नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच सुनवाई करेगी. 6 जनवरी को सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल की ओर से वकील इरशाद ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट में उनकी और दिल्ली सरकार की ओर से दलीलें पूरी हो चुकी हैं. अंशु प्रकाश की ओर से उनके वकील को अपनी दलीलें रखनी है.
सीएम केजरीवाल और दूसरे आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति को मंजूरी देने के आदेश को चुनौती दी गई है. अंशु प्रकाश ने ट्रायल में दलील दी थी कि पुलिस की ओर से नामित स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर से ही अभियोजन पक्ष की पैरवी कराई जाए.
अंशु प्रकाश ने कहा था कि उन सरकारी वकीलों से केस की पैरवी नहीं कराई जाए जो दिल्ली सरकार के गृह विभाग के अधीन सरकारी वकीलों में से हैं. अंशु प्रकाश की याचिका का सीएम केजरीवाल समेत सभी आरोपियों ने विरोध किया था.
सीएम केजरीवाल समेत AAP के 11 विधायक आरोपी
अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बुलाई गई बैठक में, उनके साथ आप के विधायकों ने कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की थी.
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इस मामले में दायर आरोप पत्र में सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है.
सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी हैं.