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देखिए वीडियो: छठ घाटों पर 'सांस्कृति कार्यक्रम' में जमकर लगे ठुमके - संस्कृति कार्यक्रम

छठ घाटों पर व्रतियों के मनोरंजन के लिए संस्कृति कार्यक्रम के साथ नृत्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. इसमें भोजपुरी कलाकारों का ज्यादा क्रेज है. हालांकि कुछ घाटों पर मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता भी पड़ोसी जा रही है.

छठ घाटों पर संस्कृति कार्यक्रम का
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Published : Nov 3, 2019, 8:28 AM IST

नई दिल्ली: पूर्वांचल के सबसे पवित्र माने जाने वाले छठ महापर्व की धूम दिल्ली एनसीआर में खूब देखने को मिल रही है. डूबते सूरज को अर्ध्य देने के बाद छठ व्रती उगते सूरज का इंतजार कर रहें है. ज्यादातर व्रती उगते सूरज का इंतजार घाट पर ही करते है. ऐसे में घाट पर व्रतियों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा जाता है.

छठ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता!

छठ घाटों पर व्रतियों के मनोरंजन के लिए संस्कृति कार्यक्रम के साथ नृत्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. इसमें भोजपुरी कलाकारों का ज्यादा क्रेज है. हालांकि कुछ घाटों पर मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता भी पड़ोसी जा रही है.

इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली के अलग-अलग घाटों पर भी भोजपुरी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा है. जिसे देखने के लिए लोग छठ घाटों पर पहुंच कर भोजपुरी संगीत का लुत्फ उठा रहें है. वहीं यमुना पार के गीता कॉलोनी, मयूर विहार, दिलशाद गार्डन के घाटों पर बिहार से कलाकारों को खास तौर पर बुलाया गया. जहां इस कार्यक्रम को लेकर लोगों का कहना है कि छठ घाट पर आयोजित कार्यक्रम का अपना ही महत्व है. इस कार्यक्रम का उन्हें इंतजार रहता है. खासतौर पर इस कार्यक्रम में भोजपुरी संगीत सुनने का मौका मिलता है.

नई दिल्ली: पूर्वांचल के सबसे पवित्र माने जाने वाले छठ महापर्व की धूम दिल्ली एनसीआर में खूब देखने को मिल रही है. डूबते सूरज को अर्ध्य देने के बाद छठ व्रती उगते सूरज का इंतजार कर रहें है. ज्यादातर व्रती उगते सूरज का इंतजार घाट पर ही करते है. ऐसे में घाट पर व्रतियों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा जाता है.

छठ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता!

छठ घाटों पर व्रतियों के मनोरंजन के लिए संस्कृति कार्यक्रम के साथ नृत्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. इसमें भोजपुरी कलाकारों का ज्यादा क्रेज है. हालांकि कुछ घाटों पर मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता भी पड़ोसी जा रही है.

इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली के अलग-अलग घाटों पर भी भोजपुरी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा है. जिसे देखने के लिए लोग छठ घाटों पर पहुंच कर भोजपुरी संगीत का लुत्फ उठा रहें है. वहीं यमुना पार के गीता कॉलोनी, मयूर विहार, दिलशाद गार्डन के घाटों पर बिहार से कलाकारों को खास तौर पर बुलाया गया. जहां इस कार्यक्रम को लेकर लोगों का कहना है कि छठ घाट पर आयोजित कार्यक्रम का अपना ही महत्व है. इस कार्यक्रम का उन्हें इंतजार रहता है. खासतौर पर इस कार्यक्रम में भोजपुरी संगीत सुनने का मौका मिलता है.

Intro:पुर्वी दिल्लीः पूर्वांचलवासियों का खास पर्व छठ धूम धाम से मनाया जा रहा है । डूबते सूरज को अर्ध्य देने के बाद छठ व्रती उगते सूरज का इंतेज़ार कर रहें है । ज़्यादातर व्रती उगते सूरज का इंतजार घाट पर ही करते है । ऐसे में घाट पर व्रतियों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा जाता है ।
छठ घाटों पर व्रतियों के मनोरंजन के लिए संस्कृति कार्यक्रम के साथ नृत्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है । इसमें भोजपुरी कलाकारों का ज़्यादा क्रेज है ।





Body:राजधानी दिल्ली के अलग अलग घाटों पर भी भोजपुरी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा है । जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है । छठ व्रतियों के अलावा भी भारी तादाद में लोग छठ घाटों पर पहुच कर भोजपुरी संगीत कर लुत्फ उठा रहें है ।

दिल्ली के यमुना पार इलाके में गीता कॉलोनी , मयूर विहार , दिलशाद गार्डन के घाटों पर बिहार से कलाकारों को खास तौर पर बुलाया गया । इन घाटों पर कलाकार लोगों कर मनोरंजन का कर रहें है ।

लोगों का कहना है कि छठ घाट पर आयोजित कार्यक्रम का अपना ही महत्व है । इस कार्यक्रम का उन्हें इंतेज़ार है । खासतौर पर इस कार्यक्रम में भोजपुरी संगीत सुनने का मौका मिलता है ।


Conclusion:हालांकि कुछ घाटों पर मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता भी पड़ोसी जा रही है ।
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