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दिल्ली को पूर्ण राज्य और EVM टेंपरिंग मुद्दे पर, जानिए क्या है युवाओं की सोच

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Published : Mar 16, 2019, 3:43 AM IST

लोकसभा चुनाव के लिए आगामी 12 मई को राजधानी दिल्ली में मतदान है. इसको लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में उन युवाओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है जो पहली बार वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे.

दिल्ली को पूर्ण राज्य और EVM टेंपरिंग मुद्दे पर क्या सोचते हैं युवा

नई दिल्ली: वैसे तो हर मतदाता को वोट देने का खूब उत्साह होता है लेकिन जब बात फर्स्ट टाइम वोटर्स की आती है तब खुशी भी दोगुनी होता है. पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने वाले इन युवाओं की मुस्कान तब और बढ़ जाती है जबकि अखबारों की सुर्खियां बन रहे मुद्दों पर इनसे राय पूछी जाती है.

ऐसे ही कुछ वोटर्स हैं जिन्होंने दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे से लेकर ईवीएम और चुनावों के असल मापदंड तक अपनी राय साझा की. लोकसभा चुनाव के लिए आगामी 12 मई को राजधानी दिल्ली में मतदान है. इसको लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में उन युवाओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है जो पहली बार वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे. ऐसे ही कुछ युवाओं ने बताया कि कैसे ईवीएम टेंपरिंग महज अफवाह है और क्यों दिल्ली को पूर्ण राज्य मिलना या नहीं मिलना चाहिए.

एक नीजी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले आर्यन कहते हैं कि ईवीएम टेंपरिंग की बातें उन्हें महज अफवाह लगती है. वह कहते हैं कि यह गूगल सिस्टम है और एक ऐसी चिप के माध्यम से चलता है इसमें अगर एक बार टेंपरिंग हुई तो उसके बाद वह काम नहीं करेगी. राजनीतिक दलों के दावों के मुताबिक बड़े स्तर पर इन से छेड़छाड़ की गई है और बीते चुनावों में इसका इस्तेमाल हुआ है. हालांकि वो नहीं मानते कि ये मुमकिन है.

दिल्ली को पूर्ण राज्य और EVM टेंपरिंग मुद्दे पर, जानिए क्या है युवाओं की सोच

उधर राहुल कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने खबरें पढ़ी थी कि कई जगहों पर उम्मीदवारों को 1 भी वोट नहीं मिला. यहां तक कि उनके परिवार वालों का वोट भी उनके खाते में नहीं आया. वो कहते हैं कि बेशक ऐसी शिकायतें कम हैं लेकिन इन शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राहुल की मानें तो यहीं से ईवीएम टेंपरिंग की बातों को बल मिलता है.

वहीं दिल्ली को पूर्ण राज्य के मुद्दे पर भी इन युवाओं की सोच है कि यह दिल्ली को मिलना चाहिए. आर्यन कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री को कहते हुए सुना था कि दिल्ली पुलिस उनके अधीन नहीं है. दिल्ली को लेकर किए गए कई फैसले केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद लागू होते हैं. अगर ऐसा है तो ये गलत है.

फर्स्ट टाइम वोटर पूर्वा कहती हैं कि वो चुनाव के लिए वो खासा उत्साहित हैं. पूर्वा बताती हैं कि अपने मनपसंद उम्मीदवार को चुनाव में जीतता देख उन्हें बहुत खुशी होगी. हालांकि वो साफ करती हैं कि वह अपने परिवार की सोच के साथ नहीं बल्कि अपनी सोच के साथ चल कर अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट देंगी.

नई दिल्ली: वैसे तो हर मतदाता को वोट देने का खूब उत्साह होता है लेकिन जब बात फर्स्ट टाइम वोटर्स की आती है तब खुशी भी दोगुनी होता है. पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने वाले इन युवाओं की मुस्कान तब और बढ़ जाती है जबकि अखबारों की सुर्खियां बन रहे मुद्दों पर इनसे राय पूछी जाती है.

ऐसे ही कुछ वोटर्स हैं जिन्होंने दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे से लेकर ईवीएम और चुनावों के असल मापदंड तक अपनी राय साझा की. लोकसभा चुनाव के लिए आगामी 12 मई को राजधानी दिल्ली में मतदान है. इसको लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में उन युवाओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है जो पहली बार वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे. ऐसे ही कुछ युवाओं ने बताया कि कैसे ईवीएम टेंपरिंग महज अफवाह है और क्यों दिल्ली को पूर्ण राज्य मिलना या नहीं मिलना चाहिए.

एक नीजी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले आर्यन कहते हैं कि ईवीएम टेंपरिंग की बातें उन्हें महज अफवाह लगती है. वह कहते हैं कि यह गूगल सिस्टम है और एक ऐसी चिप के माध्यम से चलता है इसमें अगर एक बार टेंपरिंग हुई तो उसके बाद वह काम नहीं करेगी. राजनीतिक दलों के दावों के मुताबिक बड़े स्तर पर इन से छेड़छाड़ की गई है और बीते चुनावों में इसका इस्तेमाल हुआ है. हालांकि वो नहीं मानते कि ये मुमकिन है.

