नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में 20 अप्रैल को मेगा पीटीएम का आयोजन किया जाएगा. इस मेगा पीटीएम में विशेष तौर पर कुछ जरूरी सूचनाएं दी जाएंगी.
इस मीटिंग के दौरान छात्रों के अभिभावकों को कक्षा 9वीं और 11वीं में CBSE की प्रमोशन रूल में आए बदलाव, 10वीं और 12 वीं के CBSE एग्जाम पैटर्न में हुए बदलाव, नो डिटेंशन पॉलिसी और छात्रों के अकादमिक सुधार को लेकर हुए जरूरी परिवर्तनों के विषय में बताया जाएगा.
इन सूचनाओं के अलावा अभिभावकों को समर कैंप और मिशन बुनियाद से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी.
परीक्षा पैटर्न में बदलाव
इन दिनों सरकारी स्कूलों में शिक्षा को लेकर कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं. एक ओर जहां CBSE ने 9वीं और 11वीं कक्षा में छात्रों के प्रमोशन के लिए निर्धारित किए गए नियमों में बदलाव किए हैं, तो वहीं दूसरी ओर 10वीं और 12वीं की परीक्षा पैटर्न में भी कई बदलाव आए हैं.
मिशन बुनियाद
इसके लिए जरूरी है कि अभिभावकों को पहले से ही इस बारे में बता दिया जाए, जिससे वो छात्रों की उसी हिसाब से तैयारी करवा सकें. इसके अलावा इस मेगा पीटीएम का एक महत्वपूर्ण भाग होगा मिशन बुनियाद.
1 अप्रैल से ही लागू
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित मिशन बुनियाद का ये प्रोग्राम पिछले साल की सफलता के बाद इस साल 1 अप्रैल से ही लागू कर दिया गया है. बता दें कि तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के निष्ठा ग्रुप में आने वाले छात्रों के लिए ये मिशन बुनियाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिससे उनकी बुनियादी शिक्षा में सुधार किया जा सके.
HOS को ये निर्देश
बता दें कि शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों के HOS को ये निर्देश दिया है कि इस मेगा पीटीएम में सभी अभिभावकों को छात्रों के शिक्षा स्तर पर हुए सुधार से अवगत कराया जाए. साथ ही शिक्षक अभिभावकों को गर्मियों की छुट्टियों में अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भी प्रेरित करें.
मिशन बुनियाद होगा समर कैंप में मर्ज
बता दें कि 1 अप्रैल से शुरू हुआ मिशन बुनियाद 15 मई के बाद से समर कैंप में मर्ज कर दिया जाएगा, जिसके बाद 6 जून तक मिशन बुनियाद की क्लासेस चलेंगी जिसमें तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के निष्ठा ग्रुप के छात्रों को आना अनिवार्य होगा.
'छुट्टियों में क्लास क्यों ?'
पिछले साल भी अभिभावकों ने गर्मी की छुट्टी में चल रही कक्षा को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि साल में एक ही बार छुट्टी पड़ती है. अगर उसमें भी ना जाए तो कब बच्चों को बाहर घुमाने कब ले जाए. इससे लगता है कि इस साल भी शिक्षकों के सामने अभिभावकों को गर्मी की छुट्टी में बच्चों को भेजने के लिए तैयार करना बहुत बड़ी चुनौती होगी.