नई दिल्ली: दिल्ली में एक दंपति ने बैंक के पास गिरवी एक संपत्ति बेचने की कोशिश की. उन्होंने इसके लिए 6 करोड़ रुपए एडवांस भी ले लिए, लेकिन संपत्ति खरीदार को नहीं मिली. पीड़ित की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर आरोपी को उसकी पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया है.
26 अगस्त, 2015 को किए थे कागजों पर हस्ताक्षर
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, अनिल अग्रवाल ने आर्थिक अपराध शाखा से शिकायत कर बताया था कि वह 2014 में एक प्रॉपर्टी तलाश रहे थे. वह संजय अग्रवाल नामक डीलर से मिले जिसने उन्हें मदन मोहन मित्तल और उसकी पत्नी से मिलवाया. मदन मोहन ने उन्हें बताया कि उसकी प्रॉपर्टी पत्नी के नाम पर है. इससे संबंधित दस्तावेज भी उसने दिखाए. उन्होंने इस संपत्ति के लिए 6 करोड़ रुपए दंपत्ति को दे दिए. 26 अगस्त, 2015 को इसे लेकर एक दस्तावेज भी साइन किया गया. इसमें 30 नवंबर, 2015 को पूरे दस्तावेज उनके नाम पर करने की बात कही गई.
2017 में हुआ ठगी का खुलासा
अगस्त, 2017 में प्रॉपर्टी मालिक ने उन्हें बताया कि यह संपत्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास गिरवी रखी हुई है. कुछ समय बाद पीड़ित ने एसबीआई के द्वारा अखबार में निकाला गया एक विज्ञापन देखा, जिसमें बताया गया था कि इस प्रॉपर्टी पर बैंक ने अपना कब्जा कर लिया है. जांच में पुलिस को पता चला कि यह संपत्ति 2011 में ही बैंक के पास गिरवी रखी गई थी जबकि 2015 में यह संपत्ति बेचने के नाम पर कारोबारी से छह करोड़ रुपये ले लिए गए. उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि यह संपत्ति गिरवी है. इस बाबत ठगी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर EOW ने जांच शुरू की.
पत्नी समेत आरोपी गिरफ्तार
एसीपी वीरेंद्र सिंह सजवान की देखरेख में एसआई पवन कुमार और महिला एएसआई मंजू छानबीन में जुटे. उन्होंने आरोपी मदन मोहन को उसकी पत्नी सहित गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मदन मोहन मित्तल कालिंदी कॉलोनी का रहने वाला है. वह मेटल का कारोबार करता है और इसके साथ ही एक अन्य कंपनी में निदेशक के पद पर भी कार्यरत है. वहीं उसकी पत्नी भी उसके साथ कारोबार में शामिल है.