दिल्ली को पूर्ण राज्य और EVM टेंपरिंग मुद्दे पर, जानिए क्या है युवाओं की सोच

उधर राहुल कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने खबरें पढ़ी थी कि कई जगहों पर उम्मीदवारों को 1 भी वोट नहीं मिला. यहां तक कि उनके परिवार वालों का वोट भी उनके खाते में नहीं आया. वो कहते हैं कि बेशक ऐसी शिकायतें कम हैं लेकिन इन शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राहुल की मानें तो यहीं से ईवीएम टेंपरिंग की बातों को बल मिलता है.

वहीं दिल्ली को पूर्ण राज्य के मुद्दे पर भी इन युवाओं की सोच है कि यह दिल्ली को मिलना चाहिए. आर्यन कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री को कहते हुए सुना था कि दिल्ली पुलिस उनके अधीन नहीं है. दिल्ली को लेकर किए गए कई फैसले केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद लागू होते हैं. अगर ऐसा है तो ये गलत है.

फर्स्ट टाइम वोटर पूर्वा कहती हैं कि वो चुनाव के लिए वो खासा उत्साहित हैं. पूर्वा बताती हैं कि अपने मनपसंद उम्मीदवार को चुनाव में जीतता देख उन्हें बहुत खुशी होगी. हालांकि वो साफ करती हैं कि वह अपने परिवार की सोच के साथ नहीं बल्कि अपनी सोच के साथ चल कर अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट देंगी.

Intro:नई दिल्ली:
वैसे तो हर मतदाता को वोट देने का खूब उत्साह होता है लेकिन जब बात फर्स्ट टाइम वोटर्स की आती है तब खुशी भी दोगुनी होता है. पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने वाले इन युवाओं की मुस्कान तब और बढ़ जाती है जबकि अखबारों की सुर्खियां बन रहे मुद्दों पर इनसे राय पूछी जाती है. ईटीवी भारत से बातचीत में ऐसे ही कुछ वोटर्स ने जिन्होंने दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे से लेकर ईवीएम और चुनावों के असल मापदंड तक अपनी राय साझा की.


Body:लोकसभा चुनाव के लिए आगामी 12 मई को राजधानी दिल्ली में मतदान है. इसको लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में उन युवाओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है जो पहली बार वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे. इन्हीं में से कुछ वोटरों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इन्होंने बताया कि कैसे ईवीएम टेंपरिंग महज अफवाह है और क्यों दिल्ली को पूर्ण राज्य मिलना या नहीं मिलना चाहिए.

नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले आर्यन कहते हैं कि ईवीएम टेंपरिंग की बातें उन्हें महज अफवाह लगती है. वह कहते हैं कि यह गूगल सिस्टम है और एक ऐसी चिप के माध्यम से चलता है इसमें अगर एक बार टैंपरिंग हुई तो उसके बाद वह काम नहीं करेगी. राजनीतिक दलों के दावों के मुताबिक बड़े स्तर पर इन से छेड़छाड़ की गई है और बीते चुनावों में इसका इस्तेमाल हुआ है. हालांकि वो नहीं मानते कि ये मुमकिन है.

उधर राहुल कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने खबरे पढ़ी थी कि कई जगहों पर उम्मीदवारों को 1 भी वोट नहीं मिला. यहां तक कि उनके परिवार वालों का वोट भी उनके खाते में नहीं आया. वो कहते हैं कि बेशक ऐसी शिकायतें कम हैं लेकिन इन शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राहुल की मानें तो यहीं से ईवीएम टेंपरिंग की बातों को बल मिलता है. राहुल के मित्र ही इसकव नकारते हुए कहते हैं कि ऐसा नहीं हो सकता.

दिल्ली को पूर्ण राज्य के मुद्दे पर भी दिल्ली के युवाओं की सोच है कि यह दिल्ली को मिलना चाहिए. हालांकि इसके पीछे की अर्चना के विषय में बात करते हुए कहते हैं कि यह मुमकिन है या नहीं. आर्यन कहते हैं कि पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री को कहते हुए सुना था कि दिल्ली पुलिस उनके अधीन नहीं है. दिल्ली को लेकर किए गए कई फैसले केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद लागू होते हैं. अगर ऐसा है तो ये गलत है.

फर्स्ट टाइम वोटर पूर्वा कहती हैं कि वो चुनाव के लोए खासा उत्साहित हैं. पूर्वा बताती हैं कि अपने मनपसंद उम्मीदवार को चुनाव में जीतता देख उन्हें बहुत खुशी होगी. हालांकि वो साफ करती हैं कि वह अपने परिवार की सोच के साथ नहीं बल्कि अपनी सोच के साथ चल कर अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट देंगी.


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