नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सड़क फ्लाईओवर और पुल आदि से जुड़े निर्माण कार्य आए दिन जारी रहते हैं. ऐसे कई कार्य तब भी जारी थे, जब दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर की दस्तक हुई. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने पूरा ध्यान इससे लड़ाई और इससे निजात पर लगा दिया. ऐसे में इसका आंसर इन निर्माण कार्यों पर भी हुआ.
'540 किमी सड़क का होना है सौंदर्यीकरण'
कोरोना के कारण मौजूदा समय में जारी ऐसे कुछ निर्माण कार्यों की रफ्तार धीमी हुई, वहीं कुछ काम पूरी तरह से बंद हो गए. मौजूदा समय में दिल्ली में जो सरकारी निर्माण कार्य जारी हैं, उनमें सबसे प्रमुख है, सड़कों का सौंदर्यीकरण. दिल्ली सरकार राजधानी दिल्ली की 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीय मानकों के अनुसार सौन्दर्यीकृत करने वाली है.
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'6 अप्रैल को सीएम ने की थी समीक्षा'
दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग इनमें से 35 किलोमीटर लम्बी सड़कों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सौंदर्यीकरण कर रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते 6 अप्रैल को इससे जुड़ी एक समीक्षा बैठक की थी और इस 35 किमी के सौंदर्यीकरण कार्य को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का आदेश दिया था. लेकिन उसके ठीक बाद आई कोरोना लहर ने इसपर ब्रेक लगा दिया है.
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'पायलट प्रोजेक्ट का काम भी अधर में'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की पूरी 540 किलोमीटर लंबी सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए 2023 तक का लक्ष्य रखा था. इनके टेंडर की प्रक्रिया भी तेज करने के निर्देश दिए थे. लेकिन जिस तरह से दिल्ली में आई कोरोना की चौथी लहर ने इसके पायलट प्रोजेक्ट को ही अधर में छोड़ दिया है, इससे यह लक्ष्य कहीं ना कहीं मुश्किल लग रहा है.
'इंटीग्रेटेड ट्रांजिट डेवलपमेंट कॉरिडोर पर असर'
ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी काम पर कोरोना की इस लहर का असर पड़ा हो. दिल्ली में जारी अन्य सरकारी निर्माण कार्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. इंटीग्रेटेड ट्रांजिट डेवलपमेंट कॉरिडोर का एक बड़ा हिस्सा अभी भी निर्माणाधीन है. प्रगति मैदान के पास जारी इसके काम की रफ्तार कोरोना के कारण धीमी हो गई है. उम्मीद है कोरोना की रफ्तार मंद पड़ने के साथ ही इन प्रोजेक्ट्स की रफ्तार तेज होगी.