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दिल्ली: GST रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपी चढ़े साइबर क्राइम यूनिट के हत्थे - GST रिफंड घोटाले न्यूज

जीएसटी रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपियों को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने 340 संदिग्ध फर्जी कंपनियों के सहारे अब तक 940 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है.

delhi police cyber crime unit busted a gang involved in fake gst refund
GST रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपी चढ़े साइबर क्राइम यूनिट के हत्थे
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Published : Jan 31, 2021, 9:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने जीएसटी रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 340 संदिग्ध फर्जी कंपनियों के सहारे इन्होंने अब तक 940 करोड़ रुपये की लेनदेन की है.

GST रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपी चढ़े साइबर क्राइम यूनिट के हत्थे

यह है पूरा मामला

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अन्येश राय ने बताया की साइबर क्राइम यूनिट को एक शिकायत मिली थी कि शिकायतकर्ता के पैन और आधार कार्ड के नाम पर 3 जीएसटी आईडी तीन कंपनियों मनीष ट्रेडिंग कंपनी, गैलेक्सी इंटरनेशनल और एबीएम इंटरप्राइजेज के नाम पर रजिस्टर्ड की गई है. शिकायतकर्ता के मुताबिक यह तीनों फर्जी कंपनियां शिकायतकर्ता के आधार और पैन कार्ड के सहारे बनाई गई है. जिनसे अब तक 119 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हो चुका है.


ऐसे हुआ खुलासा

डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि साइबर क्राइम के एसीपी रमन लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कुलदीप शर्मा, संजीव सोलंकी, अरुण त्यागी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसने इस पूरे मामले की जांच की. टीम ने तकनीक के आधार पर पूरे मामले की जांच की जिसमें यह पता चला कि आरोपी कई मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के सहारे फर्जी कंपनी जीएसटी डिपार्टमेंट में रजिस्टर्ड कराते थे. जीएसटी डिपार्टमेंट से शिकायतकर्ता के आधार और पैन कार्ड से लिंक तीन कंपनियों के डिटेल भी निकाले गए. जीएसटी डिपार्टमेंट से प्राप्त डाटा की छानबीन के दौरान यह पता चला कि फर्जी तीन कंपनियों से 81 फॉर्म लगातार बिजनेस ट्रांजैक्शन कर रहे थे. डाटा की छानबीन के दौरान टीम को यह भी पता चला कि एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से 227 और फॉर्म चल रहे हैं जिनका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी एक ही है.


6 आरोपी हुए गिरफ्तार

डाटा की छानबीन के बाद साइबर क्राइम यूनिट की टीम ने सबसे पहले शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ के बाद पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम शैलेश कुमार, संदीप सिंह नेगी, विवेक कुमार, हरीश चंद्र गिरीश, गौरव रावत और मनोज कुमार है. गौरव रावत इस पूरे गैंग का सरगना है जिसने फर्जी आईडेंटिटी प्रूफ के सहारे 12 फर्जी फॉर्म रजिस्टर्ड किए जिनसे उसने जीएसटी रिफंड क्लेम किया था.

ये भी पढ़ें:-लक्ष्मी नगर: दोस्त निकला चोर, 80 लाख घर से कर दिया था गायब

जीएसटी डिपार्टमेंट में कर चुके हैं काम

गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी वैट और जीएसटी डिपार्टमेंट में कांटेक्ट बेसिस पर काम कर चुके थे और उन्हें डिपार्टमेंट के टैक्सेशन सिस्टम की अच्छे से जानकारी थी. जिसका फायदा उठाकर वह धोखाधड़ी को अंजाम देते थे. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 14 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, फर्जी कंपनियों से जुड़े 14 एटीएम कार्ड, 22 चेक बुक, 8 रबड़ स्टांप भी बरामद हुए हैं. आरोपियों के 25 बैंक खातों को भी साइबर क्राइम यूनिट में सीज कर दिया है और आगे की जांच चल रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने जीएसटी रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 340 संदिग्ध फर्जी कंपनियों के सहारे इन्होंने अब तक 940 करोड़ रुपये की लेनदेन की है.

GST रिफंड घोटाले से जुड़े 6 आरोपी चढ़े साइबर क्राइम यूनिट के हत्थे

यह है पूरा मामला

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अन्येश राय ने बताया की साइबर क्राइम यूनिट को एक शिकायत मिली थी कि शिकायतकर्ता के पैन और आधार कार्ड के नाम पर 3 जीएसटी आईडी तीन कंपनियों मनीष ट्रेडिंग कंपनी, गैलेक्सी इंटरनेशनल और एबीएम इंटरप्राइजेज के नाम पर रजिस्टर्ड की गई है. शिकायतकर्ता के मुताबिक यह तीनों फर्जी कंपनियां शिकायतकर्ता के आधार और पैन कार्ड के सहारे बनाई गई है. जिनसे अब तक 119 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हो चुका है.


ऐसे हुआ खुलासा

डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि साइबर क्राइम के एसीपी रमन लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कुलदीप शर्मा, संजीव सोलंकी, अरुण त्यागी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसने इस पूरे मामले की जांच की. टीम ने तकनीक के आधार पर पूरे मामले की जांच की जिसमें यह पता चला कि आरोपी कई मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के सहारे फर्जी कंपनी जीएसटी डिपार्टमेंट में रजिस्टर्ड कराते थे. जीएसटी डिपार्टमेंट से शिकायतकर्ता के आधार और पैन कार्ड से लिंक तीन कंपनियों के डिटेल भी निकाले गए. जीएसटी डिपार्टमेंट से प्राप्त डाटा की छानबीन के दौरान यह पता चला कि फर्जी तीन कंपनियों से 81 फॉर्म लगातार बिजनेस ट्रांजैक्शन कर रहे थे. डाटा की छानबीन के दौरान टीम को यह भी पता चला कि एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से 227 और फॉर्म चल रहे हैं जिनका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी एक ही है.


6 आरोपी हुए गिरफ्तार

डाटा की छानबीन के बाद साइबर क्राइम यूनिट की टीम ने सबसे पहले शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ के बाद पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम शैलेश कुमार, संदीप सिंह नेगी, विवेक कुमार, हरीश चंद्र गिरीश, गौरव रावत और मनोज कुमार है. गौरव रावत इस पूरे गैंग का सरगना है जिसने फर्जी आईडेंटिटी प्रूफ के सहारे 12 फर्जी फॉर्म रजिस्टर्ड किए जिनसे उसने जीएसटी रिफंड क्लेम किया था.

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जीएसटी डिपार्टमेंट में कर चुके हैं काम

गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी वैट और जीएसटी डिपार्टमेंट में कांटेक्ट बेसिस पर काम कर चुके थे और उन्हें डिपार्टमेंट के टैक्सेशन सिस्टम की अच्छे से जानकारी थी. जिसका फायदा उठाकर वह धोखाधड़ी को अंजाम देते थे. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 14 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, फर्जी कंपनियों से जुड़े 14 एटीएम कार्ड, 22 चेक बुक, 8 रबड़ स्टांप भी बरामद हुए हैं. आरोपियों के 25 बैंक खातों को भी साइबर क्राइम यूनिट में सीज कर दिया है और आगे की जांच चल रही है.

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