नई दिल्ली: उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की दिग्गज नेता इंदिरा हृदयेश का दिल का दौरा पड़ने से आज निधन हो गया है. दिल्ली के उत्तराखंड भवन में उन्होंने आखिरी सांस ली. इंदिरा हृदयेश के निधन पर पूरी कांग्रेस में शोक की लहर है. कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी और दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र यादव उन्हें याद कर भावुक दिखे.
देवेन्द्र यादव का शोक संदेश
देवेन्द्र यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कांग्रेस की आदरणीय नेता, डॉ इंदिरा हृदयेश जी के अकस्मात निधन से मन शोकाकुल है. उनका अभाव पार्टी सदैव महसूस करेगी. हमारा प्रयास रहेगा, उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण कर, उनके जीवन से प्रेरणा ले उत्तराखण्ड के लिए उनके सपनों को हम साकार कर सकें. यह उनको हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
इंदिरा हृदयेश का सफर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 7 अप्रैल 1941 को जन्मीं इंदिरा हृदयेश का राजनीतिक सफर काफी शानदार रहा. उत्तराखंड में उनकी पहचान कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में थी. इंदिरा हृदयेश को एनडी तिवारी की सरकार में सुपर मुख्यमंत्री तक तक कहा जाता था. उस समय ये प्रचलित था कि इंदिरा जो कह दें, वह पत्थर की लकीर होती थी. साल 2007 से 2012 तक में इंदिरा हृदयेश चुनाव नहीं जीत सकीं, लेकिन 2012 में एक बार फिर वह विधानसभा चुनाव जीतीं. विजय बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में वित्त मंत्री व संसदीय कार्य समेत कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा हृदयेश ने हल्द्वानी से जीत हासिल की. इस दौरान कांग्रेस विपक्ष में बैठी, तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व करने का मौका भी मिला.