नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की तकनीकी मूल्यांकन कमेटी को निर्देश दिया है कि वो मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत वकीलों का बीमा करने पर तीन कंपनियों से बात करे. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि तकनीकी मूल्यांकन कमेटी के प्रस्ताव पर फैसला करने के बाद कोर्ट को बताएं. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि उनकी ओर से टेंडर आमंत्रित करने के बाद वकीलों के समूह बीमा योजना के लिए तीन कंपनियों न्यू इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस ने निविदा भरी है. लेकिन इन तीनों कंपनियों की निविदाएं शर्तों के अनुरुप नहीं हैं. कोर्ट को सूचित किया गया कि केवल एलआईसी नामक कंपनी ही निविदा की शर्तों के अनुरुप मिली.
दिल्ली सरकार पर देरी करने का आरोप
दिल्ली बार काउंसिल ने कहा कि सभी आवेदक कंपनियों का बाजार में बड़ा नाम है. दिल्ली बार काउंसिल ने कोर्ट से मांग की कि कमियों के बावजूद इन कंपनियों के साथ करार करने का आदेश दिया जाए. बार काउंसिल ने दिल्ली सरकार पर इस मामले में देरी करने का आरोप लगाया. बार काउंसिल की इस दलील से कोर्ट सहमत हुई और कहा कि कोरोना के संकट के दौरान समय पर इंश्योरेंस जारी करना जरुरी है. इसलिए इंश्योरेंस कंपनियों से बात कर इस पर जल्द फैसला करें और कोर्ट को बताएं.
रजिस्ट्रेशन के लिए समय सीमा बढ़ाने का आदेश दिया था
पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना में पहले रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकने वाले वकीलों का रजिस्ट्रेशन कराने की समय सीमा दो हफ्ते और बढ़ाने पर विचार करे. कोर्ट ने कहा था कि जिन अधिवक्ताओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है उनकी बीमा पॉलिसी मंजूर करने का काम 7 अगस्त तक पूरा करें.
29098 वकीलों को बीमा देने के लिए टेंडर
पिछले 18 जून को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना में दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत 29098 वकीलों को बीमा देने के लिए टेंडर आमंत्रित करें. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया था कि दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत 37,142 वकीलों ने इस योजना के लिए आवेदन दिया था. उसमें से दिल्ली बार काउंसिल ने 29,098 वकीलों का वेरिफिकेशन किया जो दिल्ली के निवासी हैं. दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव नय्यर ने कहा था कि इन वेरिफायड वकीलों के बीमा के लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है.