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आगरा में पीपल के पेड़ पर युवक ने बनाया मचान, जानिए वजह

पीपल का पेड़ ऑक्सीजन का स्रोत है. इस साइंटिफिक फैक्ट ने पीपल के पेड़ को लेकर आस्था को और मजबूत कर दिया है. यही वजह है कि आगरा के गांव नौबरी में किसी ने पीपल के पेड़ पर मचान बना रखा है, तो कोई इसके नीचे वक्त गुजार रहा है. इन तरकीबों के पीछे सिर्फ एक उम्मीद छिपी है कि पीपल कभी भी उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देगा.

peepal tree for oxygen
पीपल के पेड़ पर बनाया मचान
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Published : May 29, 2021, 4:43 PM IST

नई दिल्ली/आगराः ब्लॉक बरौली अहीर की ग्राम पंचायत नौबरी में इन दिनों पीपल के पेड़ के नीचे अजब नजारा दिख रहा है. प्रधान स्नेहलता यादव की सलाह पर यहां ग्रामीण खटिया डालकर आराम कर रहे हैं. यहां एक योग गुरु भी हैं, जो सुबह-शाम लोगों को योग का अभ्यास करा रहे हैं. पीपल के पेड़ पर एक मचान भी बना है, जहां ज्यादा ऑक्सीजन की चाहत में कोई न कोई बैठा रहता है. सच यह भी है कि यहां कई लोग कोरोना से संक्रमित तो हुए मगर इसका फैलाव गांव में नहीं हुआ.

ढूंढ लिया ऑक्सीजन लेने का नायाब तरीका

ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबरों से सहमे

गांव प्रधान के पति महिपाल यादव ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. गांवों में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. आगरा के गांव नौबरी में भी कई लोग संक्रमित हुए. इस बीच उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों से ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबर आने लगी. इस हालात में लोगों को पता चला कि पीपल के पेड़ ऑक्सीजन का बड़ा प्राकृतिक स्रोत हैं. इस पेड़ के पास योग करना या समय बिताना सेहत के लिए बेहतर है. फिर उन्होंने लोकेंद्र सिंह, धर्मपाल सिंह, भूरा यादव, विनोद पंडित, हरि बाबू, सुरेंद्र अजय, मोनू, राजू और संजू जैसे नौजवानों की टीम बनाई और लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे आने के लिए प्रेरित किया. योग गुरु राजेश धनगर ने लोगों को योगाभ्यास कराने का जिम्मा संभाला. ग्रामीण रामवीर सिंह, भूप सिंह और प्रताप सिंह बघेल ने दावा किया कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने के बाद उन्हें बीमारी से रिकवर होने में मदद मिली . अब हालत यह है कि कुछ लोग पीपल के पेड़ पर बने मचान में भी बैठे रहते हैं.

covid-19 effect villagers believes in peepal tree
पीपल का पेड़ ऑक्सीजन का स्रोत

पीपल तो है ही, साफ-सफाई का भी रखते हैं ख्याल

ग्राम पंचायत नौबरी की ग्राम प्रधान स्नेह लता यादव ने बताया कि उन्होंने कई बार गांव को सैनिटाइज कराया है. गांव में सफाई अभियान चलाया जा रहा है. वह स्वास्थ्य विभाग की टीम से भी लगातार संपर्क में रहती हैं. गांव में अगर किसी को कोई परेशानी होती है तो स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव आकर तुरंत इलाज करती है. गांव में एक अस्थायी अस्पताल भी बना रखा है, जहां ग्रामीणों की जरूरत पड़ने पर उचित देखभाल की जाती है. हालत गंभीर होने पर ही बीमार को शहर भेजते हैं.

