नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के साथ दिल्ली विधानसभा में मीटिंग की. इस मीटिंग में केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसानों को हर तरह के समर्थन और सहयोग की बात दोहराई. किसानों ने भी अरविंद केजरीवाल की तरफ से अब तक मिले सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया.
'एमएसपी पर हो फसलों की खरीद'
बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये किसान तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा करने आए थे. मुख्यमंत्री ने कहा ये तीनों कानून किसानों के डेथ वारंट पर साइन करने जैसा है. इसलिए सब लोगों ने एक बार फिर से केंद्र सरकार से मांग की है कि ये कानून वापस लिए जाएं और सभी 23 फसलों की एमएसपी पर खरीद की गांरटी दी जाए.
'महापंचायत को लेकर सीएम की उम्मीद'
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग हम सभी ने यहां से फिर से दोहराई है. 28 फरवरी की महापंचायत को लेकर सीएम ने कहा कि मेरठ में महापंचायत है और उसमें भी भारी संख्या में किसान मौजूद रहेंगे. वहां तीनों कानूनों पर चर्चा की जाएगी और इन्हें वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से अपील की जाएगी.
'किसानों से बातचीत करे केंद्र सरकार'
मुख्यमंत्री ने इसे लेकर आपत्ति जताई कि क्यों किसानों के साथ केंद्र सरकार की हो रही बैठकें बंद कर दी गईं. उन्होंने कहा कि समाधान बातचीत से ही निकलेगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र को किसानों की बात सुननी चाहिए. सरकार किसानों की नहीं सुनेगी, तो किसकी बात सुनेगी. इस मीटिंग को लेकर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह से बातचीत की.
'संजय सिंह ने कहा, सबका मिलेगा साथ'
संजय सिंह ने कहा कि किसान तीनों कानूनों को हटवाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसी पर चर्चा के लिए आज यहां खाप चौधरी और किसान नेता आए थे. उन्होंने कहा कि 28 फरवरी की महापंचायत में हमें सबका समर्थन मिलेगा. वहीं दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान महापंचायत में शामिल होंगे.
'गांव-गांव जाकर करेंगे जागरूक'
कैलाश गहलोत ने कहा कि गांव गांव में जाकर ये किसान कृषि कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक व्यक्ति के बुलाने से महापंचायत में लोग नहीं आते, खेती किसानी से इन किसानों की भावना जुड़ी है. इसलिए महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और यह संख्या 28 फरवरी को भी दिखेगी. राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की.
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'केजरीवाल का समर्थन हमारा कर्तव्य'
रोहित जाखड़ ने कहा कि एक तरफ भारत सरकार ने किसानों की राह में कांटे लगवा दिए. वहीं अरविंद केजरीवाल ने हमारे लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था की और आज विधानसभा में बुलाकर हमारा सम्मान किया है. उन्होंने कहा कि इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हों. कई किसानों ने खुलकर उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की.
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'AAP के साथ हैं किसान'
बागपत से आए किसान सोमेंद्र ढाका ने खुलकर कहा कि सियासत के जरिए ये कानून आए थे और सियासत के जरिए ही इन्हें वापस कराया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने जिस तरह दिल्ली में बुनियादी काम किए हैं, उसी तरह यूपी में भी करेंगे. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें और किसान पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के साथ हैं.