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मोरबी घटना पर बोले मनीष सिसोदिया, यह हादसा नहीं हत्या है

गुजरात के मोरबी (Morbi incident in Gujarat) में रविवार शाम केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 500 लोग मच्छु नदी में गिर गए. हादसे में 141 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इस घटना को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है. साथ ही उन्होंने भाजपा से पांच सवाल पूछे हैं.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
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Published : Nov 1, 2022, 4:03 PM IST

नई दिल्ली : गुजरात के मोरबी (Morbi incident in Gujarat) में हुए हादसे को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने कहा कि यह हादसा नहीं हत्या है. गुजरात के मोरबी में जो हादसा (Morbi incident in Gujarat) हुआ, उससे पूरा देश हिला हुआ है उसमें डेढ़ सौ लोग मारे गए, मासूम बच्चे मारे गए, उसको देखकर पूरा देश हिला हुआ है. पिछले दो दिनों जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह साफ हो रहा है कि ये हादसा नहीं हत्या है और इसके पीछे भाजपा का भ्रष्टाचार है.

उन्होंने कहा कि वहां भारतीय जनता पार्टी की भ्रष्टाचार की वजह से गुजरात के मोरबी में डेढ़ सौ मासूम लोगों की जान गई है. पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर सिसोदिया ने गुजरात सरकार से पांच सवाल भी पूछा.

सिसोदिया द्वारा पूछे गए सवाल

  • मोरबी में जो पुल टूटा उसके पुननिर्माण का ठेका एक घड़ी बनाने वाली कंपनी को क्यों दिया गया? एक ऐसी कंपनी को जिसने कभी सिविल वर्क नहीं किया, पुल नहीं बनाया, इस तरह का कोई काम नहीं करती थी. सिर्फ घड़ी बनाने का एक्सपीरियंस रखने वाली कंपनी को पुल का पुनः निर्माण का ठेका दे दिया यह भारतीय जनता पार्टी जवाब दें? ये क्यों दिया गया ?
  • इतना बड़ा काम और इतना महत्वपूर्ण काम इतना सेंसिटिव काम, इसका ठेका एक ऐसी कंपनी को दिया गया जो घड़ी बनाने का काम करती हो, लेकिन बिना टेंडर का ठेका दिया गया. मोरबी के पुल के पुर्ननिर्माण का ठेका बिना टेंडर के दिया गया. एक गैर अनुभवी कंपनी को बिना टेंडर के ठेका क्यों दिया गया, भारतीय जनता पार्टी के नेता जवाब दे?

  • जो डॉक्युमेंट सामने आए हैं, उनसे समझ में आता है पुल के पुनर्निर्माण का काम आठ महीने में पूरा होना था, लेकिन किस जल्दबाजी में आठ महीने का काम पांच महीने में लीपापोती कर के खोल दिया गया?
  • भारतीय जनता पार्टी बताएं कि ये जो कंपनी है घड़ी बनाने वाली, जिसको बिना अनुभव के ठेका दिया गया बिना टेंडर के ठेका दिया गया, इससे भारतीय जनता पार्टी ने कितना चंदा लिया है? भारतीय जनता पार्टी ने इसके मालिकों से कितना चंदा लिया है? इस कम्पनी के मालिकों की बीजेपी के किन-किन नेताओं से नजदीकी है.
  • इतने बड़े हादसे, पूरे देश में, पूरी दुनिया में यह मुद्दा उठ रहा है. इतने बड़े हादसे के बाद से जो एफआई )आर दर्ज की गई है उसमें उस कंपनी और उसके मालिकों का नाम तक नहीं है. सिक्योरिटी गार्ड, नीचे के कर्मचारी , मजदूर के खिलाफ एफआईआर की गई है. कंपनी के मालिक या कम्पनी के नाम से एफआईआर नही की गई. किसका दबाव है? किसके दबाव में कंपनी के मालिको और कंपनी के खिलाफ एफआईआर नहीं की गई है?

ये भी पढ़ें : मोरबी हादसे से ध्यान भटकाने के लिए सुकेश को बनाया मोहरा: केजरीवाल

बता दें, गुजरात के मोरबी में रविवार शाम केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 500 लोग मच्छु नदी में गिर गए. हादसे में 134 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. अधिकारियों के अनुरूप यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल पुराना था और 2 साल तक बंद रहा था. हाल में दो करोड़ रुपए की लागत से इसकी मरम्मत का काम हुआ था. दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को ही इसे आम लोगों के लिए खोला गया था.जिस समय हादसा हुआ उस समय पुल के ऊपर करीब 500 लोग खड़े थे.

