नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण अब राजनीतिक मुद्दा बन गया है. एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ने के साथ-साथ राजनीतिक दल ऐसा कोई तरीका नहीं छोड़ रहे जिससे कि वो लोगों की नजरों में प्रदूषण की समस्या पर गंभीर साबित हो.
इसी प्रयास में साउथ एमसीडी में कांग्रेस ने प्रदूषण के मुद्दे पर शोक प्रस्ताव ही दे दिया. इसके पीछे वजह बताई गई कि प्रदूषण से दिल्ली में किसी-न-किसी की मौत जरूर हुई होगी.
प्रदूषण के मुद्दे पर पार्षद आपसे में लड़े
मामले में कांग्रेस की किरकिरी भी हुई जबकि बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने उनसे ये पूछ लिया कि ऐसे कैसे वो किसी को मार सकते हैं. ऐसी कोई भी जानकारी या आंकड़ा नहीं है, जिसमें प्रदूषण को किसी की मौत की वजह बताया गया हो. बाद में मामला जैसे तैसे रफा-दफा हो गया. हालांकि प्रदूषण के मुद्दे पर पार्षद आपस में लड़ते रहे.
सदन में शोक प्रस्ताव
दरअसल, बुधवार को साउथ एमसीडी में निगम बैठक से हर बार की तरह मेयर सुनीता कांगड़ा ने नेता सदन को शोक प्रस्ताव रखने के लिए कहा था. नेता सदन कमलजीत सहरावत ने यहां पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन की मृत्यु पर शोक प्रस्ताव दिया. वहीं आम आदमी पार्टी की नेता किशनवती ने भी टीएन सेशन के लिए ही प्रस्ताव दिया. इसके बाद कांग्रेसी पार्षद यास्मीन किदवई खड़ी हुईं और प्रदूषण पर शौक प्रस्ताव ले आईं.
बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर पड़ा असर
वहीं किदवई ने तर्क देते हुए कहा कि अभी आंकड़ा नहीं आया है लेकिन प्रदूषण की समस्या से न जाने कितने बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर असर पड़ा होगा और कितने लोगों ने जान गंवाई होगी. उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि इसके लिए 2 मिनट मौन रखा जाए. कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने भी इसका समर्थन किया. हालांकि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि जब हमें पता ही नहीं कि प्रदूषण से जानमाल की हानि हुई है नहीं तो हम कैसे जीते-जी लोगों के लिए शोक मना दें.