कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. सरकार के इस फैसले के अनुसार अगर कोई शख्स या गर्भवती महिला जो अल्ट्रासाउंड के लिए किसी सेंटर पर जाती है और उन्हें वहां पर प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण की पुख्ता जानकारी मिलती है, तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देकर सरकार द्वारा सूचना देने वाले को सम्मानित किया जाएगा.
मुखबिर योजना होगी शुरू
कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार जो अल्ट्रासाउंड केंद्र लिंग परीक्षण करते हैं, उन्हें पकड़ने के लिए मुखबिर योजना प्रारंभ की गई है. अगर कोई शख्स इसके बारे में सरकार को बताता है तो उसे 50 हजार रुपये, और कोई गर्भवती महिला स्वयं अगर ऐसे केंद्र के बारे में सरकार को सूचित करेगी तो उसे इनाम के तौर पर 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे.
सूचना देने वाले का नाम होगा गुप्त
ऐसे लोगों के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति को दो लाख तक की प्रोत्साहन राशि दो चरणों में दी जाएगी. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा ऐसा व्यक्ति जिनकी सूचना बार-बार गलत निकलेगी उसका नाम मुखबिर की सूची से बाहर कर दिया जाएगा. उनकी जानकारी पर टीम नहीं भेजी जाएगी.
डॉक्टर मांगते हैं मुंह मांगी कीमत
बता दें कि सरकार के तमाम दावों और कड़े नियम होने के बावजूद देश की राजधानी दिल्ली में ऐसे कई अल्ट्रासाउंड केंद्र चल रहे हैं जहां पर प्रसव पूर्व लिंग की जानकारी मुंह मांगी कीमत लेकर गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को दी जाती है. इसकी सूचना मिलने पर सरकार कार्रवाई करती है, लेकिन इसमें और सख्ती लाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है.
स्वास्थ्य विभाग को मिलेगी मदद
दिल्ली में अगर लिंगानुपात की बात करें तो साल 2001 में 1000 पर जहां 809 कन्या वहीं, 2010 में प्रति हजार 901 और 2016 में यह आंकड़ा 902 तक ही पहुंच पाया है. लिंगानुपात सुधारने में जुटे स्वास्थ्य विभाग को सरकार के इस फैसले से काफी मदद मिलेगी और प्रसव पूर्व परीक्षण करने से पहले कोई भी केंद्र और डॉक्टर सो दफा जरूर सोचेगा.