ये भी पढ़ें : दिल्ली की सरकारी जमीन को 80 लाख में बेचकर हुआ था फरार, हुआ गिरफ्तार

नई दिल्ली : गुजरात के मोरबी (Morbi incident in Gujarat) में हुए हादसे को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने कहा कि यह हादसा नहीं हत्या है. गुजरात के मोरबी में जो हादसा (Morbi incident in Gujarat) हुआ, उससे पूरा देश हिला हुआ है उसमें डेढ़ सौ लोग मारे गए, मासूम बच्चे मारे गए, उसको देखकर पूरा देश हिला हुआ है. पिछले दो दिनों जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह साफ हो रहा है कि ये हादसा नहीं हत्या है और इसके पीछे भाजपा का भ्रष्टाचार है.

उन्होंने कहा कि वहां भारतीय जनता पार्टी की भ्रष्टाचार की वजह से गुजरात के मोरबी में डेढ़ सौ मासूम लोगों की जान गई है. पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर सिसोदिया ने गुजरात सरकार से पांच सवाल भी पूछा.

सिसोदिया द्वारा पूछे गए सवाल

  • मोरबी में जो पुल टूटा उसके पुननिर्माण का ठेका एक घड़ी बनाने वाली कंपनी को क्यों दिया गया? एक ऐसी कंपनी को जिसने कभी सिविल वर्क नहीं किया, पुल नहीं बनाया, इस तरह का कोई काम नहीं करती थी. सिर्फ घड़ी बनाने का एक्सपीरियंस रखने वाली कंपनी को पुल का पुनः निर्माण का ठेका दे दिया यह भारतीय जनता पार्टी जवाब दें? ये क्यों दिया गया ?
  • इतना बड़ा काम और इतना महत्वपूर्ण काम इतना सेंसिटिव काम, इसका ठेका एक ऐसी कंपनी को दिया गया जो घड़ी बनाने का काम करती हो, लेकिन बिना टेंडर का ठेका दिया गया. मोरबी के पुल के पुर्ननिर्माण का ठेका बिना टेंडर के दिया गया. एक गैर अनुभवी कंपनी को बिना टेंडर के ठेका क्यों दिया गया, भारतीय जनता पार्टी के नेता जवाब दे?

  • जो डॉक्युमेंट सामने आए हैं, उनसे समझ में आता है पुल के पुनर्निर्माण का काम आठ महीने में पूरा होना था, लेकिन किस जल्दबाजी में आठ महीने का काम पांच महीने में लीपापोती कर के खोल दिया गया?
  • भारतीय जनता पार्टी बताएं कि ये जो कंपनी है घड़ी बनाने वाली, जिसको बिना अनुभव के ठेका दिया गया बिना टेंडर के ठेका दिया गया, इससे भारतीय जनता पार्टी ने कितना चंदा लिया है? भारतीय जनता पार्टी ने इसके मालिकों से कितना चंदा लिया है? इस कम्पनी के मालिकों की बीजेपी के किन-किन नेताओं से नजदीकी है.
  • इतने बड़े हादसे, पूरे देश में, पूरी दुनिया में यह मुद्दा उठ रहा है. इतने बड़े हादसे के बाद से जो एफआई )आर दर्ज की गई है उसमें उस कंपनी और उसके मालिकों का नाम तक नहीं है. सिक्योरिटी गार्ड, नीचे के कर्मचारी , मजदूर के खिलाफ एफआईआर की गई है. कंपनी के मालिक या कम्पनी के नाम से एफआईआर नही की गई. किसका दबाव है? किसके दबाव में कंपनी के मालिको और कंपनी के खिलाफ एफआईआर नहीं की गई है?

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बता दें, गुजरात के मोरबी में रविवार शाम केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 500 लोग मच्छु नदी में गिर गए. हादसे में 134 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. अधिकारियों के अनुरूप यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल पुराना था और 2 साल तक बंद रहा था. हाल में दो करोड़ रुपए की लागत से इसकी मरम्मत का काम हुआ था. दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को ही इसे आम लोगों के लिए खोला गया था.जिस समय हादसा हुआ उस समय पुल के ऊपर करीब 500 लोग खड़े थे.

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