नई दिल्ली: राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जयपुर में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी कड़ा विरोध जताया है. इसको लेकर आईएमए ने सोमवार को देश के अस्पतालों के डॉक्टरों से काला दिवस मनाने का आह्वान किया. इस पर दिल्ली सहित पूरे देश के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों के बैनर तले सभी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया.
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की बात करें तो मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, हिंदू राव अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, दीप चंद बंधु अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और डॉ. हेडगेवार अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन सहित अन्य कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया.
डॉक्टरों पर अत्याचार बर्दाश्त नहींः डॉक्टरों का कहना है कि बिल में अपनी आपत्तियों को लेकर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना अत्यंत निंदनीय है. कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टरों ने लाखों लोगों की जान बचाई है. तब सरकार ने डॉक्टरों को कोरोना योद्धा माना था. अब डॉक्टरों पर अत्याचार किया जा रहा है.
7 दिन तक होगा विरोधः वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने भी सरकार से बिल को वापस लेने की मांग की है. साथ ही बिल के विरोध में आईएमए राजस्थान को समर्थन देने और आंदोलन तेज करने की भी घोषणा की है. वहीं, देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों की बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन इंडिया (फोरडा) ने एक सप्ताह तक काला दिवस मनाने की घोषणा की है. फोरडा के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने कहा कि डॉक्टरों पर राजस्थान पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज निंदनीय है. इसलिए हमने सात दिन तक काला दिवस मानने का निर्णय लिया है.