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अमरनाथ यात्रा से लौटे दिल्ली के लोग, बोले-भगवान का शुक्र है हम बच गए - Delhi family returned from Amarnath Yatra

अमरनाथ यात्रा के दौरान सात जुलाई को आई त्रासदी के बीच सुरक्षित घर लौटे एक परिवार ने भगवान का शुक्रिया अदा किया.उनका कहना है कि भगवान का शुक्र है, हम बच गए. उनका कहना है हादसा स्थल से कुछ देर पहले ही वे कैंप लौटे थे. हालांकि रेड जोन में कैंप लगवाने पर यात्रियों ने सवाल भी उठाए.

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अमरनाथ में बादल फटने की घटना
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Published : Jul 16, 2022, 9:34 PM IST

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के दौरान सात जुलाई को आई त्रासदी के बीच सुरक्षित घर लौटे परिवारों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया. उनका कहना है कि भगवान का शुक्र है हम बच गए. उनका कहना है हादसा स्थल से कुछ देर पहले ही वे कैंप लौटे थे. हालांकि उस त्रासदी को करीब से देखने से उन्हें अब भी डर है. इस बीच परिवार ने प्रशासन की व्यवस्था पर कई सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि रेड जोन में ही इस बार भी लोगों के कैंप लगवाए गए थे. ये ठीक नहीं था.

ये भी पढ़ें-अमरनाथ में बाढ़ के बाद चला बचाव अभियान खत्म, कोई लापता नहीं: सिन्हा

बता दें कि अमरनाथ में बादल फटने से लगभग 16 लोगों की मौत हो गई थी. इस तबाही ने देशभर को झकझोर कर रख दिया है. इधर कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो अमरनाथ यात्रा कर सुरक्षित अपने घर लौट चुके हैं, लेकिन उनके दिल में डर का माहौल आज भी बना हुआ है. दिल्ली लौटे लोगों का कहना है कि वहां कई और लोग अभी लापता ही थी, उनकी तलाश की जा रही थी. इन्हीं में से एक अमरनाथ यात्रा से लौटे सिविल डिफेंस वालंटियर मनोज माथुर ने बताया सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. लेकिन सेना पर उन्हें भरोसा था कि अगर कुछ हुआ तो ये हमें बचा लेंक. अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को सभी सुविधा भी मुहैया कराई जा रही थी, लेकिन बीते 7 जुलाई को अचानक बादल फटने से हड़कंप मच गया.

देखें पूरी खबर
माथुर ने बताया कि जैसे ही वह सभी अमरनाथ गुफा से यात्रा कर वापस लौटे, उसके कुछ घंटे बाद ही उन्हें इस त्रासदी का पता चला. उस वक्त उन सभी के दिल में दहशत का माहौल था, और जब तक वो घर वापस नहीं पहुंचे तब तक उन्हें सुकून नहीं मिला. हालांकि उन्होंने प्रशासन की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पिछले साल जुलाई में पवित्र गुफा के पास इसी जगह तबाही हुई थी, जहां इस बार त्रासदी आई है. ऐसे में उसी स्थान पर फिर से कैंप लगाना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को भी दर्शाता है.

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के दौरान सात जुलाई को आई त्रासदी के बीच सुरक्षित घर लौटे परिवारों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया. उनका कहना है कि भगवान का शुक्र है हम बच गए. उनका कहना है हादसा स्थल से कुछ देर पहले ही वे कैंप लौटे थे. हालांकि उस त्रासदी को करीब से देखने से उन्हें अब भी डर है. इस बीच परिवार ने प्रशासन की व्यवस्था पर कई सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि रेड जोन में ही इस बार भी लोगों के कैंप लगवाए गए थे. ये ठीक नहीं था.

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बता दें कि अमरनाथ में बादल फटने से लगभग 16 लोगों की मौत हो गई थी. इस तबाही ने देशभर को झकझोर कर रख दिया है. इधर कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो अमरनाथ यात्रा कर सुरक्षित अपने घर लौट चुके हैं, लेकिन उनके दिल में डर का माहौल आज भी बना हुआ है. दिल्ली लौटे लोगों का कहना है कि वहां कई और लोग अभी लापता ही थी, उनकी तलाश की जा रही थी. इन्हीं में से एक अमरनाथ यात्रा से लौटे सिविल डिफेंस वालंटियर मनोज माथुर ने बताया सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. लेकिन सेना पर उन्हें भरोसा था कि अगर कुछ हुआ तो ये हमें बचा लेंक. अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को सभी सुविधा भी मुहैया कराई जा रही थी, लेकिन बीते 7 जुलाई को अचानक बादल फटने से हड़कंप मच गया.

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माथुर ने बताया कि जैसे ही वह सभी अमरनाथ गुफा से यात्रा कर वापस लौटे, उसके कुछ घंटे बाद ही उन्हें इस त्रासदी का पता चला. उस वक्त उन सभी के दिल में दहशत का माहौल था, और जब तक वो घर वापस नहीं पहुंचे तब तक उन्हें सुकून नहीं मिला. हालांकि उन्होंने प्रशासन की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पिछले साल जुलाई में पवित्र गुफा के पास इसी जगह तबाही हुई थी, जहां इस बार त्रासदी आई है. ऐसे में उसी स्थान पर फिर से कैंप लगाना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को भी दर्शाता है.
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