नई दिल्ली: साउथ कैंपस व रिंग रोड के बेनितो जुआरेज (बीजे) मार्ग पर बनाया जा रहा अंडरपास व स्काईवॉक तैयार हो गया है. लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित 1.2 किलोमीटर लंबे अंडरपास का उद्घाटन आज उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करेंगे. यह अंडरपास राव तुला राम फ्लाईओवर प्रोजेक्ट का हिस्सा था. इस प्रोजेक्ट को 2013 में स्वीकृति मिली थी. लेकिन निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था.
यह अंडरपास दुर्गाबाई देशमुख साउथ कैंपस मेट्रो स्टेशन से Y शेप में दो दिशाओं में बनाया गया है. एक हिस्सा सेन मार्टिन रोड और दूसरा रिंग रोड पर निकला है. अंडरपास शुरू हो जाने से धौलाकुआं पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा. स्काईवाक बन जाने से साउथ कैंपस के छात्र मेट्रो से उतरकर सीधे कालेज आ-जा सकेंगे. अंडरपास के जरिये बीजे मार्ग से सीधे रिंग रोड या सेन मार्टिन मार्ग जाया ला सकेगा. अभी मैत्रेयी कॉलेज से सेन मार्टिन मार्ग जाने के लिए धौलाकुआं फ्लाईओवर से घूमकर जाना पड़ता है. बीजे मार्ग से राइट टर्न लेकर रिंग रोड पर मोतीबाग की ओर नहीं जाया जा सकता है. अंडरपास बन जाने से रिंग रोड पर राइट टर्न लिया जा सकेगा. अंडरपास का एक रास्ता दाहिने मोतीबाग की ओर मोड़ा गया है.
धौलाकुआं होते हुए एयरपोर्ट जाने की झंझट खत्म
इस अंडरपास के चालू होने से एयरपोर्ट से मोती बाग, एम्स या सेंट्रल दिल्ली जाने वाले लोगों को धौलाकुआं जाने की जरूरत नहीं होगी. इन इलाकों में आने-जाने के लिए बीजे मार्ग पर Y शेप में 1.2 किमी लंबा अंडरपास व इसी के ऊपर 670 मीटर लंबा स्काईवाक बनाया गया है. अभी गुरुग्राम व एयरपोर्ट की ओर से एम्स, मोतीबाग व सेंट्रल दिल्ली जाने के लिए धौलाकुआं से होकर आना-जाना पड़ता है. आज से अंडरपास चालू होने के बाद ये लोग सीधे आउटर रिंग रोड होते हुए बीजे मार्ग और वहां से अंडरपास होते हुए एम्स या मोती बाग की ओर जा सकेंगे.
दो लाख से अधिक यात्रियों को होगा लाभ
1.2 किमी का अंडरपास और 670 मीटर तक फैला स्काईवॉक रोजाना दो लाख से अधिक यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस परियोजना पर वर्ष 2015 में काम शुरू हुआ था. इसका निर्माण कार्य वर्ष 2019 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के चलते निर्माण कार्य में देरी हुई और आठ डेडलाइन फेल हो चुका है. अंतिम डेडलाइन इस वर्ष मार्च महीने में का था. इसके निर्माण में 143 करोड़ की लागत आई है.
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