नई दिल्ली: राजधानी का हौज खास स्थित डियर पार्क बंद होने जा रहा है. दरअसल सेंट्रल जू अथॉरिटी ने एएन झा डियर पार्क की मिनी जू के तौर पर मान्यता को रद्द कर दिया गया है. इसके बाद यहां मौजूद करीब 600 हिरणों को राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ा जाएगा. वहीं इस पार्क को एक संरक्षित वन के रूप में रखा जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी की होगी. जानकारी के मुताबिक डियर पार्क को बंद करने के फैसले के पीछे वहां हिरणों की बढ़ती आबादी है. इनकी आबादी इसलिए बढ़ रही है क्योंकि यहां पर उनका प्राकृतिक रूप से शिकार करने वाला कोई जानवर नहीं है.
इस पार्क की शुरुआत 1960 में हुई थी. तब से यहां लाए गए हिरणों की आबादी में लगातार इजाफा हुआ है. लेकिन डीडीए के कर्मचारी इतनी बड़ी संख्या में हिरणों को संभालने के लिए ट्रेंड नहीं है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी डॉ संजय कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में 30 जनवरी 2023 को प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें सुझाव दिया गया था कि मिनी जू में 600 जानवरों को रखा गया है. इसकी मान्यता रद्द होने के बाद जानवरों को 70 प्रतिशत के अनुपात में राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ा जाएगा.
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बताया जा रहा है कि इन हिरणों को राजस्थान के मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी बाघ और दिल्ली के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा. इससे वन में शिकारियों के शिकार की आपूर्ति करने के लिए परिस्थितिकिय तंत्र में संतुलन स्थापित हो सकेगा. बता दें कि असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में तेंदुए की संख्या बढ़ी है. ऐसे में उनके शिकार की पूर्ति करने करने की आवश्यकता भी पूरी हो सकेगी.
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