नई दिल्ली : अनाथालय और सरकारी आश्रम में रहने वाले बच्चों को किसी भी स्कूल और कॉलेजों में दाखिले के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों को लेकर कई परेशानियां आती हैं. अब इस समस्या को लेकर दिल्ली बाल संरक्षण आयोग कदम उठा रहा है.
बाल संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार समेत उच्च शिक्षा विभाग के साथ कॉलेजों के वीसी और प्रिंसिपल को पत्र लिखा है. जिसमें अनुरोध किया गया है कि ऐसे बच्चों से इनकम सर्टिफिकेट या उनके माता-पिता के दस्तावेज ना मांगे जाएं.
'ना मांगा जाए इनकम सर्टिफिकेट'
बच्चों को होने वाली इस परेशानी को लेकर DCPCR के चेयर पर्सन रमेश नेगी ने बताया कि हमारे पास यह समस्या कई सालों से आ रही है.
जिसको लेकर हमने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार चिल्ड्रंस होम्स के बच्चों को सर्टिफिकेट बना कर दें. जिससे वह बच्चे कहीं भी जाकर दाखिला ले सके या फिर कॉलेजों और स्कूलों में यह कहा जाए कि ऐसे बच्चों से माता-पिता का इनकम सर्टिफिकेट ना मांगा जाए.
'बच्चे योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते है'
रमेश नेगी का कहना था कि दस्तावेजों को लेकर होने वाले इस परेशानी के कारण वह ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं जो सरकार द्वारा हर एक छात्र के लिए चलाई जा रही हैं. लेकिन यह बच्चे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं.
सरकार द्वारा इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा जारी किया गया है. जिसके अंतर्गत किसी भी स्कूल कॉलेजों में छात्रों को दाखिला मिल सकता है लेकिन यह छात्र उसका लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं