नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अलका लांबा ने सोमवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर पर केंद्र की पूंजीपति समर्थित भाजपा सरकार द्वारा बेलगाम वृद्धि ने देशवासियों की कमर तोड़ दी है जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है.
अलका लांबा ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों में अत्यधिक वृद्धि के साथ दिल्ली में जहां पेट्रोल 88.99 रुपये प्रति लीटर, डीजल 79.35 रुपये प्रतिलीटर हो गया है वहीं गैस सिलेंडर पिछले दो महीनों में 175 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के साथ 769 रुपये प्रति सिलेंडर दिल्ली के उपभोक्ताओं को मिल रहा है, जिसकी दोहरी मार दिल्ली की जनता पर पड़ रही है.
'तिजोरी भर रही केंद्र सरकार '
अलका लांबा ने 'हम दो हमारे दो, डीजल-90, पेट्रोल-100, सौ में लगा धागा, अब तो सिलेंडर भी उछल-उछल कर भागा' के राहुल गांधी के कथन के साथ अपने सम्बोधन जोड़ते हुए कहा कि भाजपा की मोदी सरकार अपनी तिजोरी भरने के लिए आधी रात को गैस सिलेंडर पर 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि कर दी, जबकि इससे पूर्व 4 फरवरी को गैर सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर पर 25 रुपये की वृद्धि की गई थी. उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2020 से आज तक प्रति गैस सिलेंडर पर 175 रुपये की वृद्धि की गई है. कोविड-19 लॉकडाउन के पूरे वर्ष में जब पूरी दुनिया जद्दोजहद कर रही थी. उस वक्त मोदी सरकार देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के टैक्सों व अन्य प्रकार से मंहगाई करके आम जनता को गरीबी में ढकेला व सरकार की तिजोरी भरी.
37 प्रतिशत का हुआ इजाफा
अलका लांबा और अमृता धवन ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने एक तुलनात्मक आंकड़ों में बताया कि 2014-15 केंद्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों से 1,72,065 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि 2019-20 में यह लगभग दुगना बढ़कर 3,34,314 करोड़ रुपये हो गया. वहीं दिल्ली सरकार को वेट टैक्स के जरिए 2014-15 में 2798 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया था जो 2019-20 में बढ़कर 3,833 करोड़ रुपये हो गया, मतलब दिल्ली सरकार के टैक्स कलेक्शन में 37 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
कहा गया पैसा
उन्होंने कांग्रेस सरकार व केजरीवाल के दौरान वैट वसूली की दरों का जिक्र करते हुए बताया कि सितंबर 2013 में पेट्रोल व डीजल पर लगने वालो वेट 20 प्रतिशत व 12.5 प्रतिशत था जो आज बढा़कर दोनो पर ही 30 प्रतिशत कर दिया गया है. केजरीवाल सरकार ने 2014-15 व 2019-20 के दौरान पेट्रोलियम पदार्थो पर टैक्स लगाकर 21,701 करोड़ रुपये कमाए. पिछले 6 वर्षों के दौरान जब दिल्ली में एक अस्पताल, एक स्कूल नही बने, न ही एक भी डीटीसी बसों जुड़ी तो आखिर पैसा गया कहां.
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महिला कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
दिन प्रतिदिन बढ़ रहे मंहगाई के विरोध में दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कनॉट प्लेस के राजीव चौक पर गैस सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी दरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता हाथों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे प्रदर्शन में दिल्ली महिला कांग्रेस के अलावा काफी संख्या में आम घरेलू महिलाएं भी शामिल थी.