नई दिल्ली: अनाज मंडी अग्निकांड को लेकर दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने डिस्ट्रि्क मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि अनाज मंडी में 5 मंजिला इमारत में अवैध रूप से चलाई जा रही फैक्ट्री में कई बाल मजदूर भी काम कर रहे थे. इसको लेकर डीसीपीसीआर ने संज्ञान लिया है.
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र
डीसीपीसीआर ने इस हादसे में जख्मी और मारे गए बच्चों की पूरी जानकारी और उनकी मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है. परिजनों को जो मुआवजा दिया जाना है, वो कब तक उन्हें मिलेगा. इसके साथ ही इस इलाके में बाल मजदूरी को लेकर पहले कोई एफआईआर दर्ज हुई थी या नहीं. इस पर भी डीसीपीसीआर ने पूरी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से मांगी है.
पुलिस जेजे एक्ट की धारा जोड़कर कर रही कार्रवाई
पुलिस भी अब इस मामले में जेजे एक्ट की धारा जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में डीसीपीसीआर में जेजे एक्ट के मामलों पर कार्रवाई करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि हम देख रहे हैं कि आज राजधानी में कई ऐसी अवैध फैक्ट्रियों चल रही हैं और उनमें बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं. यहां कमी प्रशासन और पुलिस की है, जो ऐसे मामलों तक पहले से पहुंच पाने में असफल होती है.
गलत दस्तावेज दिखाकर करते हैं नौकरी
रीता सिंह ने बताया कि ये बाल मजदूर दिल्ली से सटे राज्यों से आकर यहां छोटे-मोटे काम करते हैं. किसी को इसकी शिकायत नहीं करते, गलत दस्तावेज बनाकर दिखाए जाते हैं. नहीं तो फिर इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ये छोटी सी उम्र में नौकरी करने को मजबूर होते हैं.