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पानी विवाद: 70 साल पुरानी समस्या 5 साल में ठीक नहीं हो सकती- केजरीवाल - dirty water issue

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. तब 2300 कॉलोनियों में दूषित पानी आपूर्ति होने की शिकायत थी. सरकार ने उन जगहों पर पानी आपूर्ति को बेहतर करने की दिशा में काम किया.

पानी विवाद: 70 साल की समस्या 5 साल में ठीक नहीं कर सकता- केजरीवाल
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Published : Nov 22, 2019, 4:37 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 6:26 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में पानी की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह इस पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उनका दिल्ली की पानी से कुछ लेना-देना नहीं है. दिल्ली में साफ पानी की आपूर्ति की समस्या 70 साल पुरानी है इसे 5 साल में ठीक नहीं कर सकते हैं.

सीएम केजरीवाल की सफाई

सरकार ने पेश किया आंकड़ा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. तब 2300 कॉलोनियों में दूषित पानी आपूर्ति होने की शिकायत थी. सरकार ने उन जगहों पर पानी आपूर्ति को बेहतर करने की दिशा में काम किया. आज सौ-डेढ़ सौ कॉलोनियों में दूषित पानी की शिकायत रह गई हैं. जहां पानी ठीक से नहीं आता. जहां पानी की शिकायतें हैं, उसे ठीक करने की कोशिश जारी है.

पालम, विकासपुरी, बुराड़ी, महावीर एनक्लेव, संत नगर ऐसी कई कॉलोनियों के उन्होंने नाम भी लिए जहां पर इन दिनों पानी की पाइप लाइन को बदलने का काम चल रहा है. ताकि लोगों को साफ पानी पीने को मिले. उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता को लेकर जो भी बातें हो रही हैं, मैं दिल्ली के लोगों से साफ करना चाहता हूं कि अगर कहीं किसी को दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है तो वह शिकायत करें. सरकार उनका समाधान करेगी. उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. पहले काफी शिकायतें आती थी अब कम कर दिया गया है.

हालांकि पिछले दिनों भारत मानक ब्यूरो द्वारा दिल्ली की पानी की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट में जिस तरह फ़िसड्डी बताया गया, इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 32 टीमें बनाकर सभी निगम वार्ड से 5-5 पानी के सैंपल की जांच कराने की थी, उस दिशा में सरकार काम शुरू कर दिया है. कुछ दिनों में सैंपल एकत्रित करने का काम शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों में संशय न रहे.


बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पानी की गुणवत्ता को लेकर उठाए सवाल के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लगातार दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही दलील को खारिज कर रहे हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं. तो रामविलास पासवान ने यहां तक कह दिया कि इस मुद्दे पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल की बात को गंभीरता से लेंगे. अन्य किसी को नहीं. अरविंद केजरीवाल ने अब साफ कर दिया कि वे इस मुद्दे को तूल देना नहीं चाहते. तू-तू, मैं-मैं करने की बजाय जो समस्या है उसके समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में पानी की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह इस पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उनका दिल्ली की पानी से कुछ लेना-देना नहीं है. दिल्ली में साफ पानी की आपूर्ति की समस्या 70 साल पुरानी है इसे 5 साल में ठीक नहीं कर सकते हैं.

सीएम केजरीवाल की सफाई

सरकार ने पेश किया आंकड़ा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. तब 2300 कॉलोनियों में दूषित पानी आपूर्ति होने की शिकायत थी. सरकार ने उन जगहों पर पानी आपूर्ति को बेहतर करने की दिशा में काम किया. आज सौ-डेढ़ सौ कॉलोनियों में दूषित पानी की शिकायत रह गई हैं. जहां पानी ठीक से नहीं आता. जहां पानी की शिकायतें हैं, उसे ठीक करने की कोशिश जारी है.

