नई दिल्ली: राजधानी में महिलाओं को मेट्रो व डीटीसी बसों में फ्री राइड कराने की योजना शुरुआती चरण में ही लेटलतीफी का शिकार हो गयी है. ठीक एक सप्ताह पहले 3 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए फ्री राइड योजना का ऐलान किया था और मेट्रो और ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन आज 10 जून को यह मियाद पूरी होने के बाद विभाग ने रिपोर्ट नहीं दी.
'अधिकारी नहीं तैयार कर पाए रिपोर्ट'
दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर केजरीवाल सरकार सार्वजनिक परिवहन के सबसे बड़े साधन डीटीसी और मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा कराने की तैयारी कर रही है. इस योजना को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह प्रेस कांफ्रेंस किया था. लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारियों को जो रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे, वह नहीं हो पाया.
इधर जिस तरह आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों को पूरे सप्ताह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में आम लोगों से इस योजना पर रायशुमारी लेने को कहा है, इससे साफ पता लगता है कि विभागीय रिपोर्ट के बाद अब केजरीवाल सरकार पार्टी के विधायकों द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर ही आगे कुछ फैसला लेगी. ऐसा होने में कम से कम1 महीने का समय लग सकता है.
यह है योजना
केजरीवाल ने कहा था कि हम ऐसा प्रावधान करेंगे कि महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर मेट्रो या डीटीसी और क्लस्टर को जो नुकसान होगा उसे सरकार सब्सिडी के देकर भरपाई करेगी. चूंकि मेट्रो को भी इसमें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. इसकी भरपाई हो जाएगी. तो उन्हें नहीं लगता मेट्रो अधिकारियों को इसे लागू करने में कोई समस्या आने वाली है. फिर भी इसे कैसे और किस रूप में लागू किया जाए इस पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम तथा आप दिल्ली परिवहन विभाग को अधिकारियों से सभी पहलुओं पर विचार कर एक रिपोर्ट देने को कहा गया है.
रिपोर्ट आने के बाद भी लागू करने की है लंबी प्रक्रिया
बता दें कि योजना को लेकर संबंधित विभाग अपनी रिपोर्ट दे भी देगी तो उसे लागू करने की प्रक्रिया काफी लंबी है. रिपोर्ट आने के बाद एक कैबिनेट नोट बनाया जाएगा और कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर इसे विधानसभा में भेजा जाएगा. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाना पड़ेगा और उस सत्र में इस एजेंडे को पास कर सरकार महिलाओं के मेट्रो और डीटीसी बसों में मुफ्त सफर की योजना को लागू कर पाएगी.