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मौलाना साद के आदेश पर मरकज में रुके थे जमाती: सूत्र

क्राइम ब्रांच की टीम मरकज प्रबंधन से जुड़े छह बड़े अधिकारी सहित 175 जमातियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं. क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जमातियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि कई जमाती 20 मार्च से पहले मरकज छोड़कर जाना चाहते थे. लेकिन मौलाना साद के आदेश पर उन्हें वहां रुकना पड़ा.

crime branch interrogate jamaat related to tablighi jamaat
तब्लीगी मरकज
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Published : May 15, 2020, 5:18 PM IST

नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को जमातियों से पूछताछ के दौरान कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि क्वॉरेंटाइन अवधि को पूरा कर चुके जमातियों से पूछताछ के दौरान ये पता चला है कि जमाती मौलाना साद के आदेश पर 20 मार्च के बाद भी मरकज में रुके थे.

क्राइम ब्रांच के सामने खुलासा
पूछताछ के दौरान मिले अहम सुराग


आपको बता दें कि क्राइम ब्रांच की टीम मरकज प्रबंधन से जुड़े 6 बड़े अधिकारी सहित 175 जमातियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं. क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जमातियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि कई जमाती 20 मार्च से पहले मरकज छोड़कर जाना चाहते थे. लेकिन मौलाना साद के आदेश पर उन्हें वहां रुकना पड़ा. जिसके बाद वहां कोरोना फैल गया और फिर वहां से लोगों को विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटरों में भर्ती कराना पड़ा.


गिरफ्तारी से बचना चाहता है मौलाना साद


क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि मौलाना साद को अपनी गिरफ्तारी का डर है. इसलिए वो सरकारी अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट नहीं करा रहा. उसे डर है कि अगर वो सरकारी अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट करवाता है और अगर उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो उसे क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए वो गिरफ्तारी से बचने के लिए निजी अस्पताल में टेस्ट करा रहा है.


वीजा प्राप्ति के आधार की भी जांच कर रही है क्राइम ब्रांच

गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच 700 जमातियों के पासपोर्ट जब्त कर इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने की तैयारी कर रही है. क्राइम ब्रांच इस पहलू को ध्यान में रखकर भी जांच कर रही है कि जमातियों ने आखिर किस आधार पर भारत आने के लिए वीजा हासिल किया.

नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को जमातियों से पूछताछ के दौरान कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि क्वॉरेंटाइन अवधि को पूरा कर चुके जमातियों से पूछताछ के दौरान ये पता चला है कि जमाती मौलाना साद के आदेश पर 20 मार्च के बाद भी मरकज में रुके थे.

क्राइम ब्रांच के सामने खुलासा
पूछताछ के दौरान मिले अहम सुराग


आपको बता दें कि क्राइम ब्रांच की टीम मरकज प्रबंधन से जुड़े 6 बड़े अधिकारी सहित 175 जमातियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं. क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जमातियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि कई जमाती 20 मार्च से पहले मरकज छोड़कर जाना चाहते थे. लेकिन मौलाना साद के आदेश पर उन्हें वहां रुकना पड़ा. जिसके बाद वहां कोरोना फैल गया और फिर वहां से लोगों को विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटरों में भर्ती कराना पड़ा.


गिरफ्तारी से बचना चाहता है मौलाना साद


क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि मौलाना साद को अपनी गिरफ्तारी का डर है. इसलिए वो सरकारी अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट नहीं करा रहा. उसे डर है कि अगर वो सरकारी अस्पताल में अपना कोरोना टेस्ट करवाता है और अगर उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो उसे क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए वो गिरफ्तारी से बचने के लिए निजी अस्पताल में टेस्ट करा रहा है.


वीजा प्राप्ति के आधार की भी जांच कर रही है क्राइम ब्रांच

गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच 700 जमातियों के पासपोर्ट जब्त कर इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने की तैयारी कर रही है. क्राइम ब्रांच इस पहलू को ध्यान में रखकर भी जांच कर रही है कि जमातियों ने आखिर किस आधार पर भारत आने के लिए वीजा हासिल किया.

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