नई दिल्ली: कृषि सुधार बिल को लेकर विपक्षी समेत आम आदमी पार्टी भी लगातार विरोध कर रही है. ऐसे में दिल्ली बीजेपी ने भी केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है. कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय में सांसद मीनाक्षी लेखी के साथ पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की और केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला.
'AAP किसान हितैषी नहीं'
आदेश गुप्ता ने कहा कि जिस आम आदमी पार्टी का जन्म जंतर-मंतर पर एक किसान स्व. गजेंद्र को पेड़ से लटकाकर तड़पते हुए तालियां बजाते हुए हुआ हो, वह किसानों के हित की बात सोच भी कैसे सकती है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की आज भी विचारधारा नहीं बदली है.
'AAP सांसद ने संसद में की अभद्रता'
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जब संसद में किसानों के विकास के लिए इतना महत्वपूर्ण बिल पास हो रहा था, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य अभद्रता कर रहे थे. साथ ही उन्होने अरविंद केजरीवाल पर सवाल खड़े करते हुए कहा दिल्ली के किसानों को केजरीवाल सरकार ने क्यों नहीं दिया किसान का दर्जा.
'दिल्ली में किसानों को नही मिला किसान का दर्जा'
आदेश गुप्ता ने कहा कि आज तक केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसानों को किसानों का दर्जा क्यों नहीं दिया है, क्योंकि इन्हें किसान से कोई मतलब नहीं है. इन्हें बस किसानों के नाम पर राजनीति करनी है. गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में किसानों को किसान का दर्जा नहीं मिलने से उन्हें सब्सिडी नहीं मिलती, बिजली बिल में कोई रियायत नहीं है. कृषि में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर कोई छूट नहीं मिलती है. मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि दिल्ली के किसानों का केजरीवाल सरकार ने किसान का दर्जा नहीं दिया है. इसकी वजह से दिल्ली के किसानों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है. आज केजरीवाल की सरकार में किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल नहीं लगवा सकते. दिल्ली बीजेपी किसानो की हक की हर लड़ाई लड़ेगी और किसानों को उनका हक दिलवा कर रहेगी.
वहीं प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तो किसान बिल में जो बातें कही गई हैं उन्हीं बातों का जिक्र कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में करती आ रही थी. राहुल गांधी ने स्वयं कहा था कि किसानों के पास फसल बेचने के लिए मंडी के अलावा वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. आज जब मोदी सरकार अपने वादे के मुताबिक कृषि बिल के जरिए किसानों को मंडी के अलावा भी अन्य प्लेटफार्म के जरिए फसल बेचने की सुविधा दे रही है, तो इसमें कांग्रेस को दिक्कत हो रही है. विपक्षी दलों को चाहिए कि अब वह किसानों के संबंध में जो कृषि सुधार के लिए बिल कानून बन गया है. उसके बारे में कोई गलतफहमी जनता के बीच पैदा ना फैलाए.