नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर पुलिस की ओर से छापा मारे जाने की वीडियो फुटेज संरक्षित करने की मांग पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. ड्यूटी मजिस्ट्रेट अंशुल सिंघल ने इस मामले के जांच अधिकारी को 27 दिसंबर को छापे की वीडियो फुटेज के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
पुलिस ने छापे की वीडियो फुटेज उपलब्ध नहीं कराया
प्राचा ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर 24 दिसंबर की दोपहर करीब बारह बजे से लेकर दरम्यानी रात के तीन बजे तक छापा मारी की थी. जिसके बाद पुलिस को छापे के दौरान मिली चीजों के बारे में संबंधित कोर्ट को सूचना देनी चाहिए थी. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है. महमूद प्राचा ने कहा कि छापे की पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की है, लेकिन जब वो वीडियो फुटेज मांगा गया तो पुलिस ने देने से इनकार कर दिया. उन्हें वीडियो फुटेज लेने का कानूनी अधिकार है. उन्होंने कहा कि छापे के दौरान राजीव नामक व्यक्ति और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ झूठे केस करने की धमकी दी. प्राचा ने पूरे मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
जांच के नाम पर कानून के उल्लंघन का आरोप
प्राचा ने कहा कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश की आड़ में जांच के नाम पर कानून का खुला उल्लंघन किया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले 24 दिसंबर को प्राचा के दफ्तर पर दोपहर में छापा मारा था. छापे की ये कार्रवाई देर रात तक चलती रही. उसके बाद प्राचा ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. प्राचा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के कई आरोपियों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं.
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