया जाता है. इस घोल में जूट की बोरी को डुबोया जाता है ताकि वो पूरे केमिकल को सोख ले. भारत अफगानिस्तान से मसाले लेता है, इसलिए इस बोरी में मसाले भरकर भारत भेजे जाते हैं.

इन मसालों को बाजार में दे दिया जाता है और खाली होने पर बोरी को ये तस्कर ले लेते हैं. इस बोरी को लाकर केमिकल की मदद से एक बार फिर उसमें से हेरोइन को निकाल लिया जाता है. फिर इस हेरोइन को वो न केवल भारत बल्कि आसपास के देशों में भी सप्लाई करते हैं.

'किसी बड़े नेटवर्क का है हाथ'

डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि इन तस्करों के पीछे एक बहुत बड़ा नेटवर्क शामिल है. इस नेटवर्क में अफगानिस्तान से लेकर भारत तक कई कड़ियां जुड़ी हुई हैं. इन सबके बारे में स्पेशल सेल की टीम आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

'कराई जाएगी फॉरेंसिक जांच'

डीसीपी के अनुसार जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में केमिकल और अन्य सामान बरामद हुआ है, जिसका इस्तेमाल तैयार की जाने वाली हेरोइन में होता था. स्पेशल सेल की टीम पूरे मौके की एफएसएल से जांच करवाएगी, ताकि ये साफ हो सके कि वारदात को किस तरह से अंजाम दिया जाता था.

Intro:नई दिल्ली
स्पेशल सेल ने द्वारा पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने पूछताछ में तस्करी की ऐसी तरकीब का खुलासा किया है जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अफगानिस्तान से आने वाले मसाले की बोरी में इस तरह से ड्रग्स मौजूद रहता है कि कोई भी उसे पकड़ नहीं सकता. भारत आने पर इस बोरी से ड्रग्स को निकालने का काम वह कर रहे थे.


Body:डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि आमतौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर के रास्ते तो कभी विमान में बैठकर तस्करों द्वारा ड्रग्स लाने के मामले सामने आते हैं. कुछ तस्कर तो अपने शरीर के अंदर भी छिपाकर ड्रग्स ले आते हैं. लेकिन इस गैंग ने जो तरीका अपनाया उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई. मनीषी चंद्रा ने बताया कि इनके तस्करी का तरीका पहली बार पुलिस के संज्ञान में आया है. अभी तक इस तरीके से तस्करी करने वाला कोई गैंग नहीं पकड़ा गया है.


ऐसे ड्रग्स भेजी जा रही भारत
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि अफगानिस्तान में हेरोइन का केमिकल में घोल तैयार कर लिया जाता है. इस घोल में जूट की बोरी को डुबाया जाता है ताकि वह पूरे केमिकल को सोख ले. अफगानिस्तान से भारत मसाले लेता है. इसलिए इस बोरी में मसाले भरकर भारत में भेजे जाते हैं. इन मसालों को बाजार में दे दिया जाता है और खाली होने पर बोरी को यह तस्कर ले लेते हैं. इस बोरी को लाकर केमिकल की मदद से एक बार फिर उसमें से हेरोइन को निकाल लिया जाता है. फिर इस हेरोइन को वह न केवल भारत बल्कि आसपास के देशों में भी सप्लाई करते हैं.


तस्करों का बहुत बड़ा नेटवर्क है पीछे
डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया की अभी तक की जांच में पता चला है कि इन तस्करों के पीछे एक बहुत बड़ा नेटवर्क शामिल है. इस नेटवर्क में अफगानिस्तान से लेकर भारत तक कई कड़ियां जुड़ी हुई है. इन सबके बारे में स्पेशल सेल की टीम आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.





Conclusion:मौके की कराई जाएगी फॉरेंसिक जांच
डीसीपी के अनुसार जाकिर नगर स्थित फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में केमिकल सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल तैयार की जाने वाली हेरोइन में होना था. इसलिए स्पेशल सेल की टीम पूरे मौके की एफएसएल से जांच करवाएगी ताकि यह साफ हो सके कि किस प्रकार से यह लोग यहां काम करते थे.
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