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दिल्ली की निचली अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा की मांग पर 29 सितंबर को सुनवाई करेगा हाई कोर्ट

दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग पर दिल्ली हाई कोर्ट 29 सितंबर को सुनवाई करेगा. ऋचा सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करने का आदेश दिया है.

Delhi High Court
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Published : Sep 27, 2021, 4:42 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग पर 29 सितंबर को सुनवाई करेगा. आज हाई कोर्ट में वकील ऋचा सिंह ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 29 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.


दरअसल कानून पढ़ने वाले छह छात्रों ने हाई कोर्ट में 2019 में याचिका दायर कर दिल्ली की सभी जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की थी. पिछले 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग के बाद वकील दीपा जोसेफ ने भी हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- रोहिणी कोर्ट में चली ताबड़तोड़ गोलियां, गैंगस्टर गोगी समेत तीन की मौत

याचिकाकर्ता की ओर से वकील रोबिन राजू और ब्लेसान मैथ्यु ने कहा है कि रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग पर चिंता जताई गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की निचली अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले वकील असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. घटना के दौरान एक महिला वकील भी घायल हो गई थीं. कोर्ट के अंदर शूटआउट ने जजों, वकीलों और पक्षकारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की अदालतों में इसके पहले भी गोली चलने की घटनाएं घटी हैं. पिछले दिनों द्वारका कोर्ट में गोली चली थी. 2019 में साकेत कोर्ट के अंदर गोली चली थी और 2017 में रोहिणी कोर्ट में गोली मारकर एक विचाराधीन कैदी की कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई थी. 2015 में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार हथियारबंद अपराधियों की गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल की हत्या कर दी थी.

ये भी पढ़ें- गैंगवार में गोलियों से गूंजा रोहिणी कोर्ट का परिसर, देखें दहशत के वो पल

याचिका में कहा गया है कि रोहिणी कोर्ट में वकील के ड्रेस में जिस तरह अपराधी घुसे उससे साफ है कि अपराधियों को पता था कि वकीलों के ड्रेस में कोर्ट में आसानी से प्रवेश मिल सकता है. ऐसे में दिल्ली पुलिस को दिशा-निर्देश देने की जरूरत है कि वो कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों को ये निर्देश दें कि हर वकील को उनका आईकार्ड देखकर ही प्रवेश करने की इजाजत दी जाए. इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया जाए.


याचिका में सुझाव दिया गया है कि दिल्ली बार काउंसिल सभी बार एसोसिएशन को एक एडवाइजरी जारी करे कि सभी वकील कोर्ट परिसर में प्रवेश करते समय पुलिस के साथ सहयोग करें. 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट रूम में फायरिंग हुई, जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौके पर मौत हो गई थी. रोहिणी कोर्ट के कोर्ट नंबर 207 में एडिशनल सेशंस जज गगनदीप सिंह की कोर्ट में ये घटना घटी. वकील की वर्दी में आये दो लोगों ने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी पर गोली चलाई. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की फायरिंग में दोनों हमलवार भी मारे गए.

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग पर 29 सितंबर को सुनवाई करेगा. आज हाई कोर्ट में वकील ऋचा सिंह ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 29 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.


दरअसल कानून पढ़ने वाले छह छात्रों ने हाई कोर्ट में 2019 में याचिका दायर कर दिल्ली की सभी जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की थी. पिछले 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग के बाद वकील दीपा जोसेफ ने भी हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है.

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याचिकाकर्ता की ओर से वकील रोबिन राजू और ब्लेसान मैथ्यु ने कहा है कि रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग पर चिंता जताई गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की निचली अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले वकील असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. घटना के दौरान एक महिला वकील भी घायल हो गई थीं. कोर्ट के अंदर शूटआउट ने जजों, वकीलों और पक्षकारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की अदालतों में इसके पहले भी गोली चलने की घटनाएं घटी हैं. पिछले दिनों द्वारका कोर्ट में गोली चली थी. 2019 में साकेत कोर्ट के अंदर गोली चली थी और 2017 में रोहिणी कोर्ट में गोली मारकर एक विचाराधीन कैदी की कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई थी. 2015 में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार हथियारबंद अपराधियों की गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल की हत्या कर दी थी.

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याचिका में कहा गया है कि रोहिणी कोर्ट में वकील के ड्रेस में जिस तरह अपराधी घुसे उससे साफ है कि अपराधियों को पता था कि वकीलों के ड्रेस में कोर्ट में आसानी से प्रवेश मिल सकता है. ऐसे में दिल्ली पुलिस को दिशा-निर्देश देने की जरूरत है कि वो कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों को ये निर्देश दें कि हर वकील को उनका आईकार्ड देखकर ही प्रवेश करने की इजाजत दी जाए. इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया जाए.


याचिका में सुझाव दिया गया है कि दिल्ली बार काउंसिल सभी बार एसोसिएशन को एक एडवाइजरी जारी करे कि सभी वकील कोर्ट परिसर में प्रवेश करते समय पुलिस के साथ सहयोग करें. 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट रूम में फायरिंग हुई, जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौके पर मौत हो गई थी. रोहिणी कोर्ट के कोर्ट नंबर 207 में एडिशनल सेशंस जज गगनदीप सिंह की कोर्ट में ये घटना घटी. वकील की वर्दी में आये दो लोगों ने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी पर गोली चलाई. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की फायरिंग में दोनों हमलवार भी मारे गए.

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