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अनाज मंडी अग्निकांड: DCPCR ने मांगी बाल श्रमिकों को लेकर जानकारी

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Published : Dec 15, 2019, 2:49 PM IST

अनाज मंडी में 5 मंजिला इमारत में अवैध रूप से चलाई जा रही फैक्ट्री में कई बाल मजदूर भी काम कर रहे थे. इसको लेकर डीसीपीसीआर ने संज्ञान लिया है. हादसे में जख्मी हुए और मारे गए बच्चों की पूरी जानकारी और उनकी मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मांगी है.

DCPCR anaj mandi fire, बाल श्रमिक
DCPCR ने लिया एक्शन

नई दिल्ली: अनाज मंडी अग्निकांड को लेकर दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने डिस्ट्रि्क मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि अनाज मंडी में 5 मंजिला इमारत में अवैध रूप से चलाई जा रही फैक्ट्री में कई बाल मजदूर भी काम कर रहे थे. इसको लेकर डीसीपीसीआर ने संज्ञान लिया है.

DCPCR ने मांगी बाल श्रमिकों की जानकारी

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र
डीसीपीसीआर ने इस हादसे में जख्मी और मारे गए बच्चों की पूरी जानकारी और उनकी मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है. परिजनों को जो मुआवजा दिया जाना है, वो कब तक उन्हें मिलेगा. इसके साथ ही इस इलाके में बाल मजदूरी को लेकर पहले कोई एफआईआर दर्ज हुई थी या नहीं. इस पर भी डीसीपीसीआर ने पूरी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से मांगी है.

DCPCR seeks information on child labor in delhi anaaj mandi area
DCPCR ने पत्र लिख मांगी जानकारी

पुलिस जेजे एक्ट की धारा जोड़कर कर रही कार्रवाई
पुलिस भी अब इस मामले में जेजे एक्ट की धारा जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में डीसीपीसीआर में जेजे एक्ट के मामलों पर कार्रवाई करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि हम देख रहे हैं कि आज राजधानी में कई ऐसी अवैध फैक्ट्रियों चल रही हैं और उनमें बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं. यहां कमी प्रशासन और पुलिस की है, जो ऐसे मामलों तक पहले से पहुंच पाने में असफल होती है.

गलत दस्तावेज दिखाकर करते हैं नौकरी
रीता सिंह ने बताया कि ये बाल मजदूर दिल्ली से सटे राज्यों से आकर यहां छोटे-मोटे काम करते हैं. किसी को इसकी शिकायत नहीं करते, गलत दस्तावेज बनाकर दिखाए जाते हैं. नहीं तो फिर इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ये छोटी सी उम्र में नौकरी करने को मजबूर होते हैं.

नई दिल्ली: अनाज मंडी अग्निकांड को लेकर दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने डिस्ट्रि्क मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि अनाज मंडी में 5 मंजिला इमारत में अवैध रूप से चलाई जा रही फैक्ट्री में कई बाल मजदूर भी काम कर रहे थे. इसको लेकर डीसीपीसीआर ने संज्ञान लिया है.

DCPCR ने मांगी बाल श्रमिकों की जानकारी

डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र
डीसीपीसीआर ने इस हादसे में जख्मी और मारे गए बच्चों की पूरी जानकारी और उनकी मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है. परिजनों को जो मुआवजा दिया जाना है, वो कब तक उन्हें मिलेगा. इसके साथ ही इस इलाके में बाल मजदूरी को लेकर पहले कोई एफआईआर दर्ज हुई थी या नहीं. इस पर भी डीसीपीसीआर ने पूरी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से मांगी है.

DCPCR seeks information on child labor in delhi anaaj mandi area
DCPCR ने पत्र लिख मांगी जानकारी

पुलिस जेजे एक्ट की धारा जोड़कर कर रही कार्रवाई
पुलिस भी अब इस मामले में जेजे एक्ट की धारा जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में डीसीपीसीआर में जेजे एक्ट के मामलों पर कार्रवाई करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि हम देख रहे हैं कि आज राजधानी में कई ऐसी अवैध फैक्ट्रियों चल रही हैं और उनमें बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं. यहां कमी प्रशासन और पुलिस की है, जो ऐसे मामलों तक पहले से पहुंच पाने में असफल होती है.

गलत दस्तावेज दिखाकर करते हैं नौकरी
रीता सिंह ने बताया कि ये बाल मजदूर दिल्ली से सटे राज्यों से आकर यहां छोटे-मोटे काम करते हैं. किसी को इसकी शिकायत नहीं करते, गलत दस्तावेज बनाकर दिखाए जाते हैं. नहीं तो फिर इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ये छोटी सी उम्र में नौकरी करने को मजबूर होते हैं.

Intro:अनाज मंडी अग्निकांड में दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है, और डिस्टिक मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर 7 दिन के भीतर इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. अनाज मंडी में 5 मंजिला इमारत में जिस प्रकार अवैध रूप से फैक्ट्री चलाई जा रही थी, और बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में कई बाल मजदूर भी काम कर रहे थे जिसको लेकर डीसीपीसीआर ने संज्ञान लिया है.


Body:डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र
डीसीपीसीआर ने इस हादसे में जख्मी और मारे गए बच्चों की पूरी जानकारी और उनकी मेडिकल रिपोर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है. परिजनों को जो मुआवजा दिया जाना है, वह कब तक उन्हें मिलेगा. इसके साथ ही इस इलाके में बाल मजदूरी को लेकर पहले कोई FIR दर्ज हुई थी तो उसकी जानकारी और अगर नहीं हुई थी. तो इस पर भी डीसीपीसीआर ने पूरी रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से मांगी है.

पुलिस जेजे एक्ट की धारा जोड़कर कर रही कार्रवाई
पुलिस भी अब इस मामले में जेजे एक्ट की धारा जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में डीसीपीसीआर में जेजे एक्ट के मामलों पर कार्रवाई करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि हम देख रहे हैं आज राजधानी में कई ऐसी अवैध फैक्ट्रियों चल रही हैं. और उसमें बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं, यहां कमी प्रशासन और पुलिस की है, जो ऐसे मामलों तक पहले से पहुँचपाने में असफल होती है.


Conclusion:गलत दस्तावेज दिखाकर करते हैं नौकरी
रीता सिंह ने बताया कि यह बाल मजदूर दिल्ली से सटे राज्यों से आकर यहां छोटे-मोटे काम करते हैं, और किसी को इसकी शिकायत नहीं करते, गलत दस्तावेज बनाकर दिखाए जाते हैं नहीं तो फिर इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है, और घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण यह छोटी सी उम्र में नौकरी करने को मजबूर होते हैं.
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