नई दिल्ली: दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों के बाद अब एमसीडी के स्कूलों को बेहतर बनाने के जुट गई है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने एमसीडी स्कूलों के लिए पहला क्वार्टर फंड जारी किया है. इस अवसर पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों की तर्ज पर एमसीडी के स्कूलों को वर्ल्ड क्लास बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि एमसीडी के स्कूलों में पांचवी तक पढ़ाई करने वाले छात्र जब छठी में सरकारी स्कूलों में आते हैं तो उन्हें ठीक से लिखना और पढ़ना भी नहीं आता है. इसलिए एमसीडी स्कूलों को बेहतर बनाना है, क्योंकि दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में 9 लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं.
एमसीडी के स्कूलों के लिए 1700 करोड़ का फंड: आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी स्कूलों के लिए फंड बढ़ा दिया है. इस साल एमसीडी के स्कूलों के लिए 1700 करोड़ रुपए का फंड रखा है. आज 400 करोड़ रुपए का पहला क्वार्टर फंड जारी किया है. इस पैसे से अब एमसीडी के स्कूलों को पैसे की कमी नहीं आएगी.
भाजपा ने कसा तंज: दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी का दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में सुधार के लिए 1700 करोड़ रूपए का फंड देने का दावा भ्रमात्मक है. दिल्ली सरकार ने निगम स्कूलों के सुधार के लिए आज कोई विशेष फंड नहीं दिया है. जो कुल 1700 करोड़ देने की बात आतिशी ने की है वह प्लान हेड फंड है. जो 400 करोड़ आज जारी करने की बात कही है वह आर्थिक वर्ष की पहली तिमाही की किश्त है, जो हर वर्ष अप्रैल में देनी होती है.
सच तो यह है कि दिल्ली सरकार पहले ऐसे प्लान हेड फंड तक राजनीतिक द्वेष से भाजपा शासित निगमों को समय पर नहीं देती थी. अब निगम में आम आदमी पार्टी का प्रशासन है तो शिक्षा किस्त समय पर देकर आतिशी इसे विशेष फंड के रूप मे दर्शा रही हैं. दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि गत 8 सालों से भाजपा लगातार कहती रही थी कि दिल्ली सरकार नगर निगम के शिक्षा, स्वास्थ, स्वच्छता, विकास के आलावा कर्मचारी वेतन तक के फंड काट रही है, जिसके कारण अन्य कामों के साथ ही शिक्षा स्कूल सुधार तक ठप्प हो रहा है. हम लगातार कहते रहे कि दिल्ली सरकार ने निगम के लगभग 20 हजार करोड़ के फंड रोके हुए हैं.
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