नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में कार्यरत डीबीसी के सैकड़ों कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है. कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना देने का मन बना लिया है. हड़ताल को लेकर यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी तबतक हम लोग यहां से नहीं हटेंगे.
बिना समाधान के नहीं खत्म होगा धरना
डीबीसी युनियन के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रराज कौशिक ने बताया कि हम लोगों को पिछले 28 वर्षों से सिर्फ दिलाशा दिया जा रहा है कि आपकी मांगे मान ली जाएगी. इस बीच कितनी ही सरकारें आई और गई, लेकिन हमारी हालत जस की तस रही. मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय ने भी हमें सिर्फ आश्वासन दिया कि आपकी मांगों पर हम गम्भीरता से विचार करेंगे, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. कौशिक ने कहा कि कोई कार्रवाई न होते देख हमें अनिश्चितकालीन धरने पर बैठना पड़ रहा है. जब तक हमारी भर्ती नियम की मांग नहीं मानी जाएगी, हम अपनी हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. जब तक हमारी समस्या का पूर्णतया समाधान नहीं हो जाता, हम यहां से हटने वाले नहीं हैं.
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हड़ताल करने से पहले यूनियन ने दी थी चेतावनी
वाइस प्रेसिडेंट इंद्रराज कौशिक ने कहा कि दो हफ्ते पहले डीबीसी कर्मचारी यूनियन के प्रेसिडेंट देवानन्द शर्मा ने एक पत्र जारी करके निगम मेयर कमिश्नर से कहा था कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो हम 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएगें. कौशिक ने बताया कि हड़ताल की बात पर उन्हें हालात की दुहाई दी गई और जलजनित बीमारियों के दौर में काम करने को कहा गया. निगम की मेयर शैली ओबेरॉय और नेता सदन मुकेश गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीबीसी कर्मचारियों से अनुरोध किया था कि इस बीमारी के वक्त में हड़ताल पर न जाएं. इस के जवाब में यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारे भी बच्चे और परिवार है, जिनकी परवाह सरकार कभी नहीं करती. यूनियन के पदाधिकारियों का साफ कहना है की हमारी मांगें पूरी होने तक मानने तक हम लोग यहीं रहेंगे और हड़ताल करेंगे
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