पालम, विकासपुरी, बुराड़ी, महावीर एनक्लेव, संत नगर ऐसी कई कॉलोनियों के उन्होंने नाम भी लिए जहां पर इन दिनों पानी की पाइप लाइन को बदलने का काम चल रहा है. ताकि लोगों को साफ पानी पीने को मिले. उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता को लेकर जो भी बातें हो रही हैं, मैं दिल्ली के लोगों से साफ करना चाहता हूं कि अगर कहीं किसी को दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है तो वह शिकायत करें. सरकार उनका समाधान करेगी. उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. पहले काफी शिकायतें आती थी अब कम कर दिया गया है.

हालांकि पिछले दिनों भारत मानक ब्यूरो द्वारा दिल्ली की पानी की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट में जिस तरह फ़िसड्डी बताया गया, इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 32 टीमें बनाकर सभी निगम वार्ड से 5-5 पानी के सैंपल की जांच कराने की थी, उस दिशा में सरकार काम शुरू कर दिया है. कुछ दिनों में सैंपल एकत्रित करने का काम शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों में संशय न रहे.


बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पानी की गुणवत्ता को लेकर उठाए सवाल के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लगातार दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही दलील को खारिज कर रहे हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं. तो रामविलास पासवान ने यहां तक कह दिया कि इस मुद्दे पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल की बात को गंभीरता से लेंगे. अन्य किसी को नहीं. अरविंद केजरीवाल ने अब साफ कर दिया कि वे इस मुद्दे को तूल देना नहीं चाहते. तू-तू, मैं-मैं करने की बजाय जो समस्या है उसके समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली. राजधानी में पानी की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह इस पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उनका दिल्ली की पानी से कुछ लेना-देना नहीं है. दिल्ली में साफ पानी की आपूर्ति की समस्या 70 साल पुरानी है इसे 5 साल में ठीक नहीं कर सकते हैं.


Body:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तब 2300 कॉलोनियों में दूषित पानी आपूर्ति होने की शिकायत थी. सरकार ने उन जगहों पर पानी आपूर्ति को बेहतर करने की दिशा में काम किया. आज सौ-डेढ़ सौ कॉलोनियों में दूषित पानी की शिकायत रह गई हैं. जहां पानी ठीक से नहीं आता. जहां पानी की शिकायतें हैं, उसे ठीक करने की कोशिश जारी है.

पालम, विकासपुरी, बुराड़ी, महावीर एनक्लेव, संत नगर ऐसी कई कॉलोनियों के उन्होंने नाम भी लिए जहां पर इन दिनों पानी की पाइप लाइन को बदलने का काम चल रहा है. ताकि लोगों को साफ पानी पीने को मिले. उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता को लेकर जो भी बातें हो रही हैं, मैं दिल्ली के लोगों से साफ करना चाहता हूं कि अगर कहीं किसी को दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है तो वह शिकायत करें. सरकार उनका समाधान करेगी. उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. पहले काफी शिकायतें आती थी अब कम कर दिया गया है.

हालांकि पिछले दिनों भारत मानक ब्यूरो द्वारा दिल्ली की पानी की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट में जिस तरह फ़िसड्डी बताया गया, इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 32 टीमें बनाकर सभी निगम वार्ड से 5-5 पानी के सैंपल की जांच कराने की थी, उस दिशा में सरकार काम शुरू कर दिया है. कुछ दिनों में सैंपल एकत्रित करने का काम शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों में संशय न रहे.


Conclusion:बता दें कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पानी की गुणवत्ता को लेकर उठाए सवाल के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लगातार दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही दलील को खारिज कर रहे हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष तथा संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं. तो रामविलास पासवान ने यहां तक कह दिया कि इस मुद्दे पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल की बात को गंभीरता से लेंगे. अन्य किसी को नहीं. अरविंद केजरीवाल ने अब साफ कर दिया कि वे इस मुद्दे को तूल देना नहीं चाहते. तू-तू, मैं-मैं करने की बजाय जो समस्या है उसके समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Nov 22, 2019, 6:26 PM IST
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