स्वास्थ्य केंद्र की टीम भी है गांव में एक्टिव

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली अहीर के प्रभारी अजय विक्रम ने बताया कि उनकी टीम गांव-गांव जाकर लोगों की जांच कर रही है. नौबरी में भी निगरानी टीम सक्रिय तौर से काम कर रही है. वहां की प्रधान और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के लोगों की देखभाल में लगी है. उन्होंने दावा किया कि नौबरी में कोरोना अपने पैर नहीं फैला पाएगा. लोगों को दवाइयों के साथ साथ सरकार की गाइड लाइन से भी अवगत कराया जा रहा है.

नई दिल्ली/आगराः ब्लॉक बरौली अहीर की ग्राम पंचायत नौबरी में इन दिनों पीपल के पेड़ के नीचे अजब नजारा दिख रहा है. प्रधान स्नेहलता यादव की सलाह पर यहां ग्रामीण खटिया डालकर आराम कर रहे हैं. यहां एक योग गुरु भी हैं, जो सुबह-शाम लोगों को योग का अभ्यास करा रहे हैं. पीपल के पेड़ पर एक मचान भी बना है, जहां ज्यादा ऑक्सीजन की चाहत में कोई न कोई बैठा रहता है. सच यह भी है कि यहां कई लोग कोरोना से संक्रमित तो हुए मगर इसका फैलाव गांव में नहीं हुआ.

ढूंढ लिया ऑक्सीजन लेने का नायाब तरीका

ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबरों से सहमे

गांव प्रधान के पति महिपाल यादव ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. गांवों में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. आगरा के गांव नौबरी में भी कई लोग संक्रमित हुए. इस बीच उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों से ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबर आने लगी. इस हालात में लोगों को पता चला कि पीपल के पेड़ ऑक्सीजन का बड़ा प्राकृतिक स्रोत हैं. इस पेड़ के पास योग करना या समय बिताना सेहत के लिए बेहतर है. फिर उन्होंने लोकेंद्र सिंह, धर्मपाल सिंह, भूरा यादव, विनोद पंडित, हरि बाबू, सुरेंद्र अजय, मोनू, राजू और संजू जैसे नौजवानों की टीम बनाई और लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे आने के लिए प्रेरित किया. योग गुरु राजेश धनगर ने लोगों को योगाभ्यास कराने का जिम्मा संभाला. ग्रामीण रामवीर सिंह, भूप सिंह और प्रताप सिंह बघेल ने दावा किया कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने के बाद उन्हें बीमारी से रिकवर होने में मदद मिली . अब हालत यह है कि कुछ लोग पीपल के पेड़ पर बने मचान में भी बैठे रहते हैं.

covid-19 effect villagers believes in peepal tree
पीपल का पेड़ ऑक्सीजन का स्रोत

पीपल तो है ही, साफ-सफाई का भी रखते हैं ख्याल

ग्राम पंचायत नौबरी की ग्राम प्रधान स्नेह लता यादव ने बताया कि उन्होंने कई बार गांव को सैनिटाइज कराया है. गांव में सफाई अभियान चलाया जा रहा है. वह स्वास्थ्य विभाग की टीम से भी लगातार संपर्क में रहती हैं. गांव में अगर किसी को कोई परेशानी होती है तो स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव आकर तुरंत इलाज करती है. गांव में एक अस्थायी अस्पताल भी बना रखा है, जहां ग्रामीणों की जरूरत पड़ने पर उचित देखभाल की जाती है. हालत गंभीर होने पर ही बीमार को शहर भेजते हैं.

स्वास्थ्य केंद्र की टीम भी है गांव में एक्टिव

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली अहीर के प्रभारी अजय विक्रम ने बताया कि उनकी टीम गांव-गांव जाकर लोगों की जांच कर रही है. नौबरी में भी निगरानी टीम सक्रिय तौर से काम कर रही है. वहां की प्रधान और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के लोगों की देखभाल में लगी है. उन्होंने दावा किया कि नौबरी में कोरोना अपने पैर नहीं फैला पाएगा. लोगों को दवाइयों के साथ साथ सरकार की गाइड लाइन से भी अवगत कराया जा रहा है.

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