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कांग्रेस ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर साधा निशाना, केजरीवाल को बताया मुखर्जी नगर में लगी आग का जिम्मेदार

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने केजरीवाल के शिक्षा मॉडल और दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने मुखर्जी नगर में लगी आग का जिम्मेदार केजरीवाल को बताया है.

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Published : Jun 15, 2023, 7:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आये NEET के एक्ज़ाम में एक हज़ार से ज्यादा बच्चों के पास होने का सेहरा दिल्ली के शिक्षा मॉडल को बांधा, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के अनिल भारद्वाज ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बदहाल बताया. इसके साथ ही उन्होंने राजधानी में चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था को भी ध्वस्त बताया.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी लंदन जाकर दिल्ली के शिक्षा मॉडल का बखान करती है. परंतु 9 वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में एक कदम भी नही उठाया है, जिसका उदाहरण नीट परीक्षा के वर्तमान नतीजों में 39 हजार छात्रों में से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सिर्फ 1000 छात्र ही पास हुए है, जबकि 38000 छात्र प्राइवेट स्कूल के हैं.

10वीं कक्षा के परिणाम में आई कमी: अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2014 के अनुपात में इस साल सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा के परिणाम में 13 प्रतिशत की कमी आई है. 2014 में जहां परिणाम 98.81 प्रतिशत था वहीं 2023 में यह घटकर 85.84 प्रतिशत रह गया है. आम आदमी पार्टी की सरकार की बदहाल शिक्षा मॉडल का ही नतीजा है कि जहां 2014 में दसवीं के छात्र 1,80,203 थे वह 2019 में घटकर 1,66167 रह गए. वहीं बाहरवीं के छात्रों में लगभग 36000 की कमी आई है.

सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स की कमी: 1030 सरकारी स्कूलों में घटते परिणामों का मुख्य कारण इनमें 58 प्रतिशत प्रिंसिपल, 33-34 प्रतिशत अध्यापक और 40-42 प्रतिशत वाईस प्रींसिपलों की कमी है. यही नहीं जिन 22000 गेस्ट टीचरों के कंधो पर शिक्षा व्यवस्था टिकी है. उनको 2014 में पक्का करने का वादा करने के बावजूद केजरीवाल सरकार अभी तक पक्का नही किया है. केजरीवाल सरकार की कुनीति के कारण सम्मान के योग्य टीचर आज दिहाड़ी मजदूर बनकर रहे गये है.

दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई: दिल्ली के ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अनिल भारद्वाज ने कहा कि पिछले 6-8 महीनों से दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, क्योंकि केजरीवाल के पास ट्रेफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कोई योजना ही नहीं है, जिसके कारण दिल्ली की बदहाल सड़कों पर घंटो-घंटो जाम लगता है, जिसे लोग अपने को बेबस महसूस करते है. उन्होंने कहा कि ट्रेफिक व्यवस्था की बदहाली के लिए सड़कों की बदहाल हालत, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का कमजोर होना, निजी वाहनों की बढ़ोतरी सबसे बड़ा कारण है.

इसे भी पढ़ें: NEET Result 2023: केजरीवाल के स्कूलों से 1074 छात्रों ने मारी बाजी, जानें दिल्ली सीएम ने क्या कहा?

DTC बसों की संख्या घटी: 2014 में जहां डीटीसी बेड़े में 7000 बसे थी वह 3500 के लगभग रह गई, जबकि केजरीवाल ने डीटीसी बसों को दुगना करने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए फलाई ओवर बनाने का काम पूरी तरह बिना योजना के चल रहा है, जिसकी वजह से सड़कों पर ट्रेफिक बदहाल है और लोग जामों से लगातार परेशान हो रहे है.

मुखर्जी नगर में लगी आग के जिम्मेदार केजरीवाल: मुखर्जी नगर में लगी आग आखिर में आज मुखर्जी नगर में हुई आग लगने की घटना पर अनिल भारद्वाज ने कहा कि मुखर्जी नगर में लगी आग को बुझाने के लिए भारी ट्रेफिक जाम के चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देर से पहुची और आग पर नियंत्रण पाने में देरी हुई. प्राईवेट कैम्पस में पढ़ने वाले कुछ छात्र भगदड़ के कारण जख्मी हो गए, जिसके लिए दिल्ली के घुमन्तु मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस छात्रों के शीघ्र स्वस्थ्य होने के कामना करती है और दिल्ली सरकार से आग्रह करती है कि झूठे शिक्षा मॉडल का बखान करना बंद करे, क्योंकि जिस कैम्पस में छात्र क्लॉस ले रहे थे उसे क्षमता से अधिक छात्र मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें: AAP Manifesto: सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर लगाया आरोप, कहा- AAP का मेनिफेस्टो और आइडिया चुरा रही कांग्रेस

