नई दिल्ली: ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा मांगा. सभी पार्टियों की तरफ से बालासोर में हुए ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने रेल मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने सिर्फ पीएम मोदी के पीआर का काम किया है. उन्हें नैतिकता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ओडिशा रेल त्रासदी एक मानव निर्मित तबाही है. यह पूरी तरह से लापरवाही है, सिस्टम में गंभीर चूक है. खेड़ा ने कहा कि नैतिकता की जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. लेकिन इस सरकार में ना तो नैतिकता दिखती है ना ही नैतिकता की जिम्मेदारी. खेड़ा में कहा है कि प्रधानमंत्री जिस तरीके से देश आप से उम्मीद करता है. उस प्रकार से नैतिकता के आधार पर रेल मंत्री का इस्तीफा ले लेना चाहिए. इससे पहले भी नीतीश कुमार, लाल बहादुर शास्त्री, माधवराव सिंधिया ने इस्तीफा दिया था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि दोषियों को सजा दी जाएगी, उन्हें पहले अपने रेल मंत्री से इसकी शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हैं. इससे कम कुछ नहीं है.
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घातक रेल त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार कौन?: पवन खेड़ा में कहा कि CAG की रिपोर्ट बताती है कि 2017 से 2021 के बीच ट्रेन के पटरी से उतरने की 1127 घटनाएं हुई हैं. मोदी सरकार ट्रैक की मरम्मत और नवीनीकरण का हर साल बजट कम होता जा रहा है. जो बजट है उसका भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. खेड़ा ने कहा कि हम मांग करते हैं कि CAG, संसदीय स्थायी समितियों और विशेषज्ञों द्वारा कई चेतावनियों के बावजूद मोदी सरकार ने रेलवे सुरक्षा को बेहतर बनाने पर खर्च क्यों नहीं किया. खेड़ा ने पूछा कि स्वतंत्र भारत में सबसे घातक रेल त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार है?. उन्होंने पूछा कि क्या केवल निचले या मध्य स्तर के अधिकारी ही जवाबदेही का खामियाजा भुगतेंगे?, या वंदे भारत ट्रेनों का सारा श्रेय लेने वाले कार्यकारी को भी सुरक्षा मानकों की इस बेशर्म अवहेलना के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.