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आये NEET के एक्ज़ाम में एक हज़ार से ज्यादा बच्चों के पास होने का सेहरा दिल्ली के शिक्षा मॉडल को बांधा, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के अनिल भारद्वाज ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बदहाल बताया. इसके साथ ही उन्होंने राजधानी में चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था को भी ध्वस्त बताया.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी लंदन जाकर दिल्ली के शिक्षा मॉडल का बखान करती है. परंतु 9 वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में एक कदम भी नही उठाया है, जिसका उदाहरण नीट परीक्षा के वर्तमान नतीजों में 39 हजार छात्रों में से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सिर्फ 1000 छात्र ही पास हुए है, जबकि 38000 छात्र प्राइवेट स्कूल के हैं.

10वीं कक्षा के परिणाम में आई कमी: अनिल भारद्वाज ने कहा कि 2014 के अनुपात में इस साल सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा के परिणाम में 13 प्रतिशत की कमी आई है. 2014 में जहां परिणाम 98.81 प्रतिशत था वहीं 2023 में यह घटकर 85.84 प्रतिशत रह गया है. आम आदमी पार्टी की सरकार की बदहाल शिक्षा मॉडल का ही नतीजा है कि जहां 2014 में दसवीं के छात्र 1,80,203 थे वह 2019 में घटकर 1,66167 रह गए. वहीं बाहरवीं के छात्रों में लगभग 36000 की कमी आई है.

सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स की कमी: 1030 सरकारी स्कूलों में घटते परिणामों का मुख्य कारण इनमें 58 प्रतिशत प्रिंसिपल, 33-34 प्रतिशत अध्यापक और 40-42 प्रतिशत वाईस प्रींसिपलों की कमी है. यही नहीं जिन 22000 गेस्ट टीचरों के कंधो पर शिक्षा व्यवस्था टिकी है. उनको 2014 में पक्का करने का वादा करने के बावजूद केजरीवाल सरकार अभी तक पक्का नही किया है. केजरीवाल सरकार की कुनीति के कारण सम्मान के योग्य टीचर आज दिहाड़ी मजदूर बनकर रहे गये है.

दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई: दिल्ली के ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अनिल भारद्वाज ने कहा कि पिछले 6-8 महीनों से दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, क्योंकि केजरीवाल के पास ट्रेफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कोई योजना ही नहीं है, जिसके कारण दिल्ली की बदहाल सड़कों पर घंटो-घंटो जाम लगता है, जिसे लोग अपने को बेबस महसूस करते है. उन्होंने कहा कि ट्रेफिक व्यवस्था की बदहाली के लिए सड़कों की बदहाल हालत, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का कमजोर होना, निजी वाहनों की बढ़ोतरी सबसे बड़ा कारण है.

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DTC बसों की संख्या घटी: 2014 में जहां डीटीसी बेड़े में 7000 बसे थी वह 3500 के लगभग रह गई, जबकि केजरीवाल ने डीटीसी बसों को दुगना करने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए फलाई ओवर बनाने का काम पूरी तरह बिना योजना के चल रहा है, जिसकी वजह से सड़कों पर ट्रेफिक बदहाल है और लोग जामों से लगातार परेशान हो रहे है.

मुखर्जी नगर में लगी आग के जिम्मेदार केजरीवाल: मुखर्जी नगर में लगी आग आखिर में आज मुखर्जी नगर में हुई आग लगने की घटना पर अनिल भारद्वाज ने कहा कि मुखर्जी नगर में लगी आग को बुझाने के लिए भारी ट्रेफिक जाम के चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देर से पहुची और आग पर नियंत्रण पाने में देरी हुई. प्राईवेट कैम्पस में पढ़ने वाले कुछ छात्र भगदड़ के कारण जख्मी हो गए, जिसके लिए दिल्ली के घुमन्तु मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस छात्रों के शीघ्र स्वस्थ्य होने के कामना करती है और दिल्ली सरकार से आग्रह करती है कि झूठे शिक्षा मॉडल का बखान करना बंद करे, क्योंकि जिस कैम्पस में छात्र क्लॉस ले रहे थे उसे क्षमता से अधिक छात्र मौजूद